30 फरवरी 2022 को आगरा में रहने वाले कुलदीप सिंह का लड़का बाहर खेलने गया हुआ था लेकिन होता नहीं। दिन से शाम हो जाती है कुलदीप सिंह अपने बेटे के सभी दोस्तों के पास, मैदान में ,स्कूल के आसपास हर जगह देख आते हैं पर उन्हें वह बेटे की कोई खबर नहीं मिलती पूरे दिन से पूरी रात बीत जाती है और अब वह पुलिस के पास जाना ही सही समझते हैं।
वह पुलिस के पास जाते हैं और रिपोर्ट लिखो आते हैं दिन भी जाता है पर पुलिस को भी कुछ पता नहीं चलता धीरे करके एक दो-तीन दिन की तरह और परिवार वालों की धड़कन भी तेज होती रही। पुलिस बीएफ मामले को छोड़कर चुनाव में अपनी duty पर लग चुकी थी । यह सब कुलदीप सिंह और उसके आसपास के लोग देख रहे थे पर वह करते भी तो क्या। 12 से 13 दिन बीत जाते हैं पर पुलिस कोई मदद नहीं कर रही होती है ऐसे में कुलदीप सिंह तय करते हैं कि वह खुद ही अपने बेटे को ढढूढने । सबसे पहले अपने बेटे की photo के साथ posters छपवाते हैं और साथ में आसपास और दूसरे इलाकों में भी लगाते हैं। इसके अलावा वह social media पर भी ये post डालते है।
कुछ दिनों बाद ही कुलदीप सिंह के घर में एक खत मिला जिसमें लिखा था कि अगर वह अपने बेटे को जिंदा देखना चाहते हैं तो जल्द से जल्द 35लाख का इंतजाम करें और पास के गांव के पेट्रोल पंप के पास वह bag छोड़ दें । पर्स घर पर कितना विश्वास किया जा सकता था यह कुलदीप सिंह को पता नहीं था ।
उसने अपने पड़ोसियों से भी जाया कि उसके पास ना इतने पैसे हैं उन्हें इस बात की guarantee कि पैसे जोड़कर दे देने के बाद भी क्या और उनका बेटा उनको मिलेगा या नहीं । इसके बाद 4 दिन और बीत जाते हैं एक और खत कुलदीप सिंह के घर के आंगन में उन्हें तोड़ा मोड़ा कागज मिलता है। ध्यान देने वाली बात थी कि घर में पहरा देने के बाद भी कोई घर के अंदर आंगन में यह चिट्टियां कैसे डाल रहा था। इस बार इसमें लिखा था kidnappers जानते हैं कि कुलदीप सिंह के पास इतने पैसे नहीं है तो वह केवल 25लाख का इंतजाम कर दें और साथ में एक टोपी भी थी जो कुलदीप सिंह के बेटे ने kidnap होने वाले दिन पहन रखी थी। इस बात का सबूत था कि कितना बस के पास कुलदीप का बेटा वाकई है।
इससे कुलदीप सिंह को यह बात पता चली कि कोई तो उनके आसपास का हीं व्यक्ति है जो उनकी सभी बातें सुन रहा है और सामने से जवाब दे रहा है। 1 दिन के बाद फिर एक खत उनके आंगन में मिलता है जिसमें लिखा होता है कि फिरौती की रकम अब कम नहीं होगी और जल्द से जल्द पैसे बताए गए पते पर रखते जाए ।कुलदीप सिंह अपने कुछ चुनिंदा विश्वसनीय लोगों को बिठा कर तीनों खतों को ध्यान से देखने लगता है।
उन्होंने उस गांव में जाकर पूछताछ करने की सूची जहां पर bag रखने की बात हुई थी। मारवाड़ी पूछताछ की तो पता चला कि आकाश नाम का लड़का है जो यहां रहता है और पहले आगरा के उस इलाके में रहा करता था जहां कुलदीप सिंह का घर था कुलदीप सिंह इसके बाद पुलिस के पास जाते हैं और उन्हें बताते हैं कि उन्हें इस लड़की पर शक है तो पुलिस आशु को धर पकड़ती है। इसके बाद ashu बताता है की उसने और उसके दो साथियों ने मिले उसी दिन कुलदीप सिंह के बेटे को मार दिया था जिस दिन उसे kidnap किया था।
ऐसा उन्होंने इसलिए किया था क्युकी उनकी कुलदीप सिंह से पुरानी दुश्मनी थी। और इन सब में एक मासूम बच्चा मारा गया।
ऐसे ही criminals की कहनी होने वाली है bade miyan chote miyan 2
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apoorva