बॉलीवुड के producer और director ने पिछले सौ साल में एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में बनाई हैं. अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की ‘शोले’ हो या शाहरुख खान की ‘बाजीगर’ लोगों ने इन फिल्मों को बेतहाशा प्यार दिया है, लेकिन इस दौरान एक ऐसी फिल्म आई जिसने बॉलीवुड का पूरा ट्रेंड ही बदल दिया था। यह फिल्म बॉलीवुड की पहली सुपरहीरो फिल्म थी, जहां अभी तक लोग सिर्फ सुपरमैन और ही-मैन को जानते थे. वहीं, बॉलीवुड ने लोगों को एक नया सुपर हीरो दिया था। आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये कौन सी फिल्म है, जिसकी बात यहां पर हो रही है, यह फिल्म थी ‘मिस्टर इंडिया’.साल 1987 में रिलीज हुई ‘मिस्टर इंडिया’ बॉलीवुड की पहली हिट सुपरहीरो वाली फिल्म थी. इस फिल्म में डायरेक्टर ने गायब करने वाले बैंड यानी कि watch से ऐसी कहानी रची, जो लोगों के दिल में बस गई और फिल्म में उस दौर में लागत से तीन गुनी कमाई की थी.
इस फिल्म को मेकर्स ने कॉमेडी के साथ साथ साइंस फिक्शन शामिल करते हुए बनाया था, यह फिल्म हिंदी सिनेमा के सबसे famous और entertaining में से एक था जो बिना किसी रोक टोक के 5 से 75 साल की उम्र के सभी लोगों को आज भी attract करता है। । ये वो फिल्म थी जिसने हर एक सिन से लोगों को attract किया था फिर वो चाहे गाने हो, एक्टिंग हो, एक्शन हो, या कॉमेडी , और सायद जिस सीन ने सबसे ज्यादा लोगो को attract किया था वो मोगैंबो वाला सीन था। फिल्म में अमरीश पूरी द्वारा निभाए गए “मोगैम्बो खुश हुआ” कहने वाले मोगैम्बो के किरदार को एक शानदार तारिके से प्रेजेंट किया गया था। जहां कुछ लोगों को इनके रोल से डर लगा था तो कुछ audience ऐसे भी थे जो मोगैम्बो के लुक से इंस्पायर हुए । अब ऐसा नहीं था कि मेकर्स को इस फिल्म को बनाने का अचानक से कोई आइडिया आया था उन्होंने इसके लिए बहुत सारी रिसर्चर्स की थी तब जाकर उनको कहीं उनकी स्टोरी में मदद मिली थी। जब उनसे एक इंटरव्यू में पूछा गया था कि किस बात ने उन्हें मिस्टर इंडिया मूवी बनाने के लिए इंस्पायर किया था तो संजय कपूर ने बताया था कि, “जब वो मूवी लिखना शुरू कर रहे थे तब उन्होंने H.G Wales की वर्ल्ड फेमस स्टोरी से इंस्पिरेशन ली थी और उनकी लिखी किताब “द इनविजिबल मैन” ने शेखर कपूर की बहुत मदद की थी” , लेकिन इसमें दिलचस्प बात ये भी है कि इस किताब ने सिर्फ शेखर कपूर को इंस्पायर नहीं किया था, यहां तक दूसरे देश के लोगो ने भी इस बुक से इंस्पायर होकर मूवीज को बनाया था, जो “द इनविजिबल मैन” के इर्द- घुमती थी और ठीक ऐसा ही शेखर कपूर ने भी किया था। लेकिन एक दिलचस्प बात ये भी थी कि शेखर कपूर भारत में इस विषय पर फिल्म बनाने वाले पहले व्यक्ति नहीं थे, साल 1957 में आई फिल्म मिस्टर एक्स को देखने के