Pushpa 2

Nagarhole National Park में smugglers!

 

मरयूर के बाद दूसरा सबसे बड़ा natural चंदन का जंगल, Kadamampara (कदमनपारा) forest है।  ये  आर्यनकावु (Aryankavu) गाँव के अंदर है।

 

 कदमनपारा Sandal forest, जो थेनमाला (Thenmala) के पास केरल और तमिलनाडु के border के करीब है, लंबे समय से वहां चोरों और smugglers का बोलबाला है।  खतरे को ध्यान में रखते हुए, मरयूर की तरह, Kadamanpura में भी Natural चंदन के पेडो की security tight करने की सख्त जरूरत है।

 

 23 Square kilometers का कदमनपारा चंदन का बागान पश्चिमी घाट के साथ located है।  केरल के कोल्लम जिले के eastern side पर इस area में inter-state border का clear तरिके से boundaries set नहीं की गई है। Fire line से area में रोशनी है तथा पत्थरो पर बनाए symbols को दोनों state का border माना जाता है।

 

अगर current estimates देखे तो केरल की ओर 2,700 से भी ज्यादा चंदन के पेड़ हैं। और समय के साथ कई पेड़ों को काटकर उनकी smuggling भी की गई है।

ऐसे ही तमिलनाडु की तरफ भी चंदन के पेड़ हैं।  चंदन चोरों और smugglers को तमिलनाडु की ओर से आसानी से मिल जाते है क्योकी tamil nadu की तरफ उन्हे Easy और unrestricted access मिल जाता है।

 पहले चंदन के पेड़ों को रात के समय काटकर यहां से चोरी किए जाते थे, और फिर border पार उनकी. Smuggling कर ली जाती थी।  आरोप है कि तमिलनाडु forest department के कुछ employees की मिलीभगत की वजह से ही  चंदन की चोरी और smuggling को अंजाम दिया जा रहा है।

किसी की भी illegal entry पर रोक लगाने के लिए दोनों राज्यों Tamil nadu और केरल को भी पुलिस department के cooperation के साथ regular border meetings करनी चाहिए।

 

Forest Areas में criminal activities पर information को exchange करने, culprits को पकड़ने और उन culprits को state authorities को सौंपने जैसे कामो के लिए केरल और तमिलनाडु के बीच और कई forest officials के अलावा divisional forest officer और chief conservator of forest के leve पर एक border meeting, urgently बुलाई जानी चाहिए।  

 

जहां एक तरफ forest departments smuggling को रोकने के उपाय सोच रहे है, वही ministers नें उन्हे निराश कर दिया है।

Local लोग और forest deaprtment का staff इस बात से नाराज हैं, कि उनके वहां के forest minister ने चंदन के बागान में जाने तक की जहमत नहीं उठाई है। ऐसा नही है कि वो लोग यहां आते नही है, क्योकी पिछले कुछ सालो पहले में केरल में दो Forest ministers इसी area से आए थे, लेकिन किसी ने भी Sandalwood planatation को secure करने में कोई interest नही लिया।

कोल्लम जिले में पड़ने वाले area के local residents ने कहा कि एक forest minister को ही personally involve होकर, security को मजबूत करने के लिए intervene करना होगा। नहीं तो chandan के पेड ऐसे ही चोरी होते रहेंगे और smuggle होते रहेंगे। और एक दिन ऐसा आएगा कि 

Kadamanpara Sandal forest में से Sandal गायब हो जाएगा, बचेगा तो सिर्फ जंगल!

 

चंदन की खेती कोकत्तवासल, चेनागिरी और कदमनपारा जैसे areas में फैली हुई हैं।

 

Rule के हिसाब से इतने बड़े Area की निगरानी रखने  के लिए कम से कम 15 employees की जरूरत होती है, लेकिन यहां सिर्फ 9 Forest officers Available हैं, जिनमें से दो महिलाओं को दुसरी जगह पर तैनात किया गया है। गार्ड ड्यूटी पर तैनात चौकीदारों को तीन रायफलें दी गई हैं।

 

 इडुक्की जिले के मरयूर चंदन बागान में forest guards को उनकी salary का 10 प्रतिशत special allowance के रूप में दिया जा रहा है।  लेकिन कदमनपारा चंदन बागान के staff को ये Allowance नही मिल रहा है।

 चंदन चोरों और smugglers से निपटने के लिए Night patrolling शुरू करने के लिए, guards को powerful lighting system और हथियारों और गोला-बारूद की जरूरत होगी और इनकी demand काफी लंबे वक्त से पूरी नही हुई है। Fotest drpartment की property, चंदन की लकडी जिसकी high commercial value, उसकी strict and tight security provide करने की urgwnt need है। 

जिस तरह से Marayur में forest guards ने हर दो आदमी की team बनाकर एक shade बना लिया था, जिसमें वो रहते थे, ऐसे ही secure camp shades की जरूरत gurads को होती है, जो इस area की तेज हवाओं और भारी बारिश का सामना कर सकते हैं।

 

इतना ही नही शिकायत ये भी है कि इलाके में 24/7 कड़ी पेट्रोलिंग की जरूरत के बावजूद केरल forest department जरूरी कार्रवाई नहीं कर रहा है।

