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Dr. Bhalla ने सुनी partition की stories?

 

The 1947 Partition Archive, एक non profit oral history organisation है, जो कि Berkeley, California में है और एक registered trust भारत की capital delhi में है। The 1947 partition archive, जो 1947 में हुए भारत के Partition की information को collect, preserve और Share करता है। इस organisation की शुरुआत 2010 में हुई, जब डॉ. गुनीता सिंह भल्ला ने San Francisco Bay area में partition के बड़े गवाहों के साथ वीडियो interviews record करना शुरू किया और 2011 में इसे Formalized किया गया। 1947 Partition Archive को बनाने की inspiration हिरोशिमा peace memorial और अलग-अलग होलोकॉस्ट memorial से मिली और इसकी शुरूआत करने वाली Dr.Guneeta Singh Bhalla से जानते है कि क्यो उन्होने 1947 Ind-pak partition की कहानियां इकट्ठा की।

 

Guneeta Bhalla का जन्म दिल्ली में हुआ था और उनके पिता का जन्म लाहौर, पाकिस्तान में हुआ था। उनके परिवार को 1947 में नए भारत में shift करने के लिए मजबूर होना पड़ा था और जिसकी वजह से उन्हें शुरुआती दिनों में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और finally वो दिल्ली में बस गए, लेकिन जब Guneeta दस साल की थी, तब वो US चली गई थी।

 

Dr. guneeta bhalla एक proffessional physicist है और जनवरी 2013 में, The 1947 Partition Archive में, एक Fulltime volunteer director के रूप में शामिल होने से पहले वो Lawrence Berkeley National Laboratory And University Of California में पोस्ट-डॉक्टोरल researcher के रूप में काम कर रही थी।  

 

लेकिन अपनी job छोडकर, Dr. bhalla ने क्यों partition के लोगों का कहानी सुनना ज्यादा पसंद किया होगा, इसका reason बताते हुए वो कहती है कि, Basically वो अपने दोनों तरफ के दादा-दादी से Partition के बारे में कहानियाँ सुनते हुए बड़ी हुई है और mainly अपने उन दादा-दादी से जिन्हें वास्तव में shift होना पडा था।  50 या 60 साल बीतने के बाद भी वो वास्तव में अपने पूर्वजों के घर और जमीन को छोड़ने से नहीं उभरे थे। Dr. bhalla समझती थी, कि ये वास्तव में दर्दनाक और बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने वाला incident था, लेकिन इसके बारे में वहां अमेरिका में हाई स्कूल में, Bhalla को कभी नहीं मिला। Bhalla ने notice किया कि उनकी textbooks में कभी India-Pakistan के partition के बारे में नही लिखा गया है। जब कि इसके opposite, उन्होने अपने World history class में पूरे सेमेस्टर के लिए यूरोप और हिरोशिमा/नागासाकी में हुई प्रलय के बारे में पढा है।  

 

उस वक्त जब Dr. bhalla ने अपने clasmates को बताने की कोशिश की थी और यहां तक ​​कि सालों बाद जब उसने कॉलेज और graduation स्कूल में इसके बारे में बात करने की कोशिश की, तो reaction हमेशा एक जैसा था, ये शायद “कोई बड़ी बात” नहीं थी क्योंकि इसके बारे में कही लिखा नही गया है। इस बात से Dr. bhalla काफी परेशान थी।  क्योंकी उन्होने जो कहानियां सुनीं, उनका डर, उनकी feelings के बारे में कोई नही जानता और इसलिए उनका reaction इतना offending लग रहा था और हम इतने बड़े historical event को बिना किसी documentation के इतनी आसानी से ignore करना, Dr. Bhalla को परेशान कर रहा था।

 

उन्हे डर था कि हम एक ऐसी दुनिया में रहने जा रहे हैं जहां इतिहास खुद को दोहराता रहेगा। उदाहरण के लिए, 2000 के दशक की शुरुआत में, उन्होंने TV पर Iraq में वही होते हुए देखा, जो विभाजन के वक्त हमारे देश में हुआ था, जब Governance का पूरा system अचानक बदल दिया गया था‌ और पहले से partitipn के बारे में जानने के बाद Dr. Bhalla Iraq में होने वाली चीजो का आसानी से अंदाजा लगा पा रही थी। 

 

Dt. bhalla का मानना था कि विकिपीडिया और किताबों में Partition के जो numbers हमें मिलते हैं, वो partition की cruelty का सही meaning नहीं बता सकते हैं और ना ही ये express करा सकते है कि जो उस वक्त वो अत्याचार सह रहे थे, अपने पुराने घरों को छोडकर बेघर हो रहे थे, उन्होने उस वक्त क्यों और कैसे वो फैसले लिए थे और उन feelings को लोगों तक पहुंचाने के लिए बंटवारे के बारे में लोगों को उनकी दादी से सुनना चाहिए, ना कि किताबों से या फिर Dr. Bhalla से। क्योंकी सिर्फ जो उस वक्त के cruelity और trauma से गुजरे है, वही इसे लोगों तक convey कर सकते है।

 

एक trauma जिसने लाखों लोगों को effect किया, इतनी population जो कई western europeon nations के compare में बडी है।  फिर भी कोई इस बारे में बात नहीं कर रहा था और Dr. bhalla को ये बीत बहुत खटक रही थी कि उनके आस पास के जितने भी लोग थे, उनमें से Almost किसी ने इसके बारे में सुना भी नहीं था।  

