जून, 2003 की एक सुबह, दो दर्जन पुलिस officers ने अपनी बंदूकें तान लीं और एवरेस्ट कॉलोनी के एक कोने में बने तीन मंजिला घर पर छापा मारने के लिए तैयार हो गए, जो भारत की Jaipur city के बाहरी इलाके में एक शांत neighbourhood है।
लेकिन उस दिन उस शांत neighbourhood में खलल डालने पुलिस आई थी।
कई खाकी-वर्दी पहने officers ने घर के आस-पास की पत्थर की दीवार पर चढ़ाई की, एक गार्ड के हथियार छिने और गेट खोल दिया।
एक security कैमरे की निगरानी में, टीम के बाकी members ने भी एक-एक करके चुपचाप से अमदर enter किया।
ये Raid एक साल की investigation और महीनों की निगरानी का नतीजा थी, जिसके दौरान officers कभी आवारा और तो कभी फल बेचने वाले बनकर target पर नजर रखते थे।
जैसे ही Officer अंदर के गेट चक पहुँचे तो बंद दरवाजे को टक्कर मारी और चिल्लाए,””दरवाजा खोलो!”
पुलिस इंतजार करती रही, लेकिन कोई नहीं आया। तभी उन्होंने तीसरी मंजिल की खिड़की से धुआं निकलते देखा। Superintendent of police आनंद श्रीवास्तव ने अपने officers को दरवाजा तोड़ने का order दिया। फुर्ती से दरवाजा तोडा गया और वो ऊपर मास्टर बेडरूम की ओर भागे, जहाँ उन्होंने घर के मालिक वामन नारायण घिया को अपने पजामे में खड़ा पाया, जो जल्दी जल्दी फर्श लग रही आग में documents को फेंक रहा था।
जैसे ही Vaman Narayan की नजर पुलिस पर पडी तो वो चिल्लाकर कहता है, “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? तुम लोग मेरे घर में ऐसे कैसे enter कर सकते हो?”
और जब officers उसे पकडने के लिए आगे बढने लगे तो वो उनपर चिभी चिल्लाने लगा कि वो बिना इजाजत के उसे touch भी नही कर सकते है!
लेकिन पुलिस जो पिछले एक याल से इस मौके की तलाश में थी, उन्होने उसकी सारी बातों को ignore किया और Vaman narayan को पकड लिय। उन्होने उसकी पत्नी, बेटे और दो बेटियों को एक तरफ इकट्ठा किया, जो raid के शोर से जाग गए थे। तब सुपरिंटेंडेंट श्रीवास्तव और उनके officers ने घर की तलाशी ली और घंटों आलीशान कमरों में छानबीन करते रहे।
Vaman narayan के private study room की लकड़ी की चौखट के पीछे, police को एक secret अलमारी का set मिला, जिसमें पुरानी मूर्तियों की बहुत सारी तस्वीरें थीं। भगवान विष्णु, शिव और पार्वती और उनके पुत्र गणेश की सुंदर पत्थर की मूर्तियां थी।
पुलिस को लंदन और न्यूयॉर्क में सोथबी और क्रिस्टी Auction house में नीलाम होने वाली भी कुछ चीजें भी वहाँ मिली।
और इस Raid से श्रीवास्तव का शक सच में बजल गया था कि वामन घिया history की सबसे बडी Antiques smuggling ring को operate कर रहा था। और पिछले तीन दशकों में वो auction houses और private collectors को हजारों indian antiques की smuggling करके अमीर हुआ है। पुलिस ने जब investigation शुरू की थी, तब उन्हें वामन के घर में कोई मूर्तियां नहीं मिलीं थी। लेकिन, उसके बाद के दिनों में, श्रीवास्तव के आदमियों ने उसकी जयपुर के आसपास की आधा दर्जन properties, शहर के बाहर उसके खेत, और मथुरा और दिल्ली में कई गोदामों पर छापा मारा।
और वहाँ उन्होंने पुरानी paintings, तलवारों और ढालों, संगमरमर के पैनल, पत्थर के खंभे, मूर्तिकला के 348 टुकड़े और एक छोटे से घर के आकार का एक टूटे हुए मुगल मंडप की खोज की।
वामन घिया जयपुर के Art world में एक पहेली था।
उसे जानने वाले लोगों का कहना था कि वामन साल का ज्यादातर वक्त travelling में बिताता है और वो किसी पर भी भरोसा नही करता था।
वामन का legal business, Craft palace था, जो जयपुर के आमेर रोड पर एक बहुत बडा handicrafts showroom था।
2002 की गर्मियों में, एंटीक खरीदारों के रूप में अंडरकवर रहते हुए, आनंद श्रीवास्तव और उनके लोगों ने चौंतीस मंदिर चोरों की एक gang को घेर लिया था, जो लूटी गई हिंदू मूर्तियों को काले बाजार में बेचने की कोशिश कर रहे थे। हालांकी मूर्तियों की artistic qualilty इतनी अच्छी नही थी और वो antiques भी नहीं थीं, फिर भी वो चोर high prices की demand कर रहे थे।
श्रीवास्तव ने सोचा कि हो सकता है कि कोई बडा local buyer कीमतें बढ़ा रहा है; लेकिन पूछताछ करने पर सभी चोरों ने बताया कि ये वामन नारायण घिया है। और वो antiques smuggling world का King है।
भारत के CBI officers ने श्रीवास्तव को बताया कि उन्हें बहुत पहले से शक था कि वामन भारत के सबसे बड़े antiques चोरों में से एक था, लेकिन उसके खिलाफ कभी सबूत नहीं जुटा पाए थे।
उस वक्त ऐसा लग रहा था कि वामन strong और कानून से बड़ा हो गया है। जो धीरे धीरे India की cultural heritages को भारत के बाहर बेच रहा था। Shrivastav ने ऑपरेशन ब्लैक होल जून, 2002 में बारह police officers की एक टीम के साथ शुरू किया। और एक साल बाद जाके उनके हाथ Vaman Ghiya लगा।
Vaman Narayan Ghiya और Shrivastav के पुलिस चोर की इस journey से inspired कहानी हमें Dhoom 4 में भी देखने को मिल सकती है।