इससे पहले एक बार Armed Reserve camp से इलाके में पुलिस निगरानी रखी गई थी।  लेकिन बाद में उन पुलिस officers ने भी वहाँ से वापसी ले ली।

 

ऐसे ही स्टाफ की कमी की समस्या का सामना कर रहे, Nagarhole Tiger reserve के foresters और ज्यादा सतर्क होकर इसी भरपाई कर रहे है। 

Nagarhole National park, जिसे Rajiv Gandhi National park भी कहा जाता है, ये एक wildlige reserve है, जो कि Karnataka में है।

और उनकी commitment और efforts का वो फायदा भी उठा रहे हैं, जैसा कि

Reserve में और reserve के आसपास illegal activities की Absence उनके घने जंगल में wildlife को protect करने के efforts को दिखाती है।

जिससे सिर्फ wildlife की नही बल्कि Nagarhole National park के चंदन के घने जंगल को भी protection दिया जा रहा है।

हाल ही में, Foresters ने एक gang के तीन members में से एक को पकड़ा, जो चंदन की Smuggling में शामिल है। उन्होंने चंदन की लकडी को और उनके Sharp हथियारों को भी जब्त कर लिया जो smuggler ने अपने पास रखे थे।

जंगल 650 square किमी के Area में फैला हुआ है, और इसकी valuable sources को protected रखने का इकलौता तरिका हर वक्त सतर्क रहना है। 

क्योकी वहां staff की कमी है, तो foresters को हर वक्त निगरानी रखनी पडती है।

एक Gang member को पकडने के बाद, बाकी से foresters भागे हुए 2 members को ढुंढने में लग गए। हालांकी इस sandalwood चोरी के incident की police complaint भी दर्ज की गई है। 

 

कर्मचारियों की कमी के बाधा के बावजूद, नागारहोल के forester जंगल की सुरक्षा करने में बेहद सफल रहे हैं। छह महीने पहले, एक gang को सैंडलवुड के लठ्ठो के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया था। Foresters जिन्होंने gang को पकड़ने कि कोशिश की, तो उन्हे उन gang members पर गोली चलाने के लिए मजबूर किया गया, जिन्होंने उन पर हमला करने की कोशिश की थी। 

 

हालांकि, हाल ही में arrest हुए कुछ tribal community के members की वजह से foresters पर भी हमला किया गया था।

फॉरेस्टर्स ने आरोप लगाया कि Incident के बारे में फैलाई गई controversy भी जंगल में crimes में शामिल syndicate के शुरू किए गए campaign का ही हिस्सा था। 

कुछ फॉरेस्टर्स ने इस सिंडिकेट में बडी personalities की involvement की ओर इशारा किया है। नागारहोल टाइगर रिजर्व के director D महेश कुमार ने कहा कि उन्होंने चंदन के पेड़ों की चोरी और smuggling में शामिल लोगों पर पकडने  के लिए जंगल में सतर्कता बढ़ा दी थी।

उन्होने कहा, “हाल की घटना में, हमने सैंडलवुड लॉग के साथ दुश्मनों में से एक को पकड़ा, हमें उनके कब्जे में कई Sharp हथियार मिले। अभी currently वो उस location को ढूंढने के process में हैं, जहां दुश्मनों ने चंदन के पेड़ गिराए हैं। और आगे ऐसा ना हो इसलिए हमने सतर्कता बढाई है।”

महेश कुमार ने कहा कि एक investigation का order दिया गया था कि उनके Head की identity का पता लगाया जाए, जिन्हें उन्होंने जंगल के अंदर कई criminal activities के पिछे का मास्टरमाइंड होने के लिए suspect किया था।

इस रैकेट में शराब के लालच से local लोगों और tribal community के members को फसाने की possibilities ज्यादा है। केवल एक पूरी investigation ही सच्चाई को उजागर करने में मदद करेगी। इसके साथ साथ ये भी देखा जा रहा है कि इस syndicate ने और किन protected forest पर भी अपनी पकड बनाई है।

 

 वो दिन अलग थे, जब लाल सैंडर्स Smuggling करने वाले operators, ज्यादातर तमिलनाडु के North western जिलों से workforce, चित्तौर और कडापा के Lower और Middle zones में लाल सैंडर्स के पेड़ जो गिर गए थे, उन्हे चोरी किया करते थे।

लेकिन पिछले एक साल में, उनकी strategy और upgrade हो गई है। अब वो सीधा जंगल के दिल यानी forest के center में जाकर, अच्छी मिट्टी वाली  ढलानों पर लगे पेडो को अपना Target बनाते है।

 

हाल के महीनों में जब्त किए गए चंदन के लठ्ठो का giant size और arresting quality ने आंध्र प्रदेश राज्य की Red Sanders Anti-smugglingTask force के officers को परेशान कर दिया है। इस trend ने एक बड़ी तस्वीर सामने लाकर रख दी है, जो forest property पर होने वाले high level damage को clearly दिखा रही है।

Trespassers यानी वो लोग जिन्होने illegally forest में बिना permission के entry ली, उनकी कुल्हाड़ी लाल सैंडर्स पेड़ों की जड़ों तक पहुंच गई हैं।

 

South India में जिस तरह की मुश्किलो का सामना Sandalwood smuggling की वजह से किया जा रहा है, हो सकता है Pushpa 2 में भी हमें इस situation के बारे में दिखाया जाए।

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