जिंदगी हर किसी की परीक्षा कभी ना कभी लेती ही है ठीक उसी तरह जब आप अपने परिवार के साथ रहते हैं तो लाइफ में एक ना एक बार ऐसा वक्त जरूर आता है जब आपके पास दो ऑप्शन हो और आप चाह कर भी किसी एक ऑप्शन को नहीं चुन सकते हैं और कुछ ऐसे ही धर्मसंकट में था राजीव। हम सब जानते हैं कि पटना, बिहार कैसा शहर है और वहां रिश्तों की कितनी अहमियत है। राजीव के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था जिसमें उसे अपने बेटे और पति होने का दोनो फ़र्ज़ अच्छे से निभाना था। राजीव अपने घर में सबसे बड़ा बेटा था और बड़े बच्चे को हर घर में उम्र से पहले बड़ा होना पड़ता है ताकि उसके बाद के भाई बहन उसे देख कर कुछ सीखे और कभी कुछ गलत न करें। राजीव बचपन से ही होशियार था लोग उससे प्यार से होशियार चांद बुलाते थे, राजीव ने खुद को ऐसा बनाया लिया था कि मानो अपने घर वालों के लिए वो कुछ भी कर सकता था ठीक उसी तरह जिस तरह आपने फिल्म में सनी देओल ने अपने घरवालों की खुशी के लिए अपना घर, अपना परिवार से दूर चला गया था, ताकि सब अच्छे से रह सके, लेकिन यहां राजीव का किरदार भी सनी देओल की तरह ही है ताकि अपने फिल्म के पार्ट वन की स्थिति बरकरर रहे लेकिन दोनो की स्थिति बहुत ही अलग थी। राजीव ने बिना घर छोड़े ही बातों को ऐसे शंभला था कि घर वाले अक्सर बोलते हैं कि वो धन्य है कि राजीव जैसा बेटा उनका बेटा है और वो उनकी कितनी इज्जत भी करता है।
अब राजीव बड़ा हो चुका था और उसके घर में उसकी शादी की बात चल रही थी, राजीव के छोटे भाई बहन अक्सर उसे छेड़ते थे और उन सब को मजाक में लेकर राजीव भी जोरो से हंस दिया करता था, ये भी एक ऐसा अंदाज था राजीव का जो लोगो को बहुत पसंद आता था। राजीव की शादी हो गई और अब वो जितना हो सके अपना टाइम अपनी पत्नी को दिया करता था, स्टार्टिंग में तो लोगो को लगा की नई शादी हुई है तो इतना चलता है लेकिन शादी के 4 महीने बाद भी राजीव का वही हाल था और अब लोगो ने उसे जोरू का गुलाम भी कहना शुरू कर दिया था। एक दिन ये बात घर तक आ गई थी कि शादी के बाद से राजीव का मन कमो पर बिलकुल नहीं था और न ही घर पर, जिसके बाद राजीव को अच्छे से समझा गया कि बेटा अब तू थोड़ा काम पर भी ध्यान दे दिया करो जिससे सुन कर राजीव की पत्नी सुमन तिलमिला गई और उसमें इस बात को गलत नजरिए से देखना शुरू कर दिया था। सुमन अब रोज घर में लड़ाई करने लगी थी, मेकर्स अगर सुमन के रोल के लिए दीपिका को कास्ट करते हैं अपने 2 के लिए तो वो काफी अच्छे से इस कैरेक्टर को निभाएंगी और अपने एक्टिंग से सुमन के कैरेक्टर में जान डाल पाएंगी। एक दिन तो सुमन ने हद पार कर दी थी जिस दिन उसने बटवारे की बात कह दी थी जिससे सुनकर सारे के सारे घरवाले चौक गए थे जिसके बाद राजीव के पिता जी ने राजीव से स्पष्ट रूप से बोल दिया था कि अगर घर में रहना है तो एक साथ रहना होगा अपना डेरा कहीं और देख लो ये भी सुनकर सुमन को गुस्सा आ गया था जिसके बाद उसने पैकिंग तक शुरू कर दी थी, राजीव ने बहुत समझने की कोशिश की लेकिन सुमन उसकी बात को समझने के लिए तैयार तक नहीं थी ये एंगल मूवी में फैमिली वाली इमोशंस और प्यार को अच्छे से कवर कर सकती, जिसे दर्शक भी अच्छे से कनेक्ट कर पाएंगे और उन्हें फिल्म इंटरेस्टिंग भी लागेगी।
अब किया था अब जो करना था राजीव को करना था तो एक दिन राजीव और उसके छोटे भाई बहनों ने मिलकर ये प्लान बनाया कि सुमन की गलत फैमी दूर करनी होगी जिस तरह धर्मेंद्र जी को हो गाया था सनी देओल को लेकर लेकिन आखिरी में जब धर्मेंद्र जी को सचाई पता चली थी तो वो फुट फुट कर रोये और ऐसा ही कुछ हमें इस कहानी में सुमन के किरदार में देखने को मिलेगा जब राजीव का प्लान पूरा हो जाएगा। राजीव ने एक दिन घर में अपने मां बाप के साथ सुमन को अकेला छोड़ दिया था और जैसे ही सुमन अपने रूम से निकली तो वहा तेल के गिरे होने के कारण वो गिर गई जिसके बाद उसकी आवाज सुनते ही राजीव की मां वह आई और सुमन को उठा उसके कमरे में ले गयी और उसकी पूरी मन से सेवा की जिसे देख सुमन के आंखों से अंशु आ गया थे और उसी वक्त अपनी सारी की सारी गलत फैमी को दूर कर माफी मांगी कि उससे वो गलती हो गई और उसका पछतावा भी उसे बहुत है, थोड़ी देर बाद जब राजीव आया तो उसने मुस्कुराते हुए कहा कि आखिर कार उसकी योजना सफल रही और अब सब साथ है, कहीं ना कहीं अगर राजीव ने ये समझदारी नहीं दिखाई होती तो शायद वो अपने परिवार को एक कर पाता. ये कहानी हो सकती है आने वाली फिल्म अपने 2 की, आपको ये कहानी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताइएगा और तब तक आप अपना ध्यान रखिए और हमेशा मुस्कुराते रहीए ।
Chandan Pandit