फूलपुर के गांव में Hari नाम के किसान रहता था। Hari के पास बहुत सारी जमीन थी लेकिन उस जमीन पर खेती करने के लिए इतने लोग नहीं थे। Hari का बेटा Vikram एक भारतीय फौजी था। Vikram अपनी नौकरी के कारण ज्यादातर गांव से बाहर ही रहता था इसलिए सारी खेती का ख्यालHari को रखना पड़ता था। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए hari ने सेठ घनश्याम से बात की। घनश्याम गांव के सबसे अमीर लोगों में से एक था । वह सेट होने के साथ-साथ बहुत बड़ा जमीदार भी था।
hHari ने जमींदार को अपनी आधी से ज्यादा जमीन किराए पर दे दी। जमींदार अपने नौकरों से Hari की जमीन पर खेती करवात और बदले में उसे अच्छा खासा मुनाफा होता और रवि को उसकी जमीन का किराया भी मिल जाता। समय अपनी गति से बीत रहा था । Hari ने अपने बेटे Vikram की शादी अपने दोस्त की बेटी Ranjana से करवा दी । हरी का परिवार खुशहाल परिवार बन चुका था। कुछ समय बाद Vikram अपनी नौकरी पर चला गया। अब घर में उसकी मां , पिता और पत्नी रहते थे एक रोज हरी जमीदार के घर पहुंचा।
दरअसल Hari के पत्नी की तबीयत खराब थी जब उसने अपनी जमीन का किराया जमींदार से मांगा तो वह बिल्कुल ही मुकर गया । उसने मानने से मना कर दिया कि hari की कोई जमीन उसने किराए पर भी ले रखी है। जब हरी ने कहा कि उसके पास जमीन के कागजात है तो सामने से घनश्याम सेठ ने भी कह दिया कि वह तो उसके पास भी है।
Hari वहा से चुप चाप वापस आ गया। Hari ने आकर सारी बात अपनी पत्नी और बहु को बताई। यह बात सुनकर उन्हें बहुत बुरा लगा वैसे भी वह बेचारी इसके अलावा और कुछ कर भी नहीं सकती थी । घनश्याम की खेत में tubewell लगी थी जिससे पूरे गांव के खेतों में पानी जाता था। हरि के खेतों में भी घनश्याम के tubewell से पानी जाता था । एक रोज हरि की तबीयत बहुत खराब हो गई जिस कारण उनके खेतों में पानी नहीं गया । पानी के ना जाने से फसल खराब हो सकते थे इसलिए हरि की बहू जमीदार घनश्याम के पास पहुंची। पर वहा उसकी किसीने एक न सुनी। वह अपने घर पहुचकर रोने लगी।
काफी देर रोने के बाद उसने Vikram को phone किया और गांव के हालात के बारे मे बताया। Vurkam ने उसे हौसला रखने को कहा और बोला की वह जल्द आ जायेगा। विक्रम छुट्टी लेकर अपने घर पहुंच गया। घर पहुंच कर उसने अपने पिता का इलाज करवाया और खेत में पानी की व्यवस्था की। सब कुछ ठीक करने के बाद अब उस काम को करने के लिए चला गया जिसके लिए वह आया था । विक्रम घनश्याम के पास पहुंचा । घनश्याम फिर भी विक्रम की बात से मुकर तारा और उसे नकली कागज दिखा कर धौसता रहा।
विक्रम ने घनश्याम को ultimatum देते हुए कहा कि या तो वह सीधे जमीन खाली कर दें या घी निकालने के लिए उसे उंगली टेढ़ी करनी पड़ेगी। पर सेठ न माना।
उस वक्त विक्रम ने कुछ नहीं किया उसने कानून के दायरे में रहकर पुलिस की मदद लेना सही समझा विक्रम पुलिस के पास गया और उसने पुलिस को सारी बात बताई। पर पुलिस ने उसकी कोई मदद नहीं करी।
Vikram ने अपने कुछ दोस्तो को शहर बुला लिया जिनमें एक DGP था और एक वकील। उन्होंने मिलकर खेतो के मजबूत कागज बनाएं जिसपर ये साबित किया जा सकता था की ये जमीन उसकी है। इसके बाद DGP और विकर्म थाने पहुंचे। वहा पहुंचकर उसने यूज पुलिस वालो की फटकार लगाई जिन्होंने उसकी FIR तक लिखने से मना कर दिया था। पुलिस ने FIR दर्ज की लेकिन घनश्याम उनके समझने पर भी नही माना।
बात court तक पहुंची। कुछ ही महीनों मे vikram nee case जीत लिया था। जिसके बाद घनश्याम को hari की जमीन तो छोड़नी ही पड़ी और साथ ही दो लाख जुर्माना भी भरना पड़ा।
ऐसे ही देश से वफादार जवान की कहानी होने वाली है shahrukh khan starrer Jawan
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Apoorva