90s mein Bihar का सबसे criminal से भरा हुआ शहर था बेगूसराय । Directorate General of Police के office में बिहार के map में केवल बेगूसराय ही एक ऐसा शहर था जिसे लाल रंग से दर्शाया गया था। यह लाल रंग दर्शाता था कि यह crime rate पूरे बिहार में सबसे ज्यादा है।
बेगूसराय आतंकियों से इतना ग्रस्त था कि बड़े-बड़े पुलिस अफसर भी वहां आकर अपने बाल नोच लिया करते थे। 1967 में बिहार का सबसे बड़ा don Ashok Samrat अपने सबसे प्रचंड रूप से crime कर रहा था । अशोक सम्राट सरकारी कामकाज से लेकर रंगदारी ,businessmen, working class , यहां तक की बाकी छोटे-मोटे criminals सबको अपने तलवों तले दबाकर रखता था।
अशोक सम्राट के सामने खड़ा होने वाला ना तो कोई पुलिस वाला था और ना ही कोई दूसरा criminal। अशोक सम्राट का जलवा इतना सादा था कि वह खुद का office बनाकर वहां parliament की तरह दूसरे गुंडे बदमाशों की मदद से बिहार के चप्पे-चप्पे की खबर रखता।
पर 1967 में बिहार में DGP Gupteshwar Pandey की Begusarai में posting हो गई DGP Gupteshwar Pandey अपने SP पद के दिनों से ही criminals की ज्यादती देख रहे थे। उन्होंने बेगूसराय में आते ही ऐलान कर दिया कोई भी किसी भी जुर्म करने वाले व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा । साथ ही साथ अपने under काम करने वाले सभी पुलिस officers को यह निर्देश दिया कि वह अगले 6 महीने के अंदर हर एक कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार करें । जो आम जीवन को तबाह कर रहा है पुलिस वालों ने 6 महीने के अंदर ही 400 से ज्यादा अपराधियों को गिरफ्तार किया 6 महीनों के अंदर केवल बेगूसराय में 42 हुए मुठभेड़ हुई। और 42 आतंकी मारे गए । धीरे-धीरे बेगूसराय के लोगों में पुलिस के लिए confidence बढ़ता जा रहा था और अशोक सम्राट का डर कम होता जा रहा था उसके कई आदमी मारे गए थे अशोक सम्राट समझ आ गया था की आप केवल दो ही रास्ते हैं या तो वह DGP Gupteshwar Pandey को खत्म कर दे या खुद surrender कर दें।
DGP Gupteshwar Pandey ने अशोक सम्राट का पूरा साम्राज्य मानो चूर चूर कर दिया था। उसने अशोक सम्राट को मिलने वाले extortion के पैसे को बिल्कुल रोक दिया था। इसके अलावा छापेमारी करके उनके पास बनने वाले गोली बारूद और बम जैसी चीजों की factories को भी बंद कर दिया था।
समय ऐसा आ गया था की अशोक सम्राट के पास ना तो आदमी बचे थे और ना ही हथियार। जिस अशोक सम्राट के नाम पर बिहार चल रहा था उसी अशोक सम्राट को अब कोई भी आम इंसान भी seriously नहीं ले रहा था। इसी सब को देखते हुए अशोक सम्राट ने कुछ तय किया। अशोक सम्राट ने DGP के office के सामने जाकर अपनी बची हुई guns रखी और चिल्ला चिल्ला कर कहने लगा कि कोई भी पुलिस वाला उसे कभी मार नहीं सकता क्योंकि वह खुद को खत्म लेगा।
उसके हाथ में हथियार थे इसलिए पुलिस वालों ने उसे दूर से समझाने की कोशिश की पर उसने किसी की भी ना सुनते हुए खुद पर गोलियां चला दी। इसके बाद तुरंत ही उसे अस्पताल ले जाया गया पर इतनी सारी गोलियां शरीर पर इतने करीब से लगने के कारण बच ना पाया।
ऐसे ही खूंखार gangster की कहानी होने वाली खाई khalnayak 2
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Apoorva