हो सकता है की film “Karan Arjun 2” को काफी हद तक Mahabharata के Karan Arjun पर फिल्माया जाए. Mahabharata के कर्ण-Arjun के बीच complex bonding थी. दोनों किसी भी मामले में एक दूसरे से कम नहीं थे. वह skilled भी थे और ज्ञानी भी. हालांकि उनकी सोच ना सिर्फ उन्हें एक दूसरे से अलग करती है, बल्कि उन्हें rival भी बनाती है. कर्ण और Arjun half brothers थे. कर्ण जहाँ एक charioteer(घोड़े चालाक) का बेटा है, वही Arjun एक Prince है. कर्ण और Arjun भले rivals थे, लेकिन कई मौकों पर जहाँ कर्ण ने Arjun की abilities की तारीफ़ की, तो वही Arjun ने भी की कर्ण की निडरता और ज्ञान की तारीफ़ की है. दोनों भाईयों की ऐसी बॉन्डिंग, sequel की कहानी को दर्शा सकती है. जिसमे दोनों भाई, जो हर मामले में आगे है, वह अक्सर अपने ego के कारण एक दूसरे से compete करते है.
Mahabharat के Karana-Arjun पर अगर Rakesh Roshan film बनाते है, तो यह एक ऐसा मौका होगा, जब mythology के किरदार को 21st century में imagine किया जाएगा. वैसे जिस तरह की complex bonding Mahabharata के Karana और Arjun की थी, कुछ वैसी ही film Student of the year में Siddharth Malhotra और Varun Dhawan के बीच थी. यहाँ तक की Mahabharata में Karana और Arjun के बीच love triangle की भी situation आई थी. असल में जब Draupadi से शादी करने के लिए स्वयंवर करवाई गयी,तो उसमें हर जगह के prince, स्वयंवर में हिस्सा लेने पहुंचे थे, जिनमें Arjun भी शामिल थे. कर्ण, Draupadi से शादी करना चाहता थे, लेकिन वह स्वयंवर में एक घोड़े चालाक के रूप में पहुंचे. पर सभा में मौजूद लोगों ने, Karana को “low caste” का कह कर स्वयंवर में हिस्सा लेने नहीं दिया. पर Karana के लिए धोखा तब हुआ, जब Draupadi के स्वयंवर को Arjun ने जीत लिया. इससे Karana और Arjun के बीच की दुश्मनी और बढ़ गई थी.
Mabharata में कर्ण और Arjun के बीच की bonding rivalry, friendship, respect और tragic destiny का mixture है. ऐसी कहानी पे यक़ीनन ही एक film बननी चाहिए. यह plot ना सिर्फ “Karan-Arjun” franchise के लिए सही है, बल्कि यह Rakesh Roshan के filming style को भी reflect करता है. Rakesh, अपनी फिल्मों को traditional touch देने के साथ ही, उसमें Emotional depth भी शामिल करते है जो ऐसी कहानी के लिए बिलकुल perfect है. वही Mahabharat के कर्ण और Arjun की upbringing में काफी फर्क था, कुछ उसी तरह से film में भी Karan का किरदार, जहा normal घर में जन्म लेगा, वही Arjun lavish lifestyle जीते हुए बड़ा होगा. यह भी एक aspect होगा, जो दोनों भाईयों में दूरी का कारण बनेगा. Mahabharat में कर्ण और Arjun की माँ same थी, जिसका नाम Kunti था. हालांकि Kunti ने बचपन में ही कर्ण का त्याग कर दिया था, जिस वजह से उसे अपनी असली identity का पता नहीं था और वह एक charioteer(घोड़ा चालाक)के बेटे के रूप में बड़ा हुआ. वही अब इन किरदारों को Mahabharat के बदले 21st century में लाया जा रहा है, तो इन दोनों पे cultural impact भी जरूर होगा, जो उनकी सोच, उनके कर्म और उनके संस्कार को describe करेगा.
वैसे तो Bollywood से लेकर comics तक, ऐसा कई बार हो चचका है जब Mahabharat के character को आज के ज़माने के रूप में imagine किया गया है. हालांकि यह पूरी तरह से writer पे depend करता है की वह Mythologies के किरदार को कैसे जान लेते है. इससे ना सिर्फ आज के दर्शक खुद को relate कर पाएंगे बल्कि किरदारों की गलती या उनके किये गए कर्म से दर्शक कुछ सीख भी पाएंगे. Rakesh की scripting काफी दमदार होती है. अगर वह इस कहानी को लिखेंगे तो film तो अच्छी बनेगी ही, साथ ही Karan Arjun का sequel society पे अपना अलग impact छोड़ने का भी काम करेगा, जैसे की film के prequel ने किया था. जब फिल्म Karan Arjun पहली बार बनायीं जा रही थी, तो Rakesh इसे एक Bollywood ड्रामा की तरह create कर रहे थे. उन्हें दो भाईयों की ऐसी बॉन्डिंग दिखानी थी, जो इस जोड़ी का नाम हमेशा के लिए अमर कर दे. देखा जाए तो Salman और SRK का किरदार Hindi cinema की यादगार जोड़ी में शामिल हो चुका है, जिसे पीछे छोड़ देने की ताकत किसी में नहीं है. असल में कुछ फ़िल्में कभी re-create नहीं की जा सकती और ऐसी फिल्मों में “Karan Arjun” भी शामिल है.