बाद संजय कपूर ने सोचा था कि फिल्म को शुरू करने से पहले वो मिस्टर एक्स के मेकर्स से मिलना चाहते हैं क्योंकि मिस्टर एक्स को भी बनाने वक्त मेकर्स ने “द इनविजिबल मैन” बुक से ही कुछ आइडियाज लिए थे। जब शेखर कपूर ने मेकर्स से बात की तो उन्होंने उनके तरफ से जो हो सकता था वो आइडियाज उन्हें दिए लेकिन बाद में जब शूटिंग स्टार्ट हुई तो मेकर्स को कुछ भी नहीं समझ आ रहा था, कि अनिल के लुक के लिए क्या किया जाए ? जिसके बाद उन्होंने मिस्टर एक्स के मेकर्स से बात की जिसके बाद ये तय हुआ कि अनिल कपूर का लुक मिस्टर एक्स के लुक से मिलता जुलता रखा जाएगा और ऐसा ही हुआ, लेकिन फिल्म रिलीज होने के बाद कुछ लोगो ने ये तक कह दिया था कि मिस्टर इंडिया के मेकर्स ने अनिल कपूर के लुक को कॉपी किया है, लेकिन उन्हें अनिल का लुक बहुत पसंद आया था। मेकर्स ने दावा भी किया था कि मिस्टर इंडिया और मिस्टर एक्स के लुक में बहुत डिफरेंस है और उन्होंने किसी को भी कॉपी नहीं किया था।
अब जाहिर सी बात है जहां फिल्म के लिए लोग हीरो को और उसके एक्टिंग को देखने के लिए एक्साइटेड थे, तो उधर कुछ लोग हीरोइन की एक्टिंग और लुक को देखने के लिए एक्साइटेड थे। लेकिन एक वक्त ऐसा आया था जब श्रीदेवी का एक स्टेप बाकी की हीरोइन के लिए वरदान से कम सबित नहीं हुआ था। 80-90 के दौर के दौरान ये माना जाता था कि फिल्म में actor की सैलरी actress से ज्यादा होती थी, लेकिन इसी फिल्म से श्रीदेवी ने ये खास trend बदल डाला था। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने खुद इस बात का जिक्र किया और audience को बताया था कि, ‘मैं चेन्नई में एक फिल्म की शूटिंग कर रहा थी। तभी बोनी कपूर ने मुझसे संपर्क किया और ‘मिस्टर इंडिया’ साइन करने को कहा। मैं उस वक्त उन्हें अपनी मां से मिलने के भेज दिया था, और श्रीदेवी की मां उस वक्त श्रीदेवी की फिल्मों के सभी असाइनमेंट देखा करती थीं। , क्योंकि वो इस फिल्म
से पिछा छुड़ाना चाहती थी इसलिए उनकी मां ने 8 लाख कि जगह 10 लाख फिस कि डिमांड की थी, लेकिन बोनी कपूर ने उनकी मां को 10 नहीं बल्कि 11 लाख रुपये का चेक दिया और उनका दिल जीत लिया था। उसके बाद से आज तक श्रीदेवी की मां ने कभी श्रीदेवी को कास्ट करने से मना नहीं किया था, यहां तक की उस दौर में वो ज्यादा सैलरी लेने वाली पहेली एक्ट्रेस बनी थी। श्रीदेवी जी का हर एक चीज फेमस हुआ था फिर वो चाहे उनका गाना हो या ड्रेस। उस वक्त इंडिया में long गाउन का ट्रेंड नहीं था लेकिन हवा हवाई गाने में उन्होंने गाउन पहनकर एक अलग ही ट्रेंड सेट कर दिया था, जिसे हर लड़की फॉलो करती थी, और तो और उन्होंने अपने इंटरव्यू में ये भी बताया था कि “पहले तो उन्हें ज्यादा सैलरी लेने को लेकर अच्छा नहीं लग रहा था फिर बाद में जब मूवी बन कर release हुई और उन्हें ये सुनने को मिला कि उनके वजह से और भी फीमेल लीड एक्ट्रेस ने अपनी सैलरी बढ़ा दी थी” और इसके लिए उन्होंने श्रीदेवी जी को “थैंक यू” बोला था। ये सुन कर श्रीदेवी जी को तसल्ली हुई थी कि चलो उनके एक अच्छे स्टेप के वजह से अब फीमेल लीड एक्ट्रेस को भी उतना ही importance दिया जाएगा।
