Race 4

28 banks और 22,842 करोड़ का घोटाला! मतलब एक नहीं, दो नहीं, बल्कि 22000 करोड का fraud, यह सुनकर ही किसी को चक्कर आ जाएगा। वैसे यह आंकड़े जितने बड़े हैं ना, वैसे ही यह घोटाला भी सनसनी मचाने वाला है। पर यह घोटाला हुआ है जहाज बनाने और मरम्मत करने का काम करने वाली कंपनी का और इस कंपनी का नाम है एबीजी शिपयार्ड।

यह कंपनी बहुत पुरानी है, मतलब साल 1995 में कंपनी को शुरू किया गया। यह वही दौर है जहां इंदिरा गांधी की मौत के बाद उनके बेटे राजीव गांधी, 40 साल की उम्र में इंडिया के प्राइम मिनिस्टर बने थे। बात करें कंपनी के रजिस्टर ऑफिस की तो, कंपनी का रजिस्टर ऑफिस है गुजरात में।

इस कंपनी को खरीदने वाले शख्स का नाम है ऋषि अग्रवाल, जो इस कंपनी के चेयरमैन थे। उनके ऊपर बात करें तो थोड़ा उनके बैकग्राउंड के बारे में जानना भी जरूरी है। वैसे साल 1966 में उनका जन्म कोडरमा, झारखंड में हुआ और उन्होंने अमेरिका पर्ड्यू यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। फिर वह शिपिंग कंपनी का बिजनेस करना चाहते थे और तभी उन्होंने

आरएस नकारा से मगडाला शिपयार्ड 8 लाख रुपये में खरीद ली। अब यह 8 लाख कहां और 22 करोड़ कहां, फर्क देख रहे हैं ना आप?

वैसे शशि रुइया और रवि रुइया,अब आप सोचेंगे कि यह कौन है? तो यह Essar Group के मालिक है और ऋषि अग्रवाल इनके भांजे हैं। तो ऋषि को जो पहला आर्डर उन्हें मिला था,‌ वो उनके मामा की ओर से मिला था।

वैसे कंपनी खरीदने के बाद ऋषि ने कंपनी को टॉप पोजीशन पर पहुंचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी और इस बात की गवाही देता है कंपनी का सक्सेस। कंपनी 16 साल में 165 से ज्यादा जहाज बना चुकी है, जिसमें से 45 दूसरे देशों के लिए बनाए हैं। ये Navy और कोस्टगार्ड के लिए भी जहाज बना चुकी है। कंपनी के सूरत शिपयार्ड में 18,000 डेड वेट टन और दाहेज शिपयार्ड में 1,20,000 डेड वेट टन की capacity है।

पर इतना सब कुछ होने के बाद भी ऋषि अग्रवाल ने बैंक से लोन लिया। हां हां, बिजनेस है यानी कि उतार-चढ़ाव तो आएंगे ही, कभी प्रॉफिट होगा तो कभी लॉस। पर यह लोन लेना है घोटाले की शुरुआत है। इसमें 7 हजार 89 करोड़ रुपये ICICI बैंक, 3 हजार 634 करोड़ IDBI, 2 हजार 925 करोड़ SBI, 1 हजार 614 करोड़ बैंक ऑफ बड़ौदा, 1 हजार 244 करोड़ PNB और 1 हजार 228 करोड़ इंडियन ओवरसीज के बकाया हैं। यानी, इन 6 बैंकों के ही 17 हजार 734 करोड़ रुपये बकाया है। इनके अलावा‌‌बाकी 22 banks के 5 हजार 108 करोड़ रुपये बकाया है। तो हुए ना टोटल 28 banks।

और बैंक से पैसे लेने का यह सिलसिला शुरू हुआ था साल 2012 से। वैसे देखा जाए तो 2015 में विजय मल्ल्या का भी फ्रॉड सामने आया जिसमें 17 banks शामिल थी और यह घोटाला 9000 करोड़ से जुड़ा था। इतना ही नहीं बल्कि उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप था। विजय माल्या किंगफिशर एयरलाइंस चलाते थे, हालांकि अब वह बंद हो चुकी है। और तभी बिना गारंटी कर्ज लेकर उन्होंने फ्रॉड किया और हो गए हमारे देश से फरार। साल 2016 में विजय माल्या देश छोड़कर लंडन भाग गए।

