Mumbai से Goa जाने के लिए हमसफर नाम का जहाज़ बहुत प्रसिद्ध है। ये जहाज देखने में जितना खूबसूरत है उतना ही मजबूत है। मगर इसकी मजबूती शुरुआत से नहीं थी उसके पीछे भी एक कहानी है।
1995की बात है, हमसफ़र बंदरगाह पर तैयार खड़ा था । सैकड़ों लोगों की भीड़ जहाज में सवार थी। कुछ लोग अपने परिवार वालों से मिलने जा रहे थे तो कुछ लोग छुट्टियां मनाने के लिए। ticket लेने के बाद सभी यात्री जहाज में बैठ गए और जहाज Goa के लिए रवाना हो गया। समुद्र के बीचो-बीच जहाज़ चल रहा था। ठंडी ठंडी हवाएं लोगों के दिल को लुभा रही थी । सभी लोग खुश थे कोई अपने परिवार वालों से बात कर रहा था ,तो कोई अंताक्षरी खेल रहा था, वहीं कुछ बच्चे नाच रहे थे। Couples कोना लेकर एक दूसरे के हाथ में हाथ डालकर बैठे थे। बेहद खूबसूरत मुंबई से गोवा के इस सफर के लिए जहाज आगे बढ़ रहा था ।
इसी दौरान जहाज के captain ने सोचा क्यों ना जहाज तेज चलाया जाए ताकि कम समय में अधिक दूरी तय की जाए। कुछ दूरी तय करने के बाद captain ने देखा कि एक तूफान उनकी ओर बढ़ता आ रहा है। यह देखकर captain ने जहाज की speed कम करवाई । तूफान धीरे-धीरे जहाज की ओर बढ़ने लगा । तेज बिजली कड़कने लगी। समुद्र में ऊंची ऊंची लहरें उठने लगी। जब भी बिजली कड़कती तो जहाज में बैठे लोग बहुत डर जाते हैं खुशी का माहौल डर के माहौल में बदल गया था।
काफी देर तक ऐसा ही चलता रहा। जहाज सामान्य speed पर आगे चल रहा था। तभी captain ने देखा कि सामने एक पहाड़ है। इसे देखकर captain ne अपने जहाज मोड़ने की कोशिश की । पर मुड़ते मुड़ते जहाज पहाड़ से टकरा गया । जहाज का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। धीरे-धीरे पानी पड़ने लगा और captain ने तुरंत control room में उसकी हालत के बारे में बताया।
Control room से जहाज की location track हो गई और captain को आदेश दिया गया कि बच्चों और महिलाओं को जहाज में रखी boats से जल्द ही बचाया जाए। Control room se captain को ये पता चला की वायुसेना की मदद से उनके पास जल्द ही मदद पहुंच जाएंगी। इसके बाद captain Naresh jaiswal ने जहाज में announcement की और बच्चों और महिलाओं को छोटी boats में उतारा गया । पर जहाज के निचले हिस्से में काफी क्षति होने ही वजह से उसमें पानी भर गया था। जिसकी वजह से जहाज धीरे-धीरे डूब रहा था । जहाज के अंदर लगभग 20 boats थी और हर boat में केवल 10 लोग आ सकते थे । अगर हर boat को पूरा भी भरा जाता तो तब भी आधे लोग जहाज में बच जाते।
उस तरफ वायु सेना भी अपनी पूरी तैयारी कर रही थी। Captain Salman Malik ko rescue operation की पूरी जिम्मेदारी दी गई। वायु सेना ने कैप्टन Salman Malik के under 30 लोगों की टुकड़ी बनाई और 10 helicopters हमसफर जहाज की location की ओर रवाना कर दिए। पर जिस तरह की क्षति जहाज को पहुंची थी और जिस तरह से पानी भर रहा था captain ने control room को यह बता दिया था कि जहाज केवल 2 से 3 घंटे तक बच सकता है।
बच्चों और महिलाओं को पूरी तरह से छोटी boats में उतारने के बाद केवल चार boats बची और जहाज में बैठा हर व्यक्ति अपनी जान बचाना चाहता था जिसकी वजह से लोग आपस में लड़ने लगे। समय रहते वायुसेना के विमान घटनास्थल पर पहुंच गए।
Captain Salman अपने 10 साथियों के साथ जहाज मे उतरे और एक-एक करके लोगों को helicopter में भेजना शुरू किया । लगभग 40 मिनट तक यह rescue operation चलता रहा। जहाज के अगले हिस्से में पानी भर गया था जिसकी वजह से जहाज का अगला हिस्सा पूरी तरह पानी में डूब गया ।
सलमान और सेना के कुछ लोग अभी भी जहाज के पिछले हिस्से में खड़े थे। जहाज के कप्तान ने सलमान से बात भी करें। अब जहाज में केवल एक ही परिवार बचा था जिसके 4 लोग बचे थे । सबसे पहले सलमान ने महिला और बच्चे को helicopter में चढ़ा दिया। विमान चला रहे सिपाही और सहायक कर्मी ने सलमान को भी ऊपर आने के लिए कहा कि विमान में केवल एक ही व्यक्ति आ सकता था । पर सलमान ने देखा कि जहाज के ऊपर एक छोटी बच्ची अपने पिता को बुला रही है। सलमान से रहा नहीं गया इस बच्चे को पिता को रस्सी से बांधकर helicopter तक भेज दिया । आखिरी आदमी को भेजते ही जहाज तरह से डूब गया । इस operation में सैकड़ों लोगों को बचाने के बाद operation के head सलमान का कोई पता नहीं था ।
पानी का temperature केवल 4 degree था। जिसकी वजह से किसी का भी बच पाना बहुत मुश्किल था। जब एक छोटी नाव लेकर जहाज जहां डूबा था वहां जाया गया तब वहा पानी में plastic, लकड़ी ,चप्पल जैसे कई चीजें तैर रही थी । navy की search team torch मार कर देख रही थी कि कहीं कोई व्यक्ति पानी में डूब तो नहीं रहा। इसी बीच उनकी नजर लकड़ी के तख्ते पर पड़ी । उसपर एक आदमी लड़की को पकड़ कर लेटे हुए था।
पास जाकर देखा तो वह आदमी कोई और नहीं बल्कि कैप्टन सलमान मलिक । सलमान को जल्दी से boat के अंदर लाया गया। उनके कपड़े उतार कर उन्हें गर्म कपड़े पहनाए गए। ठंड की वजह से सलमान का खून पूरी तरह जम चुका था। Doctor ने उनका इलाज शुरू किया। Captain सलमान मलिक 3 से 4 दिन के अंदर पूरी तरह स्वस्थ भी हो गए। सलमान की सी वीरता के लिए सरकार ने उन्हें स्वर्ण पदक से नवाजा।
ऐसे ही वीर जवान की कहानी होने वाली है shahrukh khan starrer Jawan
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