लखनऊ का 15 अगस्त का वह दिन। रस्ते पर शांति से एक तिरंगा यात्रा चल रही थी। अचानक से बीच में किसी ने एक-दो पत्थर फेंके। पर पीछे मुड़कर देखने के बाद वहां पर कोई भी नहीं था। फिर और दो-तीन पत्थर आए और ऐसे करते-करते जोरदार पत्थरबाजी हुई जिसमें लोगों के सिर पर चोटें लगी और सड़क पर खून बहने लगा। फिर अचानक से कुछ लोग आकर वहां पर मारपीट करने लगे। दो अलग-अलग gangs के साथ सड़क पर मारपीट करने वाले gang members बाकी सारी चीजों को फेंक रहे थे। अब शांति के बजाय वहां पर violence था और माहौल शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा था।
उसी बीच कोई तो चिल्लाया,”यह thousand gang हो सकती है” और यह सुनते ही पुलिस को बुलाने का काम किया गया।
इसी बीच gangs के लोग वहां से निकल पड़े। शहर में इतना violence देखकर छोटे बच्चे, बूढ़े लोग घबरा गए। एक बच्चे को तो हॉस्पिटल भी पहुंचाया गया।
तो यह सब किसने किया? यह काम था thousand gang के leader चाऊमीन का। इस Gang के लड़कों को बड़ा घमंड था। इस gang का नाम लेकर वह लोगों को डराते रहते थे। इस गैंग का leader था सोनू रावत। पर उसके घुंघराले बाल देखकर लोगों ने उसे चाऊमीन कहना शुरू कर दिया। घुंघराले बाल, थोड़ी सी दाढ़ी, गले में चैन, कॉलर का तो आता पता नहीं और शर्ट के ऊपर के दो बटन खुले इस तरह का उसका हुलिया हैं और वो पहलवानी का शौकीन है। चाऊमीन का यह मानना था कि, “बाकी लोग सैकड़ों की भीड में आते हैं, मैं हजारों की भीड के साथ आता हूं”, इसीलिए उसने अपनी gang का नाम thousand gang रखा। यह gang सोशल मीडिया पर भी अपना रोब झाडने के लिए एक्टिव रहती है और यह गैंग पॉपुलर भी हुई है, जिससे इनका घमंड और एटीट्यूड बढ़ गया है। सोनू रावत सिर्फ मारपीट ही नहीं, किडनैपिंग भी करता है, जिसकी वजह से वहां का इलाका पूरी तरह से उससे डरता है।
अब एक gang तरक्की कर रही है, तो दूसरी को मिर्ची तो लगने वाली है। लखनऊ के बंगला बाजार में इस गैंग का राज था, तो वही तेलीबाग इलाके में वीर यादव गैंग का खौफ था। अगर दूसरी गैंग अपने से ज्यादा पॉपुलर हो रही है, लोग उन से डर रहे हैं, तो जलन तो होती ही है। इसी वजह से यह लोग किसी भी यात्रा में, सड़क पर, बाइक सवारी में एक दूसरे को टशन देते थे और मारपीट पर उतर आते थे। सोशल मीडिया पर भी यह लोग एक दूसरे को चैलेंज करते रहते थे और एक दूसरे पर अटैक करने करते वक्त यह बिल्कुल भी नहीं सोचते थे कि, इसमें किसी की जान भी जा सकती है।
5 सालों तक इन्होंने अपनी gang को बढ़ाया क्योंकि इन्हें बड़ा गैंगस्टर बनने का चस्का लग गया था, जिससे वह पूरे लखनऊ पर राज कर सकें।
पर इनकी हरकतों का इन्हें अच्छा खासा सबक मिला और पुलिस ने इन्हे अरेस्ट भी कर लिया।
तो यह थी लखनऊ के दो गैंग लीडर्स की कहानी। अब सलार फिल्म में भी हमें तो गैंग लीडर्स दिखाई देने वाले हैं यानी कि प्रभास और पृथ्वीराज सुकुमारन। बस इन का टशन लेवल सबसे अलग होने वाला है। पर किसी भी बड़े की शुरुआत तो छोटे से ही होती है। तो देखते हैं।
Trupti