Khalnayak 2

अगर कोई कहे कि 8 साल का बच्चा एक Serial killer है, तो क्या हम इस बात को मान पाएंगे। 

अगर कोई कहे कि 8 साल के एक बच्चे ने तीन murders किए, वो भी बिना किसी वजह के, तो क्या इस बात को माना जाएगा।

चलिए जानते है Amarjeet Sada (अमरजीत सदा) की कहानी कि कैसे वो 8 साल की उम्र में  दुनिया का सबसे कम उम्र का सीरियल किलर बन गया!

जितना इस बात को सुनना मुश्किल है, उससे कही ज्यादा मुश्किल इस कहानी को सच मानना होगा।

ऐर अगर ये कहानी सच है तो इसका एक ही conclusion निकल सकता है कि वो बच्चा Psychopath है। 

University of New Mexico के एक Psychologist केंट किहल (Kent kiehl) का कहना है कि एक sign जो कि किसी person में  psychopathic behaviour को दिखाता है, वो तब दिखता है, जब बहुत कम उम्र में crime करते हैं।  उम्र जो 8, 9, 10 जितनी कम होती है।

इन बच्चों के बड़े होने पर बुरा और Hard behaviour   करके दिखाना और criminal activities को continue करने की possibilities ज्यादा होती है। 

 

Psychopathy अपने आप में एक विशेषता है, जहां व्यक्ति पश्चाताप की कमी दिखाता है, emotions से अलग हो जाता है, उन्हे feel नही करता और Human emotions को ignore करने की कोशिश करता है।  इतनी Large Population में, ऐसे इंसान समाज के अंदर होने वाले आधे से ज्यादा crimes के लिए जिम्मेदार होते है।  जबकि उनमें से ज्यादातर अब  Adult बन गए हैं, जो free होने के बाद काम crime commit करते हैं और उन्हें दुनिया से छिपाते हैं, कुछ लोग बहुत कम उम्र से ही अपनी killings शुरू कर देते हैं।

ऐसा ही एक Case, भारत के सबसे कम उम्र के और सबसे infamous child psychopath, अमरजीत सदा का मामला था, जो सिर्फ आठ साल का था, जब उसने पहली बार एक इंसान की जान लेने की अपनी Desire और दूसरों को दर्द देने की इच्छा को पूरा करके देखा था। Amarjeet ने बच्चों को अपना शिकार बनाया, और उसका पहला शिकार सिर्फ एक छोटा बच्ची थी, जो केवल आठ महीने की थी।  जो बात इस case को और भी ज्यादा खौंफनाक बनाती है, वो ये है कि ये सिर्फ एक random बच्ची नहीं थी, बल्कि आठ महीने की वो बच्ची अमरजीत की अपनी बहन थी।

 

भारत के बिहार के एक गाँव में जन्मे इस बच्चे ने अपने आसपास के अौर बच्चों के जैसा ही बचपन experience किया था।  हालाँकि, उसके आस-पास के लोगों में से कोई भी ये नहीं जानता था, कि वो बड़ा होकर भयानक crimes commit करेगा।  गांव के कुछ लोगो ने बताया हैं कि उसके पिता एक मजदूर थे, और उसने अमरजीत को बहुत कम उम्र से ही काम करने के लिए मजबूर कर दिया था।  परिवार को गरीब समझकर ये Assume किया गया कि physical या  verbal abuse भी हुआ होगा, जिससे अमरजीत की psychopathic और sadistic personality का जन्म हुआ होगा।

 

अपनी बहन की हत्या के कुछ ही समय बाद, अमरजीत ने फिर से attack किया, और इस बार एक और बच्चे की हत्या कर दी जो सिर्फ छह महीने की थी। ये victim  उसके मामा की बेटी थी।  लगता था कि अमरजीत ऐसे victims को चुनकर खुशी पा रहा था, जिन तक उसकी आसान पहुंच थी और वो उनका गला घोंटकर आसानी से उन्हे मार डालता था। 

 इससे भी भयानक बात ये है कि परिवार और गांव वालों को amarjeet के murders के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने इसे अपने परिवार के अंदर का मामला समझकर चुप रहने का फैसला किया। लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था, कि जल्द ही अमरजीत की murder करने की इच्छा उनके परिवार के बाहर भी चली जाएगी।

 2007 में, छह महीने की बेटी खुशबू की मां चुनचुन देवी ने उसे स्कूल के Day- care में दिन के काम करने के लिए छोड़ दिया था।  लेकिन जब वो वापस लौटी तो उसने देखा कि उसकी बच्ची गायब हो गई थी। पूरे गाँव में खबर फैलने के बाद लोगों को किसी अनहोनी का डर सताने लगा। उन्हे अमरजीत कि हरकते पता थी और वो ये भी जानते थे कि वो खुशबु तक आसानी से पहुंच सकता था। और जब ये बात उनके दिमाग में आई तो सब लोगो ने मिलकर Amarjeet का सामना किया।

 

गाँव वालो की पूछताछ के बाद भी अमरजीत के दिल में उसके कामों का कोई पछतावा नहीं दिखा। बल्कि उसने तो खुशी से गाव वालो  को बताया कि कैसे उसने बच्ची का गला घोंटकर उसे मार डाला और उसे एक कब्र में ले गया जहां उसे दफनाया गया था। 

Amarjeet ने बडी ही excitement के साथ कहा कि”मैंने उसे ईंट से मार कर मार डाला।” 

उसने उन्हें बताया कि उसने जल्दी से उसे मलबे और आसपास की घास से ढक दिया और उसके मरने के बाद अपने घर चला गया।  

जुर्म कबूल करने के बाद, अमरजीत को खुशबू के Murder के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

 

Unfortunately, जैसा कि उसके परिवार ने अपने पहले दो victims की हत्याओं को कवर कर दिया था, तो उसे अपनी बहनो के murders के लिए कभी दोषी नहीं पाया गया था।  

इसके बावजूद, जब Amarjeet को पूछताछ के लिए बुलाया गया और पूछा गया कि उसने अपने victims पर कैसे हमला किया और ऐसा क्यों किया? 

