फिल्म बॉलीवुड की हो या हॉलीवुड की, साइंस फिक्शन पर आधारित फिल्म हमेशा से ही फिल्म makers से लेकर audience तक को पसंद आने वाला topic रहा है। अगर कुछ सालों कि फिल्में देखी जाए तो लग भाग सारे फिल्म साइंस फिक्शन से related आ रहे हैं और इसमें कोई शक नहीं है कि टेक्नोलॉजी के मामलों में हॉलीवुड हमेशा बॉलीवुड से आगे ही रहा है। बावजूद इसके इंडिया में ढेरों ऐसी फिल्में बनी भी है और हिट भी सबित हुई है, उन्हीं में से एक मूवी थी मिस्टर इंडिया जो साल 1987 में आई थी जो बिलकुल साइंस फिक्शन मूवी थी। जिसे लोगों ने खूब प्यार दिया था और जिसे रिलीज करने से मेकर्स बहुत ढर रहे थे। उस जमाने में यह फिल्म जितनी कामयाब हुई थी उतनी ही इस फिल्म से जुड़े कई सारे किस्से भी मशहूर हुए थे , जिसका समय समय पर इस फिल्म से जुड़े लोगों ने अपने इंटरव्यू में खुलासा करते रहते हैं, जिसमें से आज हम कुछ के बारे में जानेंगे, जो बहुत कम लोगो को ही इसके बारे में पता है। जब सिर्फ फिल्म के बारे में बातें हो रही थी तो दर्शक ज्यादा कुछ नहीं सिर्फ और सिर्फ या तो फिल्म में इस्तेमाल हुए डायलॉग के बारे में बातें करते हैं या किसी गाने के बारे में या उनके एक्टिंग के बारे में, लेकिन कितने दिक्कतों से एक्टर और एक्ट्रेस को कास्ट किया गया था ये सिर्फ और सिर्फ मेकर्स ही अच्छे से जानते हैं। यहां तक कि सीन के सही से नहीं होने पर मेकर्स रीटेक पर रीटेक करके परेशान हो चुके थे लेकिन जब मेकर्स हर रोल के लिए अपने चुने गए हीरो या हीरोइन को कास्ट कर रहे थे तब उनके लिए एक बड़ी चुनौती बनी थी और वो थी इस फिल्म के विलेन को कास्ट करने की। आज हम सब जानते हैं कि मोगैंबो का रोल अमरीश पुरी जी ने निभाया था लेकिन इस रोल के लिए मेकर्स ने पहले अनुपम खेर को कास्ट किया था और यहां तक कि उनके साथ दो महीनों की शूटिंग भी पूरी कर ली गई थी लेकिन पता नहीं किन वजहों से अनुपम खेर की जगह अमरीश पुरी को कास्ट किया गया और इस चिज से अनुपम खेर को कितनी तकलीफ पाहुची थी इसके बारे में उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया था “जिसके बाद लोगो को अनुपम खेर के लिए बहुत बुरा लगा था”। अक्सर फिल्म जितनी आसान और अच्छी दिखती है परदे पर उतनी आसन होती नहीं है, कई सारे दिक्कतों से फिल्म को गुजरनी पढ़ती है ? फिर चाहे वो किसी को कास्ट करने को लेकर हो, कहानी को लेकर या कभी मेकर्स के अपने डिमांड्स को लेकर। लेकिन जब बात लीड रोल की आती है तो मेकर्स किसी भी चीज में compromise नहीं करते हैं, बहुत कोशिश करने के बाद मोगैंबो के रोल के लिए finally मेकर्स ने अमरीश पुरी को मना लिया था लेकिन “ये बात बहुत कम ही लोग जानते हैं कि मोगैंबो का आइडिया आया कहा से था ?”। तो इसका आइडिया ऑस्कर नॉमिनेटेड हॉलीवुड फिल्म “मोगैंबो” से लिया गया था, जिसका मतलब था हॉलीवुड के हिसाब से “सबसे महान”, वो फिल्म उस वक्त हॉलीवुड में बहुत फेमस हुई थी, जिसे ध्यान में रखते हुए मेकर्स ने ये फैसला लिया था। अब जब मिस्टर इंडिया की सीक्वल बनेगी तो मेकर्स को ये ध्यान रखना होगा कि, उन्हें नाम और कैरेक्टर तो बना बनाना मिल गया है लेकिन उन्हें मिस्टर इंडिया 2 के एक्टर या एक्ट्रेस की कास्ट अच्छे से करनी होगी जो इन किरदारों को वही नाम और पहचान दे जो पहले पार्ट में इन्होंने खुद से कामया था। अब मोगैम्बो को बनाना इतना भी आसान नहीं था मेकर्स ने सिर्फ उनका नाम और उनकी पहचान ली थी हॉलीवुड से लेकिन उसे भारतीय सिनेमा से जोड़ने के लिए मोगैंबो के रोल को इंडियन तौर तरीके में ढाल गया था और फिर बाद में मोगैंबो का नाम पाकिस्तान के प्रेसिडेंट जियाउल हक के साथ जोड़ा गया था।मेकर्स का कहना था कि उनका लुक हुबाहू मोगैंबो से मिलता था और मेकर्स इस लिए उनके Hair style से इंस्पायर हो गए थे, जिसके वजह से अमरीश पुरी जो मोगैंबो का रोल प्ले कर रहे थे, तो उनका भी हेयरस्टाइल जियाउल हक के जैसा रख दिया गया था। पहले के मेकर्स हर छोटी सी छोटी चिजो पर ध्यान रखते थे और बारिकी से काम किया करते थे, तो अगर अब मिस्टर इंडिया 2 आती है तो इस बार भी मेकर्स को वैसा ही कुछ अलग, हट कर करना होगा ताकि इनको भी वही प्यार और नाम मिले जो मिस्टर इंडिया को मिली थी।
