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Indian नेवी ने डुबाई PNS गाजी
भारत पाकिस्तान 1971 युद्ध अपने चरण सीमा पर था पाकिस्तान लगातार भारत से हारते जा रहा था और उसके लिए INS विक्रांत बहुत बड़ी मुसीबत बन गया था इसलिए पाकिस्तान ने PNS गाजी को विक्रांत को मारने भेजा PNS गाजी को ऑर्डर था कि उसे विक्रांत को बंगाल की खाड़ी में ही तबाह करना है. अब पाकिस्तानियों का इतना अच्छा दिन तो था नहीं, भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ को पाकिस्तान के प्लान के बारे में पता चल गया, अब विक्रांत को बचाना हर हाल में जरूरी था, इसीलिए हम लोगों ने विक्रांत को एक्स्ट्रा प्रोटेक्शन दिया अब PNS गाजी INS विक्रांत को मारने निकल पड़ा, PNS गाजी को अगर कोई जहाज डूबा सकता था तो वह था INS राजपूत लेकिन जो INS राजपूत था उसका इंजन खराब हुआ पढ़ा था, इसलिए उसकी रिपेयरिंग विशाखापट्टनम में चल रही थी, अब हमने प्लान बनाया क्यों ना पाकिस्तान की PNS गाजी को विशाखापट्टनम में हम खुद बुलाये और उसे डूबा दे, तो सबने बोला वह खुद आएगा विशाखापट्टनम मैं! भारतीय नेवी हेड ने कहा है वह खुद आएगा। भारतीय को पता था कि हिंदुस्तान में पाकिस्तानियों के कुछ ना कुछ जासूस तो होंगे जो उन्हें पल-पल की खबर दे रहे होगे, भारतीयों ने इसी का फायदा उठाने की सोची और INS विक्रांत के जितने भी अधिकारी थे उन सब को कहा कि आप लोग अपने घर पर फोन करके बोलो कि आप लोग विशाखापट्टनम आ रहे हैं। आपको छुट्टी मिली है इसीलिए विशाखापट्टनम में 10 दिन रुकेंगे आप लोग हमारे खाने पीने की तैयारी करो और साथ ही साथ विशाखापट्टनम में जितने भी मछुआरे हैं उन सब को वहां से हटा दिया गया और उन्हें कहा गया कि यहां बहुत बड़ा जहाज आ रहा है INS विक्रांत, इसके साथी 6 महीने का खाना पानी राशन का आर्डर दिया गया।
अब यह बात पाकिस्तान में आग की तरह फैल गई और पाकिस्तान ने अपनी गाजी को बंगाल की घाटी से सीधा विशाखापट्टनम की तरफ मोड़ दिया जहां उसका इंतजार INS राजपूत कर रहा था। जैसे ही INS राजपूत ने देखा PNS गाजी आ गई है तो उनके हमला करने से पहले ही INS राजपूत ने हमला कर दिया और गाजी को डूबा दिया जैसे ही PNS गाजी डूबी पाकिस्तान को समझ में आ गया कि अब वो यह युद्ध नहीं जीत सकते क्योंकि PNS गाजी को अमेरिका से खरीदा गया था और इसके बारे में यह चीज फेमस थी कि कोई इसे डूबा नहीं सकता लेकिन भारत ने एक खराब जहाज से Pns गाजी को डूबा दिया, जिस वजह से पाकिस्तान का moral पूरी तरीके से डाउन हो गया था और भारतीय सेना का जोश सातवें आसमान पर पहुंच गया था। अब युद्ध को हारता देख पाकिस्तानियों ने अमेरिका से हेल्प मांगी और उस वक्त अमेरिका पाकिस्तान का अच्छा दोस्त था और भारत का दुश्मन था। तो अमेरिका ने UNO में सुरक्षा परिषद के अंदर इस मुद्दे को उठाया और कहा कि भारत पूर्वी पाकिस्तान पर अत्याचार कर रहा है लेकिन उस समय हमारे मित्र रूस ने भारत का समर्थन किया और कहा कि भारत कुछ भी गलत नहीं कर रहा है और इस प्रस्ताव को हम VETO करते हैं केवल 5 देशों के पास VETO पावर है और अगर उन 5 देशों में से कोई एक veto करता है तो वो मुद्दा डिस्कस नहीं होता वो मुद्दा रद्द हो जाता है तो पाकिस्तान की एक और उम्मीद यहां खारिज हो जाती है।
Divanshu