India की पूरी sports faculty, 23 मई को सदमे में चली गई थी और किसी को विश्वास ही नही हो पा रहा था, जब कुश्ती स्टार सुशील कुमार को एक young पहलवान की मौत में suspected involvement की वजह से गिरफ्तार किया गया था। World Wrestling day (23rd May) पर भारत के सबसे बेहतरीन ओलंपियनों में से एक के career के नीचे गिरने पर हो रहे विरोध के बावजूद, Sushil पर चली murder prosecution ने कुश्ती के आसपास होते आ रहे violence को देखने का एक अलग नज़रिया मिल गया है।
भारत में इस खेल का एक लंबा इतिहास और glorious past रहा है। सैकड़ों युवा लड़के देश के कई फुर्तीले और बाहुबली चैंपियन की तरह प्रसिद्ध पहलवान बनने का सपना देखते हैं।
Sushil कुमार ने ना केवल दो ओलंपिक, एक bronze और एक silver और तीन gold, commonwealth game medal जीते हैं बल्कि अपने weight category में विश्व चैंपियन भी रहे हैं। 37 साल के sushil को 2011 में भारत के fourth Highest civilian honor, Padma Shri Award से सम्मानित किया गया था। इतना ही नही, भारत के दो highest sporting prizes: 2006 में अर्जुन पुरस्कार और 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
Sushil Kumar को 23 साल के पूर्व जूनियर National Champion, सागर धनखड़ की हत्या के main आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया था,जिसकी दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम, वो जगह जहां पर कुमार ने कुश्ती की शुरुआत की थी, उसमें हुए झगड़े में घायल होने के बाद मौत हुई थी। पुलिस के मुताबिक, मई में property dispute को लेकर कुमार और उसके साथियों ने धनखड़ पर हमला किया था।
ओलंपिक डबल मेडलिस्ट सुशील कुमार सहित 17 और wrestlers पर सागर धनखड़ की हत्या का आरोप लगाया गया है। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को उनके मुकदमे की नींव रखते हुए दंगा और criminal conspiracy सहित आरोप तय किए। Additional Session judge शिवाजी आनंद ने सुशील और बाकी wrestlers पर kidnapping, robbery करते हुए चोट पहुंचाने, wrongful restraint robbery या Robbery जिससे मौत या गंभीर चोट पहुंचाने के प्रयास और criminally धमकी के आरोप भी लगाए।
अदालत ने कहा कि, present case के facts और circumstances को देखकर ये clearly बताया जा सकता है कि सभी आरोपी व्यक्तियों ने अपहरण की साजिश रची और victims पर हमला किया, जिसकी वजह से धनखड़ की मौत हो गई। छत्रसाल स्टेडियम के main gate पर ताला लगा हुआ था, कई आरोपियों के पास हथियार थे और हमला लगभग 30-40 मिनट तक जारी रहा। Prosecution के अनुसार धनखड़ और उसके दोस्तों को अगवा करने के बाद सुशील और उसके साथियों ने उनके साथ बेरहमी से मारपीट की।
अगर छत्रसल stadium case की बात करें तो, पता चला कि 4 मई 2021 को सागर, जो 97 किलोग्राम के ग्रीको-रोमन category में compete करते थे, को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम के बाहर दो groups में हुई झड़प में पीट-पीट कर मार डाला गया था। सुशील 5 मई से फरार चल रहा था, जब उसके खिलाफ उत्तर northwest दिल्ली के मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 302 हत्या, 365 अपहरण और 120-बी criminal conspiracy के तहत FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने दो बार ओलंपिक पदक विजेता के ठिकाने के बारे में किसी भी जानकारी के लिए 1 लाख रूपय का इनाम देने की announcement कर दी।
India के लिए छत्रसाल स्टेडियम का मतलब, Indian Wrestling है और सुशील कुमार का मतलब छत्रसल स्टेडियम तब से माना जाने लदा था, जब उसने पहली बार 14 साल की उम्र में वहां training लेनी शुरू की थी। Sushil ने यहां training के time period में अपने दोनों ओलंपिक पदक जीते थे और एक Administrative position संभालने के लिए आगे बढ़े थे। सुशील की सफलताओं, जिसमें दो ओलंपिक पदक और एक विश्व खिताब शामिल है, उसने भारतीय कुश्ती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2008 में उनके ओलंपिक bronze – 56 वर्षों में पहला जो एक भारतीय पहलवान ने जीता था और जिससे बाद में योगेश्वर दत्त, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया, रवि दहिया और गीता और बबीता फोगट, उनके चचेरे भाई विनेश के लिए भी Olympics का रास्ता बन गया।
लेकिन उनकी सारी मेहनत अचानक डुबती हुई दिख रही थी। क्योंकी ये पहली बार नही था, जब सुशील का कानून से सामना हुआ हो। इससे पहले, वो अपने 2018 रियो ओलंपिक representation से जुड़े एक झगड़े में शामिल थे। महाराष्ट्र के नरसिंह यादव ने कोटा जीता था, लेकिन सुशील ट्रायल चाहते थे और Narsingh आखिरकार ओलंपिक से कुछ हफ्ते पहले dope test में फेल हो गए। हालाकी ये मामला unresolved ही रहा है, लेकिन छत्रसाल के एक युवा पहलवान पर भोजन के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाने के बाद सुशील पर उंगली उठाई गई थी।
2018 में, Commonwealth Games से पहले सुशील के opponent परवीन राणा और उनके भाई पर लोगों के एक झुंड ने हमला किया था, जिन्होंने कहा था कि वो झुंड पूरा सुशील का supporter था और उस झगडे के बाद राणा और उनके भाई को अस्पताल में इलाज की आवश्यकता पड़ी और सुशील और उसके supporters के खिलाफ FIR दर्ज की गई।