Drishyam 3
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हैवानियत की saa re हदें पार।
Junko पर हो रहे अत्याचार कम नहीं हुए, एक-एक दिन में उसके साथ कई कई बार बलात्कार किया जाता, कई बार तो उसके साथ एक ही दिन में 12 अलग-अलग लोग बलात्कार करते, पूरे दिन उसे पीटा जाता वह junko के दोनों हाथ दीवार से बांधकर उसे पंचिंग बैग की तरह मारते और तब तक मारते रहते जब तक उसके मुंह से खून नही निकल जाता, जिसकी वजह से junko अब नाक से सांस नहीं ले पा रही थी, उसे मुंह से सांस लेनी पड़ रही थी। वह चारो सिगरेट पीने के बाद junko के शरीर और उसके प्राइवेट पार्ट से अपनी सिगरेट बिछाते उनकी हैवानियत यहीं नहीं रुकी, इसके अलावा वो लोग गरम मोमबत्ती कि मॉम उसके पूरे शरीर पर गिराते और तब तक गिराते जब तक मोमबत्ती की आखिरी बूंद खत्म नही हो जाती, उसे जबरदस्ती कॉकरोच खिलाया जाता था। इतना सब कुछ करने के बावजूद उनका वैसीपन कम नहीं हुआ और वह लोग junko के प्राइवेट पार्ट में कभी लोहे की रॉड, कभी बोतल, घुसाते तो कभी कैची, एक बार तो उन्होंने उसके प्राइवेट पार्ट में जलता हुआ गरम बल्ब तक घुसा दिया था।
मतलब कोई इंसान इतनी हैवानियत कैसे कर सकता है, ऐसा सोच कर ही पूरे शरीर में सिरन पैदा हो रही है, पता नहीं junko ने यह सब कैसे सहा होगा, मुझे तो लगता है वह इंसान कहलाने के लायक नहीं है, शायद ही junko के शरीर का कोई ऐसा हिस्सा होगा जो जख्मी ना हुआ हो। 30वा दिन आते आते junko की हालत ऐसी हो गई थी कि उसे बाथरूम जाने के लिए भी जमीन पर रेंग कर जाना पड़ता था, जिसमें कभी-कभी तो एक-एक घंटा लग जाता था। अब तक करीब 100 लोग अलग-अलग वक्त में 400 से भी ज्यादा बार उसका बलात्कार कर चुके थे।
लगातार टॉर्चर की वजह से junko के blatter ने भी कंट्रोल खो दिया, इसलिए कई बार उसके बाथरूम में पहुंचने से पहले उसका पेशाब निकल जाता, उसके शरीर ने खाना पचाना भी बंद कर दिया था, अगर वह पानी भी पीती तो वह उल्टी कर देती और इसके लिए भी उसे पीटा जाता कि उसने उल्टी क्यों की, कई बार junko ने उनसे अपनी मौत की भीख मांगी लेकिन उन दरिंदों ने उसे मौत भी नहीं दी। वक्त बीतने के साथ junko के शरीर पर जो जख्म थे उन्हें से पस बनने लगा और उसके शरीर से बदबू आने लगी, जिसकी वजह से अब उन चारों का इंटरेस्ट उस से हटने लगा।
मगर उन्हें अपनी हवस मिटाने के लिए कोई ना कोई तो चाहिए था, तो वह 27 दिसंबर 1988 की रात junko को minato के घर में छोड़कर बाहर निकलते हैं और रात करीब 2:30 बजे के आसपास एक 19 साल की लड़की किडनैप कर उसे चाकू से डराकर होटल ले जाते हैं। फिर उसके साथ भी गैंग रेप करते हैं और जब उनका मन भर जाता है तब उसे छोड़ देते हैं और यह वही लड़की है जिसके रेप के आरोप में बाद में मियानो और उसके दोस्त को पकड़ा गया था। खैर इसके बाद 1988 का 4 साल बीत जाता है और 1989 का नया साल आ जाता है। मायनों और उसके दोस्त नया साल मना रहे थे और इधर junko अपनी मौत का इंतजार कर रही थी।
4 जनवरी 1989 को miyano एक गेम के अंदर बहुत सारे पैसे हार जाता है, जिसकी वजह से वह बहुत गुस्से में था, उसके बाद वह minato के घर पहुंचता है और अपनी इस हार का गुस्सा junko पर निकालता है और उसे बुरी तरीके से पीटता है। उसके बाद वह सभी मिलकर एक बार फिर से junko के उपर लात और बुसे बरसा रहे थे, junko का पूरा चेहरा सूजा पड़ा था, फिर भी वह दरिंदे उसके चेहरे पर गर्म मोम गिरा रहे थे। उसके बाद junko को सीधा जमीन पर लेटा दिया गया और जो लोहे का डंबल होता है, उसे ऊपर से सीधा उसके पेट पर, कभी पैर पर तो कभी हाथों पर गिराने लगे, इसके बाद में मायनों थोड़ा-थोड़ा करके लाइटर का तेल उसके पूरे शरीर पर थोड़ा-थोड़ा करके गिरा रहा था और उसे किस्तों में जला रहा था। उस रात तकरीबन 2 घंटे तक उन चारों ने junko के साथ दरिंदगी की
शुरुआत में junko ने इन हमलों से अपने आप को बचाने की कोशिश की मगर थोड़ी देर बाद ही उसने भी रिस्पांस देना बंद कर दिया, एक तरह से वह एक जिंदा लाश बन गई थी।
यह सब करने के बाद वह चारों junko को वहीं छोड़ कर चले गए। मगर उस रात म्यानो ने जो लाइटर का तेल होता है वह कुछ ज्यादा ही डाल दिया था और लगातार 2 घंटे तक चले इस टॉर्चर को junko झेल नहीं पाई और 40 दिनों के इस नरक को झेलने के बाद, 4 जनवरी 1989 की उस रात junko की मौत हो गई, और मुझे लगता है कि अच्छा हुआ कि उस रात उसकी मौत हो गई वरना ना मालूम और कितने दिन उस को यह दरिंदगी झेलनी पड़ती।
Divanshu