Chattisgarh राज्य के देवरी खुर्द गाँव की पंचायत की सरपंच भारती पंकज में अपने पुरुष प्रधान area में बोलने की कभी हिम्मत नहीं की थी।
लेकिन जब वहाँ IPS Arif Sheikh की Entry हुई तो उनकी Leadership में छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा चलाए जा रहे Self defense course के साथ सारी रूकावटो और बंधनो को तोड़ने की हिम्मत मिल गई।
भारती पंकज का कहना था कि वो इतने वक्त से एक violent इलाके में रह रहे हैं, जहां एक महिला की आवाज दबाई जाती है। 2016 में Scenario बदलना शुरू हुआ, जब आरिफ भाई ने हमारी पंचायत का दौरा किया और हजारों महिलाओं को मजबूत खड़े होने के लिए encourage किया। उन्होनें हम सबको Self Defense से introduce कराया और उनके डर को Self-confidence में बदल दिया।
सब ladies इतनी खुश हुई कि सबने आरिफ भाई और उनकी टीम को राखी बांधी।”
IPS Arif Sheikh, जहां भी गए वहां उन्होने नए नए Campaigns शुरू कर लोगो की मदद की है। उनके ये Efforts इतने unique होते है कि सिर्फ public ही नही बल्कि police department को भी उन पर proud है।
जैसे अभी Lockdown के वक्त Arif Raipur में थे और वहाँ पर Domestic violence के बढते हुए Cases को देखकर उन्होंने ‘चुप्पी तोड’ यानी ‘Break Silence’ नाम का एक अनोखा और Unique campaign शुरू किया।
इस campaign के जरिए रायपुर पुलिस domestic violence के victims को लगातार support कर रही है, ताकि उनकी safety के लिए उनकी Counseling की जा सके और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सके।
रायपुर के Senior Superintendent of police (SSP) आरिफ शेख ने कहा, “इस lockdown period में कई Domestic violence के मामले सामने आ रहे है। और इस problem के समाधान के लिए हमें ये चुप्पी तोड Campaign शुरू करना चाहिए। इसके तहत, हम पिछले तीन सालों में दर्ज domestic violence के cases की फिर से जाँच करेंगे।”
ऐसा करने पर लगभग 1500 victims की पहचान की गई। इस campaign के शुरू होने के बाद पहले 9 दिनों के दौरान, 49 पुरुषों और 395 महिलाओं ने रायपुर में टेलीफोनिक शिकायत पर domestic violence की complaint की थी। और इन शिकायतों के response में इनमें 4 पुरुष व 36 महिला के घर जाकर action लिया गया।
टोल फ्री नंबर पर गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के लोगों ने भी domestic violence की शिकायत की थी।
Campaign के नौवें दिन तक फोन पर कुल 444 और whatsapp पर 18 complaints पुलिस को मिल चुकी थी। इनमें से पुलिस ने 244 शिकायत cases में सीधी कार्रवाई की है और बाकी ऐसे 200 cases को टेलीफोनिक बातचीत पर counselling और negotiations करके सुलझाया गया था।
Domestic violence की victims के लिए रायपुर पुलिस ने एक 11 questions वाली एक questionnaire तैयार की है, जिसे उनके Psychological Survey के लिए बनाया गया है।
इस questionnaire का motive ये पता लगाना है कि victim Sage space में है या नही। .इसके अलावा एक और motive, Domestic violence के victims के बारे में जानकारी collect करना और उनकी mental state का पता लगाना भी है।
SSP शेख ने कहा,” हम इस crime के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, अब चाहे वो महिला हो या पुरुष। Domestic violence के cases में बढोतरी के पीछे का कारण ये है कि लोग अब अपने घरों में बंद हैं। शराब के आदी कुछ लोग जाहिर तौर पर परेशान हैं। इसके अलावा, चल रहे lockdown के कारण लोगों के पास पैसो की कमी के कारण भी इस तरह के incidents बढ़ रहे हैं। लॉकडाउन की वजह से आम लोगों को कई तरह के Challenges का सामना करना पड़ रहा था।
लेकिन इस मुश्किल दौर में अपने घरों में मार पीट करने से कुछ आसान नही होगा, ये समझाने और लोगो को गलतियां करने से रोकने के लिए Arif sheik ने ये Campaign चलाया था।
इस Campaign में उन सबकी Counselling की गई, उनकी बातें सुनी गई, उनकी चिंताए सुनी गई और उन्हों समझाया भी गया कि किस तरह से इस Violent जिंदगी से निकलकर वो आगे बढ सकते है।
2005 बैच के आईपीएस आरिफ शेख की गिनती तेज-तर्रार अफसरों में होती है। आरिफ शेख 8 districts के SP रह चुके हैं।
आरिफ ने छत्तीसगढ़ के बालोद, बस्तर, बिलासपुर और रायपुर जिलों में Superintendent of police रहते हुए, पिछले 5 सालों के दौरान पुलिस की image को सुधारने में कई महान काम किए हैं। उन्होंने बालोद में women empowerment के लिए ‘नवोदय campaign’ और बस्तर में ‘आमचो बस्तर आमचो पुलिस’, बिलासपुर में ‘संवेदना’ और ‘खाकी के साथ राखी’ campaigns चलाए थे। इसके साथ ही उन्होंने ‘हर head हेलमेट’ campaign चलाकर, two wheeler riders को helmets provide किए।
‘Har Head Helmet’ का ये campaign, Guinness और Limca Book Of world record में भी दर्ज हो चुका है।
Arif Sheikh जैसा पुलिस officer, Balwaan 2 फिल्म में एक important character के रूप में देखने को भी मिल सकता है।