South India में दहशत
हु से मुनि स्वामी वीरप्पन गुंदर, जिसको ये देश सिर्फ वीरप्पन के नाम से जानता है, किसी के लिए हीरो था, तो किसी के लिए विलन, किसी के लिए डकैत, तो किसी के लिए तस्कर, तो किसी के लिए रॉबिनहुड था। वीरप्पन के ऊपर मतभेद और बिल्कुल अलग अलग राय रखने वाले लोगों में भी एक बात पर सहमति जरूर है की वो पूरे 2 दशकों तक दक्षिण भारत में आतंक का पर्याय बना रहा था। वीरप्पन जिसके ऊपर 184 लोगों की हत्या करने का आरोप था, 184 लोग जिस में आधे से ज्यादा पुलिस वाले और फॉरेस्ट ऑफिसर थे। हत्या के अलावा, वीरप्पन ने अपने जीवन काल में 500 से ज्यादा हाथियों का शिकार किया, 16 करोड रुपए मूल्य के गज दात और 65000 किलोग्राम चंदन की लकड़ी अवैध तरीके से बैच डाली। चंदन जिसकी कीमत 143 करोड रुपए बताई जाती है, वीरप्पन जिसको पकड़ने के लिए तमिलनाडु और कर्नाटक की सरकारों ने 100 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च कर डाले, वीरप्पन जिसके बारे में यह कहा जाता था की पुलिस उसको उसी दिन हथकड़ी पहना सकती है, जिस दिन वो खुद सामने से आकर पुलिस के सामने सरेंडर कर देगा. वीरप्पन जो अपने 36 साल के अपराधिक जीवन में सैकड़ों बार पुलिस की हथेली के ठीक बीचोबीच से कुछ इस तरह बच निकला, जैसे की बंद मुट्ठी में से रेत निकल जाता है. वीरप्पन जिसने 3 राज्यों की police और सरकारों को दिन में तारे दिखा दिए, उस वीरप्पन को आखिर कैसे पकड़ा गया था? उसके जीवन की आखिरी रात को क्या हुआ था? chai की दुकान पर बैठा एक आम सा आदमी चाय की चुस्कियां लेते लेते लगातार अपने आगे, पीछे, दाएं, बाएं और ऊपर नीचे देखे जा रहा है, हाथों में अखबार लिए इस आदमी का ध्यान अखबार को छोड़ अपने आसपास की हर चीज पर है की तभी इसके कानों में एक आवाज पड़ती है, भाई साहब यह बेंच खाली पड़ा है क्या? पीछे देख रहा यह आदमी जैसे ही आगे की तरफ मु घूम आता है, तो इसके सामने लाल कमीज पहने एक आदमी खड़ा होता है, हां खाली है बैठ जाओ अखबार वाला यह आदमी उत्तर देता है तो लाल कमीज पहने वह आदमी सामने बेंच पर बैठते हुए अपने लिए चाय order कर देता है. कुछ मिनट बाद चाय आ जाती है और यह आदमी चाय पीते हुए अपने सामने बैठे उस अखबार वाले आदमी से पूछता है, भाई साहब, आप शायद यहां पर new हो, अखबार वाला आदमी उत्तर देता है हां, कुछ काम से आया था बस यहां से गुजर ही रहा हूं. कुछ मिनट और इधर उधर की बातें करने के बाद लाल कमीज वाला आदमी अखबार पढ़ रहे आदमी से कहता है, भाई साहब जरा चीनी पकड़ाएंगे, अपने पास पड़ी चीनी की कटोरी को उठाकर जैसे ही ये आदमी अपना हाथ आगे बढ़ाता है, तो लाल कमीज वाला आदमी उससे कहता है टाइम आ गया है अन्ना बाहर निकलने के लिए तैयार हैं. यह दोनों आदमी जिस अन्ना की बात कर रहे हैं, वह कोई और नहीं बल्कि दक्षिण भारत के इतिहास का सबसे कुख्यात डकैत वीरप्पन है, अखबार पढ़ रहे इस आदमी का कोड नेम है मिस्टर बॉन्ड, लाल कमीज़ वाले का मिस्टर ब्लैक और यह दोनों ही वीरप्पन के लिए काम करते हैं, जहां मिस्टर बॉन्ड एक व्यापारी है और शहर में रहकर वीरप्पन के लिए काम करता है, वही मिस्टर ब्लैक हर क्षण जंगल में वीरप्पन के साथ रहकर, अन्ना आखिर हैं कहां? गुस्से में मिस्टर बॉन्ड ब्लैक के ऊपर सवालों की बौछार कर डालता है और मैंने जो आदमी भेजा था उसे अभी तक अन्ना से क्यों नहीं मिलाया? अरे भाई, आप तो अन्ना को जानते ही हो, वह हर चीज को तीन-तीन चार-चार बार चेक करते हैं। मिस्टर बॉन्ड को शांत करने का प्रयास करते हुए, ब्लैक आगे कहता है अन्ना ने दूर से ही आपके आदमी पर नजर बनाई हुई थी और अब वह उस पर विश्वास करने लगे हैं और अगर आपके ये बेकार सवाल खत्म हो गए हो, तो अब काम की बात करे। अत्यंत सावधान मिस्टर ब्लैक अपने दाएं बाएं देखते हुए कहता है मेरी बात ध्यान से सुनो अन्ना 18 अक्टूबर को बाहर आएंगे और तुम्हारा वह आदमी papparapatti पुलिस स्टेशन के बाहर wait करेगा अन्ना को गाड़ी से जंगल से बाहर निकालने का जिम्मा उसी को सौंपा गया है और गाड़ी का इंतजाम तुम्हें करना है, यह कहते ही मिस्टर ब्लैक अपनी जेब से लॉटरी का टिकट निकालता है जिसका नंबर था 007710। अपने चारों तरफ नजर फिराने के बाद mr black बिल्कुल फिल्मी अंदाज में टिकट के दो टुकड़े करता है और एक टुकड़ा मिस्टर बॉन्ड को देता है। ये अन्ना का ट्रैवल टिकट है, जब हमारा आदमी तुम्हारे आदमी से मिलेगा, तो इन दोनों टुकड़ों के नंबर को मैच किया जाएगा, जिसके बाद तुम्हारा आदमी गाड़ी में अन्ना को जंगल से बाहर निकालेगा, अपनी आवाज को थोड़ा और नीचे करते हुए ब्लैक आगे कहता है, बस इतना ध्यान रखना की अन्ना के साथ पांच, 6 आदमी और होगे इसलिए थोड़ी बड़ी गाड़ी का इंतजाम करना, यह सुन mr बॉन्ड उत्तर देता है, मेरे ख्याल से एंबुलेंस ठीक रहेगी, एंबुलेंस में जगह भी काफी होती है और उसको बिना पुलिस की नजरों में आए तेज स्पीड में दौड़ाया भी जा सकता है। हां हां ठीक है, अपना सर हा में हिलाते हुए mr black कहता है, अपने आदमी से कहना कि सही टाइम पर लोकेशन पर पहुंच जाए अन्ना टाइम के बहुत ज्यादा पावन है.
अब इसके आगे की story में आपको नेक्स्ट वीडियो में बताऊंगा।
Divanshu