जब बात सोल्जर फिल्म की आती है तो audience के दिमाग में बहुत सारी चीज़ें आती है कि कैसे अब्बास – मस्तान ने मिलकर उस मूवी को एक कल्ट मूवी बनाया था। जब मूवी की कास्टिंग हो रही थी तो मेकर्स ने अपनी पहली चॉइस को ही कास्ट करना जरूरी समझा था फिर वो मेल लीड रोल के लिए हो या फीमेल लीड रोल के। लेकिन ये बात बहुत कम लोगो को पता है कि जब मेकर्स सोल्जर मूवी के विलेन की कास्टिंग कर रहे थे तब उनको बहुत सारे ऑप्शन दिए गए थे जिसमें अमरीश पुरी थे लेकिन बाद में मेकर्स ने गुलशन ग्रोवर को फाइनल किया था। कुछ दिन तक सब सही था लेकिन एक दिन अब्बास मस्तान ने गुलशन ग्रोवर को फोन करके कहा कि उन्हें फिल्म से निकाला जाता है क्योंकि अब्बास मस्तान ने फिल्म के लिए एक अच्छे और नए villian को कास्ट कर लिया था।
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सोल्जर मूवी ने audience का दिल जितना मूवी के गाने से, एक्टिंग से, कहानी से जीता था ठीक उसी तरह फिल्म में इस्तेमाल किए फैशन ने भी audience के दिल को छू लिया था, खास करके मूवी के विलेन सुरेश ओबेरॉय के लूक ने। मेकर्स ने सुरेश ओबेरॉय को ऐसा लुक दिया था जिसे audience कॉपी करने में लग गए थे, सुरेश ओबेरॉय की हेयरस्टाइल से लेकर उनकी पूरी लुक को audience कॉपी करने लगे थे। मेकर्स ने सुरेश ओबेरॉय को एक खतरनाक villian दिखाने के लिए उनको एक ब्लैक एंड व्हाइट कलर का विग दिया था जो आज तक के सारे villian से हट कर सुरेश ओबेरॉय का हेयर स्टाइल था यहां तक कि मेकर्स ने सुरेश ओबेरॉय की दाढ़ी को भी ऐसा लुक दिया था जिसके बाद उनका वो दाढ़ी लुक एक ट्रेडमार्क बन गया था मानो उस दाढ़ी को जो भी देखता तो उसे सुरेश ओबेरॉय की याद आ जाती थी।
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सोल्जर फिल्म को बनाने के लिए अब्बास मस्तान ने अपनी पूरी जोर लगा दी थी ताकि फिल्म ब्लॉकबस्टर बन जाए लेकिन वो एक किरदार को लेकर बुरे तरिके से फंस गए थे और वो किरदार था बॉबी देओल की मां का। अब्बास मस्तान को समझ नहीं आ रहा था कि वो मां के रोल के लिए किसे कास्ट करे, ताकि मूवी और strong हो सके। कुछ दिनों के बाद अब्बास मस्तान ने शाहरुख खान की बाजीगर फिल्म जो साल 1993 में आई थी उसे देखी, उस मूवी में उन्होंने राखी गुलजार को शाहरुख खान के मां का रोल निभाते हुए देखा, जिसके बाद मेकर्स ने ये फाइनल किया कि वो सोल्जर मूवी के मां के रोल के लिए वो राखी गुलज़ार को ही कास्ट करेंगे ताकि राखी गुलज़ार उस रोल को अच्छे से निभा पाए। और इस तरह राखी गुलज़ार दो बार एक विधवा माँ का रोल निभा चुकी थी ।
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90 के दशक की फिल्म में कॉमेडी का मतलब था जॉनी लीवर और जिस फिल्म में जॉनी लीवर नहीं होते थे उस मूवी में कॉमेडी कहीं ना कहीं फिकी पढ़ती थी। सोल्जर फिल्म में जॉनी लीवर की एक्टिंग के साथ-साथ उनकी कॉमेडी कि भी बहुत तारीफ की गई थी क्योंकि सोल्जर मूवी में पहली बार जॉनी लीवर ने डबल रोल निभाया था। जब फिल्म रिलीज हुई और बॉक्स ऑफिस पर अच्छा परफॉर्म करने लगी, तभी कुछ लोगों ने ये दावा किया कि जॉनी लीवर के किरदार को कॉपी किया गया था वो भी “जॉनी मेरा नाम” फिल्म के एक किरदार से जो साल 1970 में आई थी। लोगों ने ये कहा था कि भले पूरी copy नहीं की गई थी लेकिन जिस तरह जॉनी को सोल्जर मूवी में डबल रोल में दिखाया गया था, वो बिल्कुल I.S Johar’s की तरह ही थी जिन्होंने डबल रोल निभाया था जॉनी मेरा नाम मूवी में।
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अब्बास-मस्तान हमेशा सफेद कपड़े पहनते हैं और एक इंटरव्यू में जब उनसे इस बारे में सवाल किया गया था तो director के इस famous जोड़ी ने कहा था कि बचपन से ही उनकी स्कूल यूनिफॉर्म में एक सफेद शर्ट थी, इसलिए उन्हें कभी नहीं लगा कि उन्हें रंग बदलना चाहिए। ‘बाजीगर’ फिल्म के प्रीमियर पर उन्होंने सूट पहनने की कोशिश की थी लेकिन वो उसमे comfortable नहीं हो पा रहे थे। जिसके बाद उन्होंने decide कर लिया था कि वो दोनों अब हमेशा सफेद कपड़े ही पहनेंगे। एक और इंटरव्यू में, उन्होंने कहा था, “हमें यह चिंता करने की ज़रूरत नहीं है कि हर दिन क्या पहनना है। इसलिए वो सफेद कपड़े के अलावा कुछ दुसरा कपड़ा नहीं पहनते हैं। तो ये कुछ फैक्ट्स हैं सोल्जर मूवी से रिलेटेड आपको ये फैक्ट्स जान कर कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताएं और तब तक आप अपना ध्यान रखें और हमेशा मुस्कुराते रहें।
Chandan Pandit