जैसा कि हम सब जानते हैं जब फिल्म से related कोई भी खबर आती है या कोई भी अभिनेता या अभिनेत्री किसी पार्टी में, अवार्ड शो में या किसी इंटरव्यू में जाते हैं तो लोग या फिर मीडिया वाले उन से related वो हर खबर निकलवाने के पीछे लग जाते है, जो उनसे और उनकी फिल्मों से related होती है फिर वो चाहे आने वाली फिल्म हो या 15-20 साल पुरानी फिल्म। ऐसा ही कुछ हुआ था अनिल कपूर के साथ जब “उनको एक इंटरव्यू में, उनसे मिस्टर इंडिया के बारे में पूछा गया था”। तो उन्होंने बताया था कि “जब फिल्म बनने वाली थी, उस से पहले ये खबर हर जगह फैल गई थी कि मिस्टर इंडिया मूवी में अमिताभ बच्चन होंगे और पूरी कहानी उन्हीं के हिसाब से लिखी गई थी, लेकिन जब अमिताभ बच्चन ने फिल्म करने से माना कर दिया था तो वो फिल्म फिर अनिल कपूर को ऑफर हुई और अनिल कपूर ने हां कह दी थी, लेकिन अनिल कपूर बहुत अच्छे से जानते थे कि उनको इस फिल्म के लिए बहुत मेहनत करनी होगी, एक तो एक्टिंग के लिए और दूसरा ऐसा कुछ करना होगा फिल्म में जिस से लोग ये भूल जाए कि मूवी पहले अमिताभ बच्चन को ऑफर की गई थी और ऐसा ही हुआ, अनिल कपूर ने मूवी में ऐसा काम किया था कि लोग उनके फैन हो गए थे और किसी को ये तक याद नहीं था कि उस मूवी के लिए अमिताभ बच्चन को अप्रोच किया गया था। ये होती है confidence जो अनिल कपूर जी में थी और उन्होंने उसी confidence और अपने एक्टिंग स्किल के वजह से आडियंस का दिल जीता था, अभी जब मेकर्स इसके सीक्वल की तैयारी करेंगे तो उनको छोटी से छोटी बातों पर ध्यान देना होगा और ऐसे कास्ट को फाइनल करना होगा जो इनके किरदार को एक नया दरजा दे वो भी आडियंस के दिल-ओ-दिमाग पर। अनिल कपूर काफी लकी मानते हैं खुद को कि उन्हें वो फिल्म करने का मौका मिला था, क्योंकि 80 के दशक में इस तरह की फिल्म करना खुद में एक बड़ी बात थी और खास करके ऐसे मूवी को करना जो बिलकुल अलग हो बाकी फ़िल्मों से।
हम सब जानते हैं कि मेकर्स पूरी कोशिश करेंगे कि मिस्टर इंडिया 2 में भी किसी स्टारकिड को ही कास्ट करें क्योंकि अब नॉन स्टारकिड एक्टर या एक्ट्रेस बहुत कम देखने को मिलते हैं और ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ अभी के फिल्मो की बात हो, जब मिस्टर इंडिया बन रही थी तो उस मूवी के स्टोरी लाइन के हिसाब से मेकर्स को मूवी में बहुत सारे अनाथ बच्चे चाहिए थे जिसके लिए उन्होंने उनके दोस्तों के बच्चों को या किसी जाने माने एक्टर के बच्चे को ही कास्ट किया था, जो आगे चल कर या तो अभिनेता बने या अभिनेत्री या कोई choreographer, उन बच्चों में जाने माने एक्टर आफताब शिवदासानी और करण नाथ भी थे और साथ ही साथ अहमद खान जो एक choreographer बने, अगर उन्हें आज उस फिल्म में कास्ट नहीं किया गया होता तो वो आज इतने फेमस नहीं होते जितने वो हुए हैं,इसलिए किसी भी फिल्म का हिट होना हर छोटे से बड़े लोगों के लिए फायदे मांड सबित होता है। जब मेकर्स इस सीन को लिख रहे थे तो उन्होंने सोचा था कि कम से कम बच्चों को कास्ट करेंगे लेकिन मूवी को रियल दिखाने के लिए उन्होंने वही किया जो उस वक्त मूवी की डिमांड थी, उन सभी बच्चों में एक बच्ची ऐसी थी जिसने सेट पर मौजुद सभी लोगो के दिल जीते फिर वो चाहे director हो या कोई अभिनेता या अभिनेत्री। उस छोटी सी बच्ची ने एक्टिंग भी ऐसी की थी कि सेट पर मौजुद सभी लोग रोने लग गए थे और उसके सेट से जाने के बाद उसे बहुत याद भी करते थे।आज भी जब मेकर्स उन दिनों को याद करते हैं तो उनके आंखें नम हो जाती है। 80 और 90 का दशक ऐसा दशक था जहां लोग फिल्म को आडियंस से डायरेक्ट रिलेट करते थे जिसके वजह से वो ऑडियंस से आसानी से कनेक्ट कर पाती थी और फिर उसका एक अलग ही क्रेज बन जाता था जिसे लोग प्यार से फॉलो करते थे और आज भी उन सभी क्रेज में, गायब होने वाले watch का क्रेज आज तक दर्शकों के अंदर है। तो ये कुछ फैक्ट्स हैं मिस्टर इंडिया मूवी से रिलेटेड, आपको ये फैक्ट्स जान कर कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताइएगा और तब तक आप अपना ध्यान रखिए और हमेशा मुस्कुराते रहिए।
Chandan Pandit