साल 1987 में जब मिस्टर इंडिया जारी हुआ, तो अमरीश पुरी का रोल मोगैम्बो, अपनी सिग्नेचर लाइन ‘मोगैम्बो खुश हुआ’ के साथ, शोले के गब्बर के बाद सबसे मशहूर विलेन बन गया था। जब लोगो ने मोगैंबो को फिल्म में देखा था तो उन्हें यही लग रहा था कि जिस तरह वो फिल्म में एक हिटलर की तरह लग रहे थे अगर उनको असल जिंदगी में भी ऐसे ही रहने दिया गया तो पूरा देश मोगैंबो की गुलामी करने लगेगा। Audience ने मोगैंबो का हर वो सीन देखा था जो मोगैंबो को सारे villian से अलग बनाता था। मोगैम्बो का सिग्नेचर डायलॉग आज भी लोकप्रिय है, अमरीश पुरी का throne के arm wrist पर क्रिस्टल बॉल पर टैप करने का इशारा सबसे अलग था लेकिन उसके पीछे भी एक कहानी छिपी थी, अमरीश पुरी को जब throne पर बैठा कर सीन शूट किया जा रहा था तब लाइट मैन को ये समझ नहीं आ रहा था कि, “वो कब और किस वक्त स्पॉट लाइट अमरीश पुरी की तरफ करे ताकि उनको जो शॉट चाहिए वो उन्हें मिल । मेकर्स को कुछ समझ नहीं आया तो उन्होंने ये तय किया कि अमरीश पुरी जब throne पर बैठेंगे और वो अपनी फिंगर्स से उस क्रिस्टल बॉल बार टैब करेंगे तभी लाइट मैन को ये सिंगल मिल जाएगा कि अब उसे अमरीश पुरी के ऊपर स्पॉट लाइट को फोकस करना है . अमरीश पुरी के मोगैंबो वाले रोल की एक बहुत ही famous costume थी और उन्होंने विस्तार से बताया कि बोनी कपूर ने उन्हें अपना लुक बनाने की पूरी आज़ादी दी थी। “एक बात confirm कि थी कि काला रंग negativity से जुड़ा हुआ है और golen colour लोगों को attract करने और चौंकाने के लिए काफी था, इसलिए उन्होंने मोगैंबो के बाल का रंग golden रखा गया था जो एक ruler कि असली पहचान होती थी। लेकिन मेकर्स ने सुझाव दिया कि मूंछें हटा दी जानी चाहिए और eyebrows एक खास तरीके से attractive होनी चाहिए, और बाकि कि शूटिंग वो बाद में करेंगे लेकिन जब उन्होंने उस सीन को दोबारा देखा तो मेकर्स ने ये प्लान बनाया की जब अमरीश पुरी उस throne पर बैठक कर क्रिस्टल बॉल को टच करेंगे तो पहले तो लाइट उन पर जाएंगी फिर उससे निकलने वाले साउंड को वो रिकॉर्ड करके मूवी में use किया गया था उसे और thriller बनाने के लिए, अगर मेकर्स ऐसा मेकर्स कुछ मिस्टर इंडिया 2 में करने की सोचते हैं तो ये काफी अच्छा आइडिया हो सकता है। तो ये कुछ फैक्ट्स हैं मिस्टर इंडिया मूवी से रिलेटेड , आपको ये फैक्ट्स जानकर कैसा लगा, हमें comments करके जरूर बताइएगा और तब तक आप अपना ध्यान रखिए और हमेशा मुस्कुराते रहीए।
Chandan Pandit