Soldier 2

मानो या ना मानो, इस दुनिया में Military Mythology नाम की भी एत चीज exist करती हैं।  हो सकता है, जब अपने देश, अपनी भारत माता की सेवा करने की बात आती है, तो soldiers वास्तव में कभी नहीं मरते।  मरते दम तक देश के लिए लडने वाले ये Soldier, मरने के बाद भी अपनी भारत माता को सलाम करते है और उसकी रक्षा करते है।

ऐसी ही एक कहानी है Indian army के एक जवान बाबा हरभजन सिंह की। जिनकी 1986 में मृत्यु हो गई थी, लेकिन माना जाता है कि उनकी Soul अभी भी border पर रहती है और अपने भाइयों की रक्षा कर रही है।

 

1941 में पंजाब के एक गांव में जन्मे हरभजन सिंह ने 1956 में खुद को Indian Army में शामिल किया था। 1965 में, उन्हें एक कमीशन दिया गया और 14 Rajput Regiment के साथ सेवा करने के लिए, उन्हे  तैनात कर दिया गया।  1967 में नाथू-ला दर्रे के पास, Harbhajan singh की, बर्फ पर फिसल कर गिरने और डूबने से मौत हो गई थी। 

तीन दिनों के बाद उनकी Deadbody बरामद की गई और पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।  लेकिन सवाल ये है, कि आखिर क्यो soldiers का मनना है कि Baba Harbhajan Singh मर के भी उनके साथ है और on duty रहते है।

 

Military Soldiers का मानना है कि Baba Harbhajan की खुद की आत्मा ने search party को अपनी Dead body तक पहुचाया था। और जब उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया, तब ऐसा माना जाता है कि Baba Harbhajan अपने एक दोस्त के सपने में दिखाई दिए और उनसे अपनी याद में एक मंदिर बनाने के लिए कहा।  इसके बाद, Baba harbhajan singh को dedicate करके, वही एक  मंदिर भी बनाया गया था।

 

 हरभजन सिंह 1968 में भारत के eastern सिक्किम में नाथू ला, एक Mountain pass के पास शहीद हुए थे।   जहाँ उनके मंदिर के अलावा एक बोर्ड भी लगाया गया है, जिसमें लिखा गया कि तुकू ला (Tuku La) से डोंगचुई ला (Dongchui la) तक एक खच्चर के एक झुंड को ले जाते वक्त एक नाले में गिरने के बाद वो शहीद हो गए थे।

 

 22 साल की Age में हरभजन सिंह की early death एक धार्मिक पूजा का Subject बन गया था, जो Indian Army के regular जवानों, उनके गांव के लोगों और जाहिर तौर पर border पार चीनी People’s liberation Army (PLA) के सिक्किम और तिब्बत के बीच Indo- Chinese border पर तैनात जवानो के बीच popular हो गई थी। 

Harbhajan Singh के गिरने के बाद उनकी Dead body की कई दिनो तक तलाश करने के बाद भी सेना के जवानो उसका पता नहीं लगा पाए थे।

और Baba harbhajan singh के बारे में Army की बताई कहानियो के हिसाब से उनकी मौत के 5 दिनों के बाद, उनके साथी soldier प्रीतम सिंह ने एक सपना देखा कि हरभजन सिंह ने उन्हें एक tragic incident और उस जगह के बारे में बताया, जहां उनकी मृत्यु हुई थी। हरभजन सिंह ये भी चाहते थे, कि उनके लिए एक स्मारक यानी मूर्ति बनाई जानी चाहिए।  प्रीतम सिंह ने सपने को नज़रअंदाज़ कर दिया, लेकिन बाद में जब सिपाहीयो को हरभजन सिंह की Dead body बर्फ के ढेर के नीचे ठीक उसी जगह पर मिली, जहां उन्होंने सपने में बताया था, तो Pritam singh हैरान रह गए थे। और फिर उन्होने उस सपने को नदरअंदाज नही किया।

और आज भी नाथू-ला पोस्ट पर तैनात जवानों का पक्का विश्वास है कि हरभजन सिंह का भूत, हमेशा उनकी रक्षा करता है।  सैनिकों का ये भी मानना ​​है कि उनका भूत उन्हें किसी भी surprise attack के बारे में कम से कम तीन दिन पहले ही warning दे देते थे।  

और सबसे गर्व की बात तो ये है कि Baba harbhajan को सिर्फ indian soldiers नही, बल्कि Chinese Soldiers भी मानते है।

Chinese अपने flag meet के दौरान हरभजन सिंह के सम्मान में एक कुर्सी अलग रख देते है।

 और माना जाता है कि उनके मंदिर का पानी बीमार सैनिकों को ठीक कर देता है। हरभजन  सिंह की दरगाह पर नंगे पांव सैनिक पहरा देते हैं, और उनकी वर्दी और जूतों की daily basis पर सफाई की जाती है।  उनके भूत के रात में camps में आने और यहां तक ​​कि निगरानी के दौरान सोने वाले soldiers को जगाने की बहुत सारी कहानियां और किस्से popular होने के साथ साथ काफी regular भी हैं।

 

