मिस्टर इंडिया फिल्म में जितने शिद्दत से श्रीदेवी जी और अनिल कपूर ने काम किया था, ठीक उतने की शिद्दत से फिल्म के डायरेक्टर शेखर कपूर ने भी काम किया था। जब मिस्टर इंडिया मूवी के लिए शेखर कपूर को एक director के रूप में चुना गया था तो वो माफ़ी खुश हुए थे। वो चाहते थे कि मूवी ऐसी बने जिसे लोग सदियों तक याद रखे। उन्होंने ठीक वैसा ही फिल्म बनाया जिसे आज भी लोग नहीं भूल पाए हैं। लेकिन जहां किसी भी फिल्म के डायरेक्टर ज्यादा फीस चार्ज करते हैं, वही शेखर ने पूरी फिल्म के क्रू मेंबर से भी कम फीस लेकर मिस्टर इंडिया फिल्म में काम किया था, क्योंकि वो चाहते थे कि बजट को लेकर कोई दीकात ना आए। इतने ही लगन और मेहनत के साथ मिस्टर इंडिया 2 के मेकर्स को भी काम करना होगा ताकि audience उन्हें भी बरसो तक याद रखें।
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शेखर कपूर, जो मिस्टर इंडिया मूवी के डायरेक्टर हैं उन्होंने बहुत बारिकी से मूवी को डायरेक्ट किया था। वो चाहते थे कि मूवी का छोटा से छोटा सीन भी ऑडियंस को पसंद आए। शेखर कपूर ने “काटे नहीं काटते” गाने से रिलेटेड एक राज़ बताया था, उन्होंने कहा था, “कि उनके ऊपर “काटे नहीं काटते” गाने को एक ब्लॉकबस्टर गाना बने का प्रेशर था, इसलिए उन्होंने 60 के दशक की फिल्म देखी और दो फिल्म के गानो से inspire होकर उन्होंने गाने को बनाया था। वो दोनो सॉन्ग जो उन्होंने यूज किया था वो था “धीरे चल ऐ भीगे हवा” जो साल 1961 में आई बॉयफ्रेंड मूवी से लिया गया था और दूसरा गाना “देने वाला दो दिल देता” जो साल 1966 में आई तस्वीर से लिया गया था। ऐसे ही हार्डवर्क और इंवेस्टिगेशन करना होगा मिस्टर इंडिया 2 फिल्म के डायरेक्टर को ताकि वो भी Audience को एक ब्लॉकबस्टर गाना दे सके।
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मूवी का हर एक सीन किसी न किसी पार्ट से इंस्पायर था, मेकर्स को सबसे मुश्किल सीन मोगैंबो से related लगा था। जहां मेकर्स चाहते थे मोगैंबो के रोल को एक बहुत खतरनाक रूप दिया जाए , ताकी वो भी मूवी के लिए उतना ही important बन सके जितना important श्रीदेवी जी और अनिल कपूर थे। मेकर्स को समझ नहीं आ रहा था कि, मोगैंबो के आदमी उससे कैसे एड्रेस करेंगे, तो बाद में डायरेक्टर शेखर कपूर ने सबको बताया कि, जिस तरह एडोल्फ हिटलर को उनके लॉग एड्रेस करते थे, वैसे ही मोगैंबो के आदमी मोगैंबो को एड्रेस करेंगे और एडोल्फ हिटलर ही रूलिंग स्टाइल से इंस्पायर होकर बना था “हेल मोगैम्बो” । ये डायलॉग भी काफी फेमस हुआ था फिल्म के रिलीज होते ही। मिस्टर इंडिया 2 के मेकर्स भी अगर चाहते हैं कि उनका मूवी भी ब्लॉकबस्टर बने तो उनको भी ऐसे आइडियाज यूज करने होंगे
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मिस्टर इंडिया मूवी किसी के लिए बहुत लकी सब हुई तो, किसी को मूवी के नाम ने ज्यादा इंस्पायर किया था। मिस्टर इंडिया फिल्म हर क्रू मेंबर्स के लिए एक सफलता पाने की सीढ़ी बनी थी
वह अनिल कपूर को लगने लगा था कि, फिल्म का नाम इतना अनोखा था जिस वजह से भी मिस्टर इंडिया एक ब्लॉकबस्टर फिल्म सबित हुई थी। यही सोचते हुए अनिल कपूर ने अपने और दो फिल्म का टाइटल मिस्टर ही रखा था। अनिल कपूर को लगाने लगा था कि मिस्टर टाइटल उनके मूवी के लिए लकी है, इसलिए उन्होंने साल 1996 में आई मूवी “मिस्टर बेचारा” और साल 1997 में आई “मिस्टर आजाद” मूवी ये दोनो मूवी भी मिस्टर इंडिया मूवी की तरह ही ब्लॉकबस्टर साबित हो सकती थीं। लेकिन ये दोनों फिल्म फ्लॉप हो गई थी। मिस्टर इंडिया 2 के मेकर्स को फैसला है कि उनके पास टाइटल को लेकर कोई टेंशन नहीं है इसलिए उन्हें और सिर्फ स्टोरी पे ध्यान देना होगा।
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मिस्टर इंडिया मूवी ने काफी लोगो को इंस्पायर किया था, और उन लोगो में एक नाम डायरेक्टर डेविड धवन का भी था। डेविड धवन मिस्टर इंडिया फिल्म से खास कर अनिल कपूर के कैरेक्टर का नाम अरुण वर्मा से इतना इंस्पायर हुए थे कि उन्होंने अपनी फिल्म जो साल 1998 में घरवाली बहारवाली के मेल लीड एक्टर का नाम भी अरुण वर्मा ही रखा गया ्था््थ्था्् जिसके हीरो अनिल कपूर ही थे . मिस्टर इंडिया मूवी को बनाया ही इस तरह गया था जिसे हर उम्र के लोग इंस्पायर हो सके। ये पॉइंट मिस्टर इंडिया 2 के मेकर्स को ध्यान में रखना होगा ताकि उनकी मूवी की कहानी भी हर उम्र के Audience को पसंद आए। तो ये कुछ फैक्ट्स हैं मिस्टर इंडिया मूवी से रिलेटेड आपको ये फैक्ट्स जान कर कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताएं और तब तक आप अपना ध्यान रखें और हमेशा मुस्कुराते रहें।
Chandan Pandit