Bhool Bhulaiyaa 3

गोविंदपुरा गाँव की पंचायत में घोषणा दी गयी है कि आज दोपहर कालीगंज की पहाड़ी की दो चोटियों के बीच बंधी रस्सी के ऊपर एक नाग सम्प्रदाय की लडकी Paro, चलकर अपनी पवित्रता का इम्तिहान देगी। गोविंदपुरा के जमींदार और नागसम्प्रदाय के मुखिया के बीच रिश्ते कुछ अच्छे नही चल रहे है।

क्योकी नाग सम्प्रदाय की लडकी पारो के पेट में पल रहा बच्चा, गांव के एक बडे जमींदार के बेटे का है। 

नाग सम्प्रदाय के मुखिया का कहना है,” इस में सिर्फ हमारी पारो बिटिया का दोष नहीं है, बल्कि  जमींदार का बेटा भी इस गुनाह में बराबर का हिस्सेदार है। इसलिए उसे पारो से शादी करनी पड़ेगी। 

 इधर गोविंदपुरा के जमींदार का कहना है कि नाग सम्प्रदाय एक बहुत नीची जाती का है, जो उसकी बराबरी का नहीं है। और पारो के पेट में में पल रहा बच्चा जमींदार के बेटे का ही है इसका कोई ठोस सबुत भी तो नहीं है। इसलिए किसी भी सूरत में ये रिश्ता नहीं हो सकता है।

Last में दोनों गुटों में मिलकर ये decision लिया जाता है, कि कालीगंज की दोनों पहाड़ियों की चोटियां लगभग 200 मीटर ऊंची है, अगर पारो पवित्र है तो वो उन दोनों चोटियों के बीच बंधे रस्से पर चल कर अपनी पवित्रता का प्रमाण दे।

पारो के पिता के मना कर दिया, लेकिन पारो दोनों पहाड़ियों की चोटी पर बंधे रस्से पर चलने के लिए तैयार हो जाती है। Balance के लिए एक बांस का सहारा लेकर पारों रस्से पर चलती है। काली गंज की दोनों पहाड़ियों की आपसी दूरी लगभग 500 मीटर है, और  देखते देखते पारो 300 फिर 400 मीटर की दूरी तय कर लेती है। लेकिन पारों की कमयाबी जमींदार को बर्दास्त नहीं होती है और वो अपने आदमी को इशारा करके दूसरी तरफ की चोटी पर बंधी रस्सी को काटवा देता हैं। इतनी ऊंचाई से गिरने के कारण पारो और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो जाती है।

पर मरने से पहले पारो ने गोविंदपुरा के सारे गाँव वालो को श्राप दिया, कि उसके साथ छल करने का नतीजा अच्छा नही होगा। और अब इस गाँव में जिसके पास धन रहेगा, उसके पास जन (लोग) नहीं रहेंगे और जिसके पास जन रहेंगे, उसके पास धन नहीं रहेगा।

और पारो की मौत के तुरंत बाद वहां पर भयानक अकाल पड़ा जिसके कारण ज़्यादार लोगों ने उस गाँव से छोड दिया। जो बचे वो आज भी उनके खुद के बच्चे नहीं हैं, जिसकी वजह से उन्हे उनकी बेटियों की सन्तानो को गोद लेना पड रहा है।

वक़्त के साथ परिस्थितियां बदलती गयी, पारो की मौत की घटना को लगभग 300 वर्ष बीत चुके है। पीढ़ियां बदल गई और पारो के श्राप को लोग झुठ और अन्धविश्वास मानने लग गए।  

लेकिन गांव के हर युवा के साथ विवाह की समस्या आज भी बनी हुई थी। हर तरह से योग्य होने के बावजूद भी उनका विवाह नहीं हो पा रहा था, किसी का होता भी, तो तलाक़ हो जाता और कुछ की पत्नियां भाग जाती।

गाँव में एक बहुत पुराना राधा कृष्ण का मंदिर है, जिसके पुजारी का नाम श्रीधर है और उसकी खुद की कोई संतान नहीं थी। तो उसने अपनी बहन के पुत्र को गोद लिया हुआ था, जिसका नाम महेश है। 