Bana Harbhajan singh की paranormal existence के बारे में लोगो का विश्वास इतना पक्का है कि हर साल 11 सितंबर को, उनके सामान को लेकर एक ट्रेन उनके hometown के लिए रवाना होती है, और सीधे उनके घर के दरवाजे तक जाती है।

हालांकी Indian रेलवे कि किसी भी ट्रेन में खाली seat पर passengers की waitlist ते हुसाब से मिसती है या फिर first come first basis पर जिसे जो seat मिले वो उस पर बैठ सकता है। लेकिन 1ौ september को बाबा हरभजन के लिए एक special reservation किया जाता है।  हर साल उनके hometown की journey के लिए एक सीट खाली छोड़ दी जाती है और तीन सैनिक बाबा के साथ उनके घर जाते हैं।  नाथुला में तैनात सैनिक मिलकर हर महीने उनकी मां को भेजने के लिए एक छटी सी amount के लिए पैसे इकट्ठा करते है। उनका गांव अभी भी उन्हें शहीद के रूप में याद करता है और उनके परिवार की मदद करने की पहल करता है।

इसके अलावा, उनकी हाल में हुई retirement तक, baba harbhajan सिंह को ranks में लगातार promote किया गया और एक honorary captain के रूप में उन्हे retire किया गया।  उनकी Salary उनके retirement तक उनके परिवार को बिना रूके भेज दी गई है।  हरभजन सिंह को आज एक पवित्र संत के रूप में देखा जाता है और सैनिक अक्सर उन्हें ‘बाबा’ करकर बुलाते हैं।  

और इस कहानी से ऐसा लगता है कि देशभक्ति और देशभक्त वास्तव में कभी मरते नहीं है!

 

Baba Harbhajan singh और उनकी इस Paranormal existence की कहानी से inspired कोई plot या कोई Scene हमें soldier 2 फिल्म में भी देखने को मिल सकता है।

जिसमें एक बहुत ही Brave, Daring और popular soldier की अचानक मौत हो जाएगी। लेकिन क्योकी उस soldier का अपने वतन के लिए प्यार इतना गहरा था कि उसकी आत्मा अभी भी border पर उसके साथियों के साथ थी। 

इस Ghost soldier का एक बेटा था, जिसका भी अपने पिता की तरह Soldier बनने का सपना था। उसे देश के लिए प्यार और बलिदान देने की बातें उसके पिता ने अच्छे से सिखाई थी। लेकिन छोटी ही उम्र में अपने पिता को Army में खोने और कभी वापस घर ना आने की वजह से उसके बेटे को Indian Army से नफरत हो जाती है।

और जब वो बच्चा बडा होता है तो वो Army, Police और Patriotic नौकरी से पूरी तरह दूर रहता है। लेकिन उसकी माँ और Ghost Soldier की पत्नी उसे emotional blackmail करके उसे Army में भर्ती करवा देती है।

Ghost soldier के बेटे ने सोच लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए वो किसी तरह इपने आप को Army से निकलवा कर ही रहेगा। लेकिन Training के वक्त जब ये पता चला कि वो Ghost soldier का बेटा है, तो सब लोगो की उससे उम्मीदें बढ गई। जहाँ कुछ साथी soldiers ने उसे Nepotism का soldier कहा, तो कुछ ने उसे उसके पिता की वजह से respect के साथ देखा। 

एक साथ इतने तरह के reactions और अपने पिता की मौत की बातें सुन कर बेटा और भी ज्यादा irritate हो गया। जब भी वो Physical training में जानबुझकर interest नही दिखाता या अपने senior trainers को जवाब देता, तो धीरे धीरे सब soldiers की राय उसके लिए बदलने लगी।

वो लोग उसकी मजाक बनाने लगे। लेकिन उस वक्त एक soldier, जो अपने आप को उसके पिता का सबसे बडा Fan बताता है, वो उसके पास आया। धीरे धीरे दोनो में दोस्ती हो गई। हालाकी बेटा अभी भी Army से नफरत करता था, लेकिन अपने नए दोस्त के साथ उसका मन लगने लग जाता है।

एक दिन अचानक हुए हमले में सबको जंगल में भेजा जाता है, ताकी छुपे हुए Terrorists को पकडा जा सके।

Ghost soldier का बेटा जाने से इंकार करता है, लेकिन अपने दोस्त की आँखो में जंग पर जानो की चमक देखकर उसे अपने पिता की याद आ जाती है। एक डर, अपने दोस्त को पिता की तरह खोने का उसे महसूस होता है, तो वो भी उसके साथ जंगल में जाने के लिए तैयार हो जाता है।

जंगल में terrorists के साथ लडाई होती है, जिसमें उसके दोस्त की मौत हो जाती है।

Ghost soldier का बेटा एक बार फिर टूट जाता है और सब कुछ छोडछाड कर वहां से भाग जाता है।

यूही कुछ दिनो तक भूखे प्यासे जंगल में घुमने के बाद   उसकी मुलाकात उसके पिता की आत्मा से होती है।

जो उसे उसके असली सपने और एक असली soldier का मतलब समझाता है, कि असली Soldier वही जो अपने देश के लिए बलिदान देने से ना डरे।

और तब होगी एक Brave, Daring और popular ghost soldier के बेटे, एक true soldier की कहानी शुरू।

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