Baaghi 4

2008 में 26/11 के मुंबई हमले के बाद मुश्किल से डेढ़ साल ही बीते थे, जब इस्लामाबाद में Indian High Commission में एक spy के बारे में news 2010 की शुरुआत में पाकिस्तान से Intelligence Bureau (IB) के director राजीव माथुर तक पहुंची। एक तो पहले ही 26/11 mumbai attack की वजह से India-Pakistan के Rivalry के लिए एक नई वजह मिल रही थी, और अब इस खबर ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ा दिया था।

 

इस बार Intelligence Bureau (IB) और Research And Analysis wing (RAW), एक और गलती बर्दाश्त नहीं कर सकते थे।

माधुरी गुप्ता नाम की औरत, जो एक secretary की post पर काम करने वाली एक Low ranking diplomat ,इस्लामाबाद में Investigation के दायरे में आ गईं।

 

उसे 22 अप्रैल 2010 को नई दिल्ली में पाकिस्तान की Inter Service Intelligence (ISI) एजेंसी के लिए साजिश रचने और जासूसी करने के आरोप में arrest किया गया था, और 2012 में उसे जमानत दे दी गई थी। उसी साल, Official Secrets Act के strict provisions के तहत उसके खिलाफ फिर से charges लगाए गए थे। 

 

जब IB ने शुरूआती investigation में इशारा दिया कि, माधुरी गुप्ता एक “जासूस” थीं, तो intelligence ब्यूरो head राजीव माथुर ने RAW head K.C वर्मा और Home secretary G.K पिल्लई (Pillai) को inform किया,‌ लेकिन investigators ने पाकिस्तान को दी गई classified informations की limit के बारे में clear picture नहीं दी थी, और ना ही ये clearly बताया गया कि, क्या गुप्ता के Indian High Commission के अंदर और भी साथी थे ?

 

Madhuri Gupta उर्दू में fluent थी, जिसकी वजह से उन्हे Indian high commission में second secretary की job मिली। जिसमें उनका Main काम पाकिस्तानी मीडिया को स्कैन करना और developments को daily routine से intrepret करके दो files तैयार करना था और वहाँ काम करते हुए Madhuri की मुलाकात जमशेद नाम के लडके से हुई, जो एक suspected ISI spy था।

 

Jamshed को Jim नाम से भी जाना जाता था, जो 30 साल की उम्र में Madhuri से कई साल छोटा था। लेकिन Madhuri फिर भी उसके प्यार में पड गई थी।  जमशेद, Madhuri के पास अपने पक्के Fullproof honeytrap के साथ आया था। 

 

Jamshed, Madhuri का दिल और दिमाग दोनो को जीतने में कामयाब रहा और ऐसा माना जाता है कि  बाद में उसने धीरे धीरे madhuri से भारत के बारे में sensitive information लेनी शुरू कर दी। और जब ये बात Delhi तक पहुंची कि, Indian diplomat, india की secret infomation को ISI के spy को leak कर रही है, तो 2009 के end में madhuti की पोस्टिंग के छह महीने बाद ही उन्हें अगले छह महीनों के लिए surveillance में रखा गया था।

 

Officers के हिसाब से, एक बार ये confirm  हुआ कि, Madhuri sensitive information leak कर रही थी, तो सरकार ने SAARC (South asian Association for regional Cooperation) Summit यानी इस Association की 8 countries की meeting के लिए मीडिया relations को संभालने के बहाने गुप्ता को वापस भारत बुलाया।  Madhuri gupta 21 अप्रैल, 2010 को भारत आई, उसने अपने घर पर एक रात बिताई और अगली सुबह दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और फिर वो दो साल बाद जमानत पर रिहा हुई थी।

 

अपने चार्जशीट में, दिल्ली पुलिस ने गुप्ता पर पाकिस्तानी officers को sensitive information लीक करने और ISI के दो officers – जमशेद, उसके handler और मुबशर रजा राणा के contact में रहने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि, गुप्ता उसके  handlers के लिए बहुत ही valuable थी, और Madhuri के लिए उसका प्यार को उसका Motivation बना।

 

दिल्ली के विकासपुरी इलाके में जन्मी माधुरी गुप्ता के पास अजमेर के भिवाड़ी में property थी, जहां वो अपनी मौत के समय अकेली रह रही थी। Madhuri Gupta की मौत के बाद उसके lawyer Mr. dahiya ने कई और बातों की खुलासा किया।

 

उन्होंने कहा कि, माधुरी की मई में मौत हो गई और उसे इसके बारे में कई दिनों तक पता ही नहीं चला।  माधुरी के भाई अरुण गुप्ता, जो United States में रहने वाले एक NRI है, उसने जून में Dahiya को ये inform करने के लिए contact किया कि, उसकी बहन Madhuri Gupta की मौत तब हुई जब देश के बाकी हिस्से COVID-19 की दूसरी लहर से जूझ रहे थे।  हालांकि, Madhuri को Covid वायरस नहीं था, लेकिन Diabetes related complications की वजह से उनकी मौत हो गई थी।

 

Mr. dahiya, जो गुप्ता को तब से जानते थे जब वो Delhi University में students थे। उनका कहना है कि माधुरी गुप्ता काफी लंबे वक्त से diabetes से परेशान थी और उन्होंने 2010 में इसके बारे में बात की थी जब उन्हें पहली बार दिल्ली में arrest किया गया था।

 

