80s के दशक में इंडिया की खुफिया एजेंसी रॉ ने रशिया के 2 लोगों को अपना सीक्रेट एजेंट बना लिया था और जिसकी रुशिया को कानो कान खबर नहीं थी। हैरानी की बात यह है कि उसमें शामिल एक सीक्रेट एजेंट रशिया के प्रेसिडेंट व्लादीमीर पुतिन की गर्लफ्रेंड रह चुकी है।
साल 1988 में एक ऑपरेशन की शुरुआत हुई, जिसका नाम था ऑपरेशन अजलिया। उस दौरान सोवियन यूनियन के president Mikhail Gorbachev (मिखेल गोर्बाचेव) इंडिया में दौरा करने के लिए आए थे। उस वक्त रॉ एजेंट अशोक खुराना की मुलाकात अलेक्सांड्रे(Aleksandre) नाम के एक शख्स से हुई, जो एक रशियन पॉलिटिशन का भाई था और वो भी प्रेसिडेंट के साथ आया था।
उसके कुछ महीनों बाद, जब खुराना और अलेक्सांड्रे की मुलाकात हुई, तो उसने खुराना को 27 साल की public relation executive अनास्तासिया कोर्किया(Anastasia Korkia) से मिलवाया। यह एक लंबी, हरी आंखों वाली स्मार्ट लड़की थी। अनास्तासिया ने रशिया में एक लॉबिंग फर्म के लिए काम करना शुरू कर दिया था, जो government और International Atomic Energy Agency (IAEA) के साथ contact कर रही थी। अलेक्सांड्रे ने खुराना को बताया कि, 1986 में वो और अनास्तासिया एक दूसरे से मिले थे।
खुराना ने इन दोनों से बात तो कर ली थी। अब वह इंतजार कर रहे थे कि, कब वह हां कहेंगे, पर उन्होंने कोई जल्दबाजी नहीं की। फिर अलेक्सांड्रे ने सोवियत सरकार के बर्लिन की दीवार गिरने से पहले खुराना को RAW में काम करने के लिए हां कह दिया। फिर खुराना को यूनाइटेड स्टेट्स अमेरिका, यूरोप और एशिया के anti Soviet politics को लेकर खुफिया इंफॉर्मेशन मिलती रही। इसे ही ऑपरेशन अजलिया कहा जाता था। तो हो सकता है कि war 2 में रॉ एजेंट बनकर रितिक रोशन ऐसे ही दो सीक्रेट एजेंट्स को हायर करें, ऐसे ही किसी बडे ऑपरेशन के लिए।
वैसे अलेक्सांड्रे काफी शातिर था। अलेक्सांड्रे ने इसमें शामिल risk को अच्छी तरह से जानते हुए important secret information निकालने के लिए अनास्तासिया को एक strong हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। पर इस में खुराना ने कुछ नहीं कहा।
फिर 1999 में, अनास्तासिया का boyfriend था, जिसका कोडनेम एलेक्सी था। वो रशिया में उस वक्त एफबीआई में किसी बड़ी पोजीशन पर काम कर रहा था। एफबीआई एक एजेंसी है। वैसे इस सब की कड़ी जुड़ती है व्लादिमीर पुतिन के करियर से। उन्होंने सीक्रेट एजेंट के तौर पर 17 साल तक काम किया था। Cool personality के साथ काम करने वाले पुतिन को लेकर काफी कम लोगों को पता है क्योंकि वह सामने वाले को अपने बारे में पता चलने नहीं देते, बल्कि वह उसी की हिस्ट्री निकालते हैं। और इसी अंदाज की वजह से वह पहले prime minister बने और फिर उन्हें रशिया का प्रेसिडेंट बनने का मौका मिला। तो शायद कोडनेम वाला वह शख्स पुतिन ही हो।
हो सकता है कि, war 2 में भी ऐसा ही कोई powerful character हो, जो आगे जाकर एक पॉलीटिकल लीडर बने, पर उसका बैकग्राउंड सीक्रेट्स से भरा हो।
वैसे जब 2004 में अलेक्सांड्रे और अशोक खुराना की मुलाकात हुई थी, तब काफी धीरे से अलेक्सांड्रे ने अशोक के कानों में कहा,” हम 2001 में हुए संसद हमले को रोक सकते थे”। उनके कहने का मतलब यह था कि, उस वक्त भी अगर वो RAW में काम कर रहे होते, तो शायद वह हमला ना होता और इंडिया का फायदा होता।
तो ऐसे ही किसी सीक्रेट मिशन के लिए हमें सस्पेंस से भरा सीक्रेट एजेंट का यह प्लॉट देखने को मिले।
Trupti