और दूसरा ब्लफ मास्टर है जो इंडिया से भाग गया विजय माल्या की तरह, वह‌‌है नीरव मोदी। उन्होंने पंजाब बैंक से जुड़ा फ्रॉड किया था। नीरव मोदी हीरे के कारोबारी थे और उन्होंने 13500 करोड का फ्रॉड किया। ज्वेलरी डिजाइनर नीरव मोदी ने बैंक की मुंबई based एक branch से फर्जी तरीके से Affidavit हासिल कर के बाकी भारतीय बैंकों से विदेशों में पैसा हासिल कर लिया। पर इसमें भी पीएनबी यानी पंजाब नेशनल बैंक के कुछ लोग शामिल थे। देश का सबसे बड़े बैंकिंग घोटाला कहे जाने वाले इस मामले में पीएनबी ने अपने दस officers को suspend करते हुए और सीबीआई से इसकी complain की थी।

घोटाले की खबर सामने आने के बाद पीएनबी के shares में करीब 10% की गिरावट आई, जिससे investors के करीब 4000 करोड़ रुपये डूब गए। लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग(LOA) facility letter है। इसे एक bank बाकी banks की branches को जारी करता है। इस basis पर overseas branches (विदेशी शाखाएं) कर्जदाता को पैसा देती हैं। विदेशी बैंक शाखाएं भी investigation के घेरे में हैं।

अब इनके बारे में हम आने वाली वीडियोस में जरूर बात करेंगे। पर यह bank से जुड़े fruads है और ऋषि अग्रवाल ने भी इन लोगों को tough competition दी है fraud करने में। या यूं कहिए ‌कि, इन्हें पीछे छोड़ दिया है।

इस सब में सिर्फ चेयरमन ऋषि अग्रवाल ही नहीं बल्कि उनके साथ साथ मैनेजिंग डायरेक्टर संथान मुथास्वामी और तीन डायरेक्टर्स अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमन नेवेतिया भी शामिल है और उनके नाम भी सामने आए हैं।

वैसे इतनी सारी बैंकों से पैसे तो लिए, उसमें भी सबसे बड़ी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इस कंपनी के खिलाफ साल 2019 में कंप्लेंट की । जनवरी 2019 में फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट पर चर्चा हुई। अब फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट तभी आता है जब किसी कर्ज को फ्रॉड बताया जाता है और फिर उस पर चर्चा की जाती है। इसमें एबीजी शिपयार्ड को लोन देने वाले‌ सभी banks शामिल हुए। इसी meeting में इसे बैंक फ्रॉड करार दिया गया।  SBI bank ने उसके बाद दूसरी बार 2020 में कंप्लेंट की थी और जिसके चलते सीबीआई ने इसके ऊपर काम किया। सीबीआई ने FIR file की।

मतलब इतनी बड़ी banks से इन्होंने इतनी बड़ी रकम उठाई, वह भी लोन के तौर पर और उसका इस्तेमाल किसी दूसरे काम के लिए किया। मतलब banks से इन्होंने पैसा इकट्ठा किया और इतना सारा पैसा यह किसी और काम के लिए संभाल कर रख रहे थे जब कि बैंक loan लेने का reason कुछ और ही था।

मतलब एक कॉमन मैन को बैंक लोन लेना एक परेशानी लगती है जो कि है भी। पर इस तरह के महाशय अगर बिजनेस कर रहे हो और लोन ले रहे हो तो, फिर‌ banks को ही काफी सारी परेशानी होगी ऐसे लोगों को लोन देने में और उनसे निपटने में। मतलब banks को भी इन लोगों ने अच्छा कार का झांसा दे दिया।

FIR file हुई पर ऋषि अग्रवाल को लेकर पॉलिटिकल मामला भी शुरू हुआ। जैसे वह सूरत से हैं तो एक बड़े नेता का उनके साथ कनेक्शन है और इसीलिए उनकी केस को शायद रफा-दफा किया जा सकता है या फिर हल्के में लिया जा सकता है और ऐसा कई बार हो चुका है ऐसा कुछ politicians का कहना भी था। मतलब एक polician ने यह भी कहा था कि, इन्होंने जो भी पैसे लूटे हैं अपने काम के लिए वह तो देश की जनता के पैसे हैं और इसका उन्होंने गैर इस्तेमाल किया है, चोरी की है। ऐसे में उन को हल्के में छोड़ना बिल्कुल भी सही नहीं है जो कि एक पॉलिटिशन का करीबी होने के नाते हो सकता है, ऐसा उनका कहना था। अब इसमें कितनी सच्चाई है यह भी एक investigation का topic है।