Mr. dahiya ने April 2020 से Madhuri gupta की लंबी कानूनी लडाई को याद करते हुए कहा कि, Madhuri ने एक बार अदालत की कार्यवाही के बीच में Dahiya से कहा था कि उसे दवाओं की जरूरत है क्योंकि उनके बिना वो बेहोश होने वाली थी।

 

दहिया का कहना है कि गुप्ता के खिलाफ जासूसी का मामला खोखला था और ये लगभग तय था कि हाई कोर्ट में इसे खारिज कर दिया जाएगा। Dahiya का मानना था कि, Madhuri gupta एक शातिर rivalry का शिकार बनी थी, जो शायद कुछ Government quarters में उसके और कुछ powerful collegues के बीच मौजूद थी।

 

अगर Dahiya की बात माने तो Madhuri gupta को इस पूरे जाल में किसी Rival colleague ने। दुश्मनी निकालने के लिए फसाया था और असल में उस पर एक पाकिस्तानी officer को जानकारी देने का आरोप लगा गया था। जिस पर Mr. Dahiya ने Investigate करने के बाद कहा है कि वो Information, जिसका वो जिक्र कर रहे थे वो पहले से ही पाकिस्तानी मीडिया में थी। वो जिसे Sensitive information बताया जा रहा था, वो सारी information public domain में थी, इसलिए उस पर ये आरोप लगाना कि उसने Sensitive या secret information leak की है, तो इसका तो सवाल ही पैदा नही होता।   

गुप्ता इस्लामाबाद में I dian High commission में उर्दू मीडिया कि incharge के रूप में कार्य कर रही थी, जब उन्हें ministry of external affairs ने वापस दिल्ली आने को कहा था। 

 

गिरफ्तारी के बाद जब Madhuri gupta को  जमानत दे दी गई, तो वो अप्रैल 2010 से जनवरी 2012 तक हिरासत में रही। Prosecution team की सबसे बड़ी गलती वो तलाशी थी, जो उन्होंने इस्लामाबाद में गुप्ता के residence में conduct की थी। Lawyer Mr. Dahiya ऐसा इसलिए कहते है क्योकी  जब गुप्ता को पहली बार दिल्ली में बुलाया गया था, तब उसकी absence में इस्लामाबाद में एक फ्लैट में search conduct की गई थी। इतना ही नही, उनकी सबसे बडी गलती ये थी उन्होंने Madhuri gupta की एक भी बात नही सुनी। क्योकी Gupta को जब पता चला कि उसके Residence की तलाशी ली जाएगी, तो उसने कही कि वो उस flat में नही रहती बल्कि पास के ही दुसरे flat में रहती थी।  लेकिन उसकी एक भी बात नही सुनी गई और जो जाल उसके खिलाफ बिछा था, उसमें वो फसती गई।

 

माधुरी गुप्ता एक IFS group B officer थी और दुनिया भर में अलग अलग पोस्टिंग में काम करती थी और वो जहाँ भी जाती थी, उसकी Forceful personality सबका Attention grab कर लेती थी और अक्सर उसे gossips का subject बना दिया जाता था। 2010 में उसकी गिरफ्तारी के वक्त, माधुरी गुप्ता south Asia में सूफी मंदिरों पर P.hd को पूरा करने की भी planning कर रही थी। पाकिस्तान माधुरी गुप्ता के लिए पहली मुश्किल पोस्टिंग नहीं थी। उसने पहले बगदाद में Indian Mission में भी काम किया था और 2006 -08 के बीच Indian council of world affairs में भी  काम किया था, जिसके बाद उन्हें इस्लामाबाद में transfer कर दिया गया था।

 

Mr. दहिया ने कहा कि आरोपों के हिसाब से वो पाकिस्तानी officers, जिन्होंने Madhuri gupta से information ली थी, उनकी identity को 2018 तक सुनवाई के दौरान reveal नहीं किया गया था। हालांकि, एक French Intellgence Officer ओलिवियर मास (Olivier Mas) ने पहले दावा किया था कि, पाकिस्तानी intelligence एजेंसी ISI ने madhuri gupta के साथ समझौता करने के लिए क्रेडिट लिया था। लेकिन इस साल की शुरुआत में हिंदू के साथ एक ऑनलाइन interview में, Olivier इसके बारे ज्यादा जानकारी देने में नाकाम रहे थे और Madhuri Gupta से गुजरने के साथ, “माधुरी गुप्ता spy scam” के पीछे की सच्चाई भी हमेशा के लिए खो गई है।

 

जिस तरह से Madhuri Gupta spy scam के दो पहलू हमें दिखाए गए है, उनमें से कौन सा सच है और कौन या झुठ, ये तो हमें नही मालूम हुआ है,  लेकिन अगर Lawyer Mr.Dahiya की बात माने तो फिर तो Madhuri Gupta के साथ बगुत बडी नाइंसाफी हुई है। इस कहानी का सच तो हम नही जानते, लेकिन इस कहानी और Madhuri gupta के Character से inspired होकर, कोई plot या कोई scene हमें Baaghi 4 में देखने को मिल सकता है।

हो सकता है कि, Shraddha kapoor का character, Madhuri Gupta की कहानी से inspired हो, जिसमें उसका Government और indian intelligence Agencies से पूरी तरह विश्वास उठ जाएगा। लेकिन फिर Tiger shroff जो एक Indian spy होगा, जो Sharddha को इंसाफ दिलाएगा।

 

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