 

Dr. bhalla ने सोच लिया था, कि एक दिन वो partition के बारे में ज्ञान की कमी को बदलना चाहती है।  लेकिन उन्हें ये करने के लिए inspiration मिली जब वो 2008 में हिरोशिमा peacefull memorial पर गई। वो उस वक्त जापान में University of Tokyo में अपने PH.D reserach के लिए गई थी और तब उन्होने हिरोशिमा में भी visit किया था। उनके great grandfather, second World War  के दौरान वहां तैनात थे और बम गिराए जाने के वक्त वो हिरोशिमा से ज्यादा दूर नहीं थे और इसी reason की वजह से वो Hiroshima गई थी।  हालाँकि, जब वहां उनकी नजरे हिरोशिमा में Witness archives पर पडी, तब उन्हें ये idea आया। जिंदा बचे लोगों से परमाणु बम के experience की कहानियां सुनना बहुत powerful था। अचानक ये सब बहुत realistic था और वो उनका दर्द feel कर पा रही थी, जो की video में mushroom clouds उडते हुए और घंटो बैठकर इसके बारे में पढकर कभी महसूस नही किया जा सकता था। जैसे ही उनके दिमाग में idea click हुआ, उन्हें पता था कि, 1947 partition के लिए भी यही करना होगा और 2009 में फरीदकोट कहे जाने वाले एक छोटे से प्राचीन शहर में भारत की visit के वक्त उन्होंने अपने hobby camcorder में partition witnesses के stories को record करना शुरू कर दिया।

 

2010 में, उनके परिवार का आखिरी Member जिसे partition याद था, उसकी कहानी रिकॉर्ड करने के लिए वो वहां जा ही रही थी, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई। 

तब तक वो Berkeley में रह रही थी और इस खबर से वो काफी परेशान हुई क्योंकी ना सिर्फ वो उनकी gamily member था, बल्कि उनके साथ partition की वो knowledge भी चली गई थी। उनके great uncle अपने साथ अपार knowledge और wisdom ले गए थे और अब वो हमेशा के लिए चला गया था। यह वो moment था, जिसने उन्हें महसूस कराया कि, इस काम को बड़े पैमाने पर करने की जरूरत है। उनके जैसे कई और लोगों को वहाँ कहानियाँ collect करने की जरूरत थी।  उन्होंने 2010 के end और 2011 की शुरुआत में एक टीम की recruiting शुरू की और 2011 में उन्होंने  1947 Partition Archive को registered किया। दुनिया भर से कहानियों को जल्दी और effectively इकट्ठा करने के लिए, उन्होंने कहानियों को croud-source से collect करने का फैसला किया, जिसके लिए उन्होंने पहले लोगों को free ऑनलाइन सेमिनार से Oral history interview record करना सिखाया।  Citizen historians आने वाली पीढ़ी के लिए The Archive में कहानियां रिकॉर्ड और submit करते हैं।  

 

इस तरह से Dr. bhalla से हुई शुरुआत, जिसमें फिर उनके साथ देने के लिए काफी लोग volunteer करने लगे। अब उनकी टीम global है और hundreds of volunteers ने इस कार्य को possible बनाया है।  अभी उनके  पास south एशिया में कुल 11 टीम members हैं और United States में 18 हैं। उनके पास 9 देशों में 200 से अधिक Citizen historians हैं। साथ में उन्होंने 1100 oral history interviews record किए हैं, जो 1 से 9 घंटे की lenght और HD वीडियो quality में हैं। क्योंकी Oral history method में partition की life stories शामिल है, तो उन कहानियों के जरिए partition की knowledge के साथ साथ और भी काफी information इस collection मे record हो रही थी। जैसे कि पिछली संस्कृतियों को भी रिकॉर्ड किया जा रहा था। उन्होंने cultural practices से लेकर, पहले का क्या पहनावा था, उस समय का फैशन, लोगों ने जो खाना खाए और खाना पकाने के अलग तरिके और Agricultural practices तक सब कुछ Record किया था। इस process में उन्होंने बीती हुई बोलियों का भी documentation किया हैं। इसलिए ये काम ना केवल partition के इतिहास के रूप में important है, बल्कि Pre-partition और post-partition दोनो में हुए cultural और economic changes में intrested लोगों के लिए important होगा। 

 

Dr. gurmeet Bhalla का कहना है कि, उनका main principle वास्तव में बहुत से लोगों के साथ मेल खाता है, क्योंकी हम strongly ये believe करते हैं कि, 1947 Partition archives लोगों द्वारा और लोगों के लिए बनाया जाना चाहिए।  यह एक ऐसा इतिहास है जो हम सभी का है और हमारे सभी दादा-दादी और माता-पिता ने इसे आकार देने में अपना एक role निभाया है। हमें इसे collectively accept करना चाहिए और इस resource को अपने और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए बनाने में मदद करनी चाहिए, ताकि हम इससे सीख सकें और अपने leaders को future में और informed decisions लेने में मदद कर सकें और आगे आने वाली generation 1947 के India pakistan के partition से कुछ सीख ले सके, कि कहाँ, कब और कैसे दो पडोसी देशों के बीच बात बिगडी की इतने मासूमों की जान से उसकी भरपाई की गई।

 

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