वैसे इस topic पर झगड़े करते हुए एक बात भी सामने आई, जैसे 2007 में15 साल पहले यानी 2007 में कम्प्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) की एक रिपोर्ट आई थी और इस रिपोर्ट में यह बताया गया कि, एबीजी शिपयार्ड को अक्टूबर 2007 में आधे दाम में एक जमीन बेची गई और वो 1.21 लाख स्क्वेयर मीटर की जमीन थी।

जमीन की कीमत 1400 रुपए प्रति स्क्वेयर मीटर‌ थी, पर जब एबीजी शिपयार्ड का नाम आया तो उसमें सिर्फ 700 रुपए प्रति स्क्वेयर मीटर का जिक्र किया था। मतलब आधे दाम में उन्हें यह बेच दिया गया। इन लोगों ने आधे दाम में लेकर अपना फायदा भी किया और banks को लूट कर लोगों को चूना लगाया। अभी इन्हें अमीर बनना था या कुछ और यह तो वही जाने।

वैसे ऋषि अग्रवाल अभी तक सीबीआई की कस्टडी में है। ऋषि अग्रवाल अकेले नहीं है, जाहिर सी बात है मिलकर उल्लू बनाया है तो उनके साथो भी तो इस investigation में होंगे ही। उनके साथ-साथ लगभग 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने जांच करना जारी रखा है। सीबीआई ऋषि अग्रवाल के साउथ मुंबई वाले घर में भी जाकर छानबीन कर चुकी थी। इतना ही नहीं बल्कि सीबीआई ने ऋषि अग्रवाल की जो कोई luxurious चीजें थी उनको भी seize किया। वैसे ऋषि अग्रवाल का net worth 2.5 करोड़ से ज्यादा था।

सीबीआई के साथ Enforcement Directorate (ED) भी ऋषि अग्रवाल की जांच में जुट गई है। इसमें उन्होंने ढूंढ निकाला की, ऋषि अग्रवाल के बहुत अच्छे connections है जिसमें वह कुछ illegal activities करते थे, पैसों की अफरातफरी करते थे।

इसे इस मामले पर बात करते हुए कुछ सीबीआई ने इसे देश का सबसे बड़ा घोटाला कहा और इस घोटाले का इन्वेस्टिगेशन और टाइम पीरियड काफी क्रिटिकल है यह भी बताया। अब क्रिटिकल तो होगा ही, 28 banks और 22 करोड़, कोई छोटी मोटी बात तो नहीं है। ऋषि अग्रवाल ने तो घोटाला करने में देर नहीं लगाई,‌ पर सीबीआई जांच करते करते परेशान हो चुकी है।

तो हो सकता है कि आने वाली फिल्म Race 4 में हमें‌ ऐसा कोई किरदार देखने को मिले जो इस तरह के masterplans बनाकर fraud करने में सबका बाप हो, तभी तो रेस में मजा आएगा। पर इसके लिए हमें इंतजार करना होगा।

Bye!

Comment Your Thoughts.....

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

Related Post

Wanted 2 Salman Khan ,Prabhu Deva, by Masumi sachdeva bollygradstudioz.com

wanted

PART FOUR Thumbnail title: Jadhav की bail? Dosto jald hi release hone waali wanted part two ki kahaani kuch iss qadar aage badh sakti hai.

Read More »
JAWAN

Jawan

राजस्थान के फुलेरा में अभिजीत और गौरव नाम के 2 दोस्त रहते थे । दोनों दोस्त साथ school जाते साथ साथ खाते और साथ साथ

Read More »
War 2 Hrithik Roshan & Tiger Shroff , bollygradstudioz.com

War 2

Ajit Doval ko India ka James Bond kaha jaata hai. 1968 batch ke Kerala Cadre ke IPS aadhikaari rahe Ajit Doval, saal 1972 me RAW

Read More »

Bollygrad Studioz

Get the best streaming experience

Contact Us

41-A, Fourth Floor,

Kalu Sarai, Hauz Khas,

New Delhi-16

 

011 4140 7008
bollygard.fti@gmail.com

Monday-Saturday: 10:00-18:00​