Manipur का commando police, Herojit जिसने 100 से भी ज्यादा fake encounters किए, और फिर खुद ही उनका confession भी किया कि क्यो एक cop से वो बन गया killer!
जब herojit ने मारना शुरू किया, तो उसका कभी भी अपनी पत्नी को ये बताने का इरादा भी नहीं था और बाद में उसने पूरे देश को ये बात बताई।
एक killing के बाद, वो घर जाता तो गेट पर उसके लिए एक तौलिया और बाल्टी लाने का इंतज़ार करता। और पहले वो वहीं गली में नहाता, ताकि मौत का तोई निशान उसके घर में जाने से रोक सके। हर बार, वो उसे अपनी वर्दी धोने के लिए कहता, भले ही उसके कपड़े साफ दिखते हों।
लेकिन आखिरकार उसे पकड़ ही लिया गया।
हीरोजीत मणिपुर में एक पुलिस कांस्टेबल होने के साथ साथ, एक कमांडो भी था, जो विद्रोहियों से लड़ने के लिए बनाई गई एक elite unit का हिस्सा था और उनका सबसे effective executioner बनने को तैयार था।
हीरोजीत ने अपने confession में ये भी बताया कि क्यों क्यो उन insurgents यानी उग्रवादियों को arrest करने की बजाय सीधा मारना जरूरी था।
2006 में, उनकी यूनिट ने एक विद्रोही को arrest किया। और उस वक्त भारत के National security Act के तहत, एक suspect को बिना मुकदमे के 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता था। उस पूरे साल के दौरान, उन्हें जेल के अंदर से फोन कॉल आए, जिसमें उसकी पत्नी और बेटे को चोट पहुंचाने की धमकी दी गई।
धीरे धीरे धमकियों की खबर ऑफिस से दूसरे कॉन्स्टेबलों की पत्नियों और फिर हीरोजीत की पत्नी रत्ना तक फैल गई। डर के उसकी पत्नी ने अपने बेटे को स्कूल से निकाल दिया, और पुलिस क्वार्टर छोड़ना बंद कर दिया, यहाँ तक कि खरीदारी करने या अपने माता-पिता को देखने के लिए जाना भी बंद कर दिया।
12 महीने के end में, उसकी रिहाई की तारीख नज़दीक आई, हीरोजीत और दो दोस्त एक मोटरबाइक पर सवार होकर उस जगह गए जहाँ सेंट्रल जेल से इम्फाल तक जाने वाली सड़क हाईवे से जुड़ती थी। वे अपने स्टेकआउट के तीसरे दिन की दोपहर तक वहाँ इंतज़ार करते रहे, और जब एक Van जेल से नीचे उतरी।
हीरोजीत वैन के पास पहुंचा, तो उसने सभी को बाहर जाने का order दिया। छह-सात आदमी निकले। लेकिन उनमें एक एक वकील भी था। सबके सामने उसने कहा,”मैं हीरोजीत हूँ।”
हिरोजीत के चेहरे पर गुस्सा देखकर वो डर गया और माफी मांगने लगा। लेकिन हीरोजीत के दिमाग में उसकी डरी हुई पत्नी और बच्चो की तस्वीरें थी।
उसने अपनी 9 MM निकाली और सबके सामने 6 गोलियाँ लगातार उस पर fire कर दी।
दिन दहाडे, वकील के सामने मारने के बाद भी उसे सिर्फ 10 दिन के लिए suspend किया गया।
Hirojit को लगता था कि वो protected है, कि सरकार हमेशा उसका साथ देगी। लेकिन एक वक्त आया जब उसे किसी का सहारा नही मिला।
उस दिन lunch के वक्त हीरोजीत के लिए एक message आया।
वायरलेस पर टोयैमा नाम का एक कांस्टेबल था, जिसने कहा ” हम पर एक अजनबी young लडके ने public toilet के पास गोली चलाई है।” हीरोजीत ने अपने लंच को धकेला और दौड़ पड़ा।
हीरोजीत वहाँ पहुँचा, तो media और लोगो की भीड लगी थी। वो वहीं से सीधा pharmacy की और गया जहाँ पर उस लडके को पकड कर लाया गया।
पुछताछ करने पर पता की उसका नाम Sanjit है और वो एक insurgent है।
ठीक उसी समय, वहाँ एक senior officer आया तो हीरोजीत ने कहा, ‘हमें suspect मिल गया है।
Senior officer ने उसे संजीत तो वही खत्म करने का order दिया।
हीरोजीत ने बाहर media और जनता की भीड की तरफ देखा और कहा कि अभी वक्त सही नही है। कोई भी देख सकता है। लेकिन officer नही माना और कहा कि वो सब संभाल लेगा।
हीरोजीत ने हर बार की तरह order follow किया क्योकी उसे इसी के लिए train किया गया था। और संजीत पर 6 बार गोला चला दी।
बाद में, pharmacy में इचानक एक flat bed truck ने भीड़ को पीछे कर दिया। संजीत के शरीर को फार्मेसी से बाहर निकाल कर अंदर ले जाया गया। और तब हीरोजीत ने ट्रक में एक और deadbody देखी – वो एक महिला की थी। भाग रहे उग्रवादी और पुलिस के बीच शुरुआती गोलीबारी में, पांच महीने की एक pregnant lady के दाहिने गाल में एक गोली लगी थी और उसकी मौत हो गई थी।
इस incident के बारे में बताते हुए Hirojit की आंखो में आंसू आ गए और कहा,”तब तक, मुझे कुछ भी महसूस नहीं हुआ। मुझे कभी किसी आदमी को मारने का पछतावा नहीं हुआ, लेकिन एक औरत को मरा देखकर… ऐसा लगा जैसे मैं कोई गलती कर रहा हूँ।”
इंफाल में कहीं और, एक फोटोग्राफर ने संजीत की मौत की पास ली गई तस्वीरों को डाउनलोड कर रहा था।
दो हफ्ते बाद, 9 अगस्त को, संजीत की मौत का भयानक सच national cover story बन गई, जिसका Title “Murder In plain Sight” रखा गया था।
और तब हेरोजीत को आठ और लोगों के साथ फिर से suspend कर दिया गया। और उसे arrest किया गया। लेकिन जब सरकार ने भी उसका साथ नही दिया तो समझ आया कि किस तरह से उसका इस्तेमाल किया गया है और उसने फैसला किया कि वो सारा सच बाहर लाकर रहेगा।