और इन सवालो पर amarjeet का response किसी को भी डरा सकता।

Murders के बारे में पूछे जाने पर, अमरजीत सदा ने पुलिस की ओर देखा और मुस्कुराया, और उनसे और बिस्कुट देने के लिए कहा।  उसने कोई पछतावा नहीं दिखाया, और जब भी उसे उसके horrific crimes के बारे में पुछा जाता, तो वो बात करना बंद कर देता और बस मुस्कुरा देता।

और वो मुस्कुराहट हर किसी को डराने में कामयाब थी।

 

 ये तो clear हो गया था कि Amarjeet child psychopathy  का एक clear cut case था, और बेगूसराय (Begusarai) के Superintendent अमीर लोढ़ा ( Amir lodha) ने अमरजीत के मामले को psychological perspective से देखने का order दिया। 

 जल्द ही, पटना के एक Psychologist शमशाद हुसैन ने अमरजीत की situation  पर गौर किया, और पूछताछ के बाद, उन्होंने conclusion निकाला कि ये एक ऐसे बच्चे का मामला था, जिसमें clearly पश्चाताप की कमी थी और उसकी दूसरों को दर्द पहुँचाने की इच्छा बहुत ज्यादा थी। जो कि psychopathy का clear case है।

 

ऐसा लगता था कि अमरजीत के brain में भी कोई defect था, जिसके कारण chemical imbalance पैदा हो गया था। जिसकी वजह से दूसरों को दर्द पहुँचाने से satisfaction बढ़ जाती थी।  Amarjeet को officially एक conduct disorder से diagnosed बताया गया था। जिसकी वजह से उसने बिना किसी guilt और दुख के murders किए और ऐसे और violent काम करने के लिए motivate किया। Conduct disorder का मतलब Amarjeet को क्सी चीज के सही या गलत होने का कोई sense नही था। वो नही जानता था कि वो जो कर रहा है वो सही है या गलत। और problematic बात ये थी कि वो सही या गलत जानना ही नही चाहता था।

 

End में अमरजीत पर Juvenile prison में मुकदमा चलाया गया, और भारत के कानूनों के अनुसार, ये अनुमान लगाया जाता है कि उसे केवल तीन साल के लिए Juvenile prison की सजा दी गई थी, क्योंकि किसी भी बच्चे को इससे ज्यादा की सजा नहीं दी जा सकती है। इसके अलावा उसकी mental situation और समाज के लिए उसका बनाए हुए खतरे की वजह से, उसकी सजा पूरी होने के बाद उसे एक mental institution में रखा गया था।

 

अमरजीत सदा अब कहाँ है, कोई नही जानता।  हालाँकि, 2015 में, उसने “The Post Mortem post” से contact किया और दावा किया कि वो भारत में Children Facility में हैं, जहाँ उसे 18 साल की उम्र तक रहना था। अमरजीत अब 20 साल से ज्यादा का होगा, उसे बच्चों के घर को छोड़ने की permission मिल जाएगी।

हालांकि यह clear नहीं है कि क्या वो और अधिक crime करेगा या दोषी ठहराए जाने के समय उसकी child psychopathy का इलाज किया गया था।

 ये मान लेना safe है कि अमरजीत सदा का case एक ऐसा case है, जिसमें ना murder के पिछे पहले से ही सोचे गए विचार है बल्कि उनके शरीर को छिपाने की भी planning की गई थी, ताकि वो पकड़ा ना जा सके।  यह सोचना कि यह सब एक आठ साल के बच्चे ने किया है, ये shocking है।

कुछ लोग कहते हैं कि अमरजीत original culprit  नहीं था, और उसे murders के लिए फंसाया गया था। क्योंकि crime के nature और dead bodies के छिपाने की जगह इतनी सोची समझी थी, कि ये आठ साल के बच्चे का काम नहीं हो सकता था।  ये Theory भी कई लोगो का विश्वास हासिल करती है, क्योंकि psychopath child का ऐसा कोई मामला नहीं है, जिसने ना केवल अपने victims को मार डाला, बल्कि शरीर और सबूतों को छिपाने कि हद तक भी चले गए।

 

अब वो बच्चा जो बडा हो गया होगा, कहां है ये तो नही पता, लेकिन अब बडा होकर वो नायक बनेगा या खलनायक ये हम जरुर जानना चाहेंगे।

और अगर कोई और इन murders के पिछे है, जिसने Amarjeet को फसाया होगा, तो इस incident को Khalnayak movie में एक plot की तरह use किया जा सकता है।

जिसमें Amarjeet से inspired character, एक grey shade character होगा और उसके नायक या खलनायक होने का पता movie के end में लगेगा।

 

 

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