महेश की शादी के लिए दूर गांव से एक रिश्ता आया और श्रीधर ने हाँ भर दी। महेश को इस बात की खबर भेजी गयी, जो शहर में सरकारी नौकरी कर रहा था। डाकिया पत्र के साथ लड़की की फोटो भी लेकर पहुंच गया और लड़की की फोटो देखकर महेश का मन भी खुश हो गया।  

महेश खुश होकर सो जाता है और उसकी आँख लगते ही उसको एक भयानक सपना दिखाई देता है। फोटो में जो सुंदर लड़की थी, वो एक भयानक चुड़ैल का रूप

में होती है और वो महेश का गला दबाने लगती है। गले पर चुड़ैल के पंजो का शिकंजा कसता जाता है, जिससे महेश का दम घुटने लगता है। और अचानक वो चीख पड़ता है तो उसकी आँख खुलती है, चुड़ैल अँधेरे में गुम हो जाती है। 

 

अगली सुबह पिता की आज्ञानुसार महेश फ़ौरन गोविंदपुर जाता है, अपने साथ हुई घटना का किसी से ज़िक्र नहीं करता है। और वो पिता के कहने से विवाह के लिए तैयार हो जाता है। 

बारात गांव से रवाना होती है, सभी बाराती नाच गा रहे है। बारात जैसे ही बडे main gate पर पहुँचती है तो उस वहां एक भयानक विस्फोट होता है। तभी उस gate के ऊपर महेश को वही चुड़ैल बैठी दिखाई देती है। और हंसकर चली जाती है। 

विस्फोट को यूही समझ कर बाराती आगे बढ़ते हैं और शादी हो जाती है। विदाई के बाद बहू घर आती है और कई बार महेश को जान से मारने की कोशिश करती है। पर हर बार fail होने की वजह से आखिर एक दिन वो बहू फांसी पर लटक कर अपनी जान दे देती है।

श्रीधर जानता था कि हो ना हो अभी भी इस गाँव पर वो श्राप लगा है।  श्रीधर पारो की आत्मा की शांति के लिए मंदिर में पुजा कराता है,जिसमे दूर दूर से जाने माने तपश्वियों को बुलाया गया। लेकिन जिस दिन यज्ञ का अंतिम दिन था, उसी दिन आहूति देते समय यज्ञ की अग्नि बुझ जाती है। आसमान पर चारों तरफ अँधेरा छा जाता है , तब उस अँधेरे में पारो का चेहरा प्रकट होता है। और कहती है कि तुम्हे अपने कर्मों की सजा भुगतनी पड़ेगी। तुम सबके सब जन रहेगा, तो धन नहीं रहेगा, धन रहेगा तो जन नहीं रहेगा। ये बोलते हुए पारो अँधेरे में गुम हो जाती है। 

तब से गोविंदपूरा में ये मुसीबत बनी रही।

Comment Your Thoughts.....

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

Related Post

Dunki

अब इस साल के सबसे बड़े क्लेश यानी सलार vs डंकी के आने में बस कुछ ही दिन बचे है और इस फिल्म में एक

Read More »
Jawan , Shahrukh Khan. bollygradstudioz.com

Jawan

kahani mai Leader apna naam Aarav rakh kar Abhimanyu ghar mai rehne lagta hai. Aadhi raat ko jab vo College mai RDX khojne jata hai

Read More »
Khalnayak 2 ,Sanjay Dutt, Jackie Shroff, Tiger Shroff, Madhuri Dixit,Bollygrad Studioz bollygradstudioz.com

Khalnayak

Khalnayak भारत की सबसे ज्यादा सुरक्षित और hightech जेल, तिहाड़ जेल। पर वो कहते है न चाहे जितनी भी सुरक्षित जेल क्यों ना हो CCTV

Read More »

Bollygrad Studioz

Get the best streaming experience

Contact Us

41-A, Fourth Floor,

Kalu Sarai, Hauz Khas,

New Delhi-16

 

011 4140 7008
bollygard.fti@gmail.com

Monday-Saturday: 10:00-18:00​