January 2006 की एक रात, दो चोर तमिलनाडु के श्रीपुरंथन में पुराने मंदिर में घुस गए। 9वीं और 13वीं शताब्दी के बीच south india में चोल राजवंश के दौरान बनाया गया ये मंदिर गिर गया था और पिछले 10 सालों से लोगों ने इस मंदिर को नहीं देखा था। लेकिन, सैकडों सालों से, हिंदू देवी-देवताओं की आठ मूर्तियाँ वहाँ निवास करती थीं और यही वो कारण था कि दो चोर उस रात मंदिर में घुसे थे। अगले कुछ महीनों में वो चोर बार बार मंदिर में आने लगे और इस process को तब तक दोहराते रहे, जब तक कि मंदिर में से आठों की आठों मूर्तियाँ गायब नही होती।
इन मूर्तियों में चार फुट लंबी नटराज और गणेश जी की मूर्ति भी शामिल थी। लेकिन क्योकी मंदिर में कोई आता जाता नही था तो किसी को भी मूर्तियों के गायब होने का पता नही लगा।
मूर्तियां गायब हुए दो साल से भी ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद, सरकारी officers ने जब पुराने मंदिरों में मूर्तियों के Protection का जिम्मा संभाल रहे थे, तो मूर्तियों को किसी Safe place पर ले जाने के लिए श्रीपुरंथन पहुंचे। लेकिन गाँव के लोगों ने जोर देकर कहा कि, वो मूर्तियों की देखभाल खुद करेंगे। किसी और पर वो भरोसा नही करते है। इस सबके बीच जब मंदिर के अंदर जाकर देखा गया तब उन्हें एहसास हुआ कि मंदिर में अब कोई देवता नहीं है, जिनकी रक्षा उन्हें करनी पडें।
Subhash Kapoor, एक Art dealer जिसने हिंदू, south asian और buddhists antiques में एक major dealer के रूप में अपना करियर बनाया और उसकी Madison Avenue में Art Of The Past Gallaru, museum collection के लिए antiques provide करने में बाकी सब Gallaries से आगे रही है।
Art Of The Past Gallary चलाने वाले subhash Kapoor ने 12वीं सदी की नटराज और शिवकामी की चोल राजवंश की मूर्तियों को 8.5 मिलियन डॉलर में बिक्री के लिए रखा था। ये बात 2010 की है और यहाँ से उसके Subhash Kapoor का एक नया चेहरा सबके सामने आया था।
Museum में जब Art lovers ने वो मूर्तियाँ देखी तो वो उन्हें देखते ही रह गए और उसके नीचे Tamil में लिखे नाम के सहारे उन्होनें मूर्तियों का सारा connection निकाल लिया कि वो किस मंदिर में रखी गई थी और कब गायब हो गई थी और जब सच्चाई बाहर निकल आई तो पता चला कि Subhash Kapoor सिर्फ Art dealer नही बल्कि Art चोर भी है।
मई 2005 में Subhash kapoor चेन्नई गया था, वहाँ उसने अपने एक साथी संजीवी से मुलाकात की और उसके साथ मिलकर इतिहास के चोल राजवंश की मूर्तियों की सबसे बड़ी चोरी का plan बनाया।
Sanjeevi Ashokan, Subhash Kapoor Main Idol supplier था, जिसके लिए कीमती मूर्तियों को बाहर भेजना बच्चों का खेल जैसा था। Sanjeevi बडी ही आसानी से original antiques की नकल को Supply करके पूरे System को धोखा देता था।
और इस बार उनका target सुथमल्ली और श्रीपुरंथन में सारे मंदिर थे, जिनमें कई मूर्तियाँ थीं। संजीवी ने मूर्तियों को चुराने के लिए उन दो चोरों का इस्तेमाल किया और चोरी कि मूर्तियों को कपूर तक पहुंचा दिया, जिसके बदले में उसे 2 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसे मिले।
चोरी का मामला पता लगने के बाद भी शांत था, और Subhash kapoor से काफी दूर था। लेकिन जब उसने खुद ही अपनी Gallary में उन्हें बेचने के लिए रखा तो पकडा गया।
Investigation हुई तो Kapoor के सारे काले राज सामने आने लगे। कपूर भारत में चोरों की gang को काम पर रखता था, जो idols और Antiques को चुराते थे और किसी protected और Safe जगह पर articrafts और पैसों की अदला बदली हो जाती थी। Indian Prosecutors ने दिखाया कि smuggling की इस ring में न केवल Gangs शामिल थी – जो चमगादड़ों के infections और खतरनाक मधुमक्खियों के बारे में मनगढ़ंत कहानियां बनाकर लोगों को चोरी करने की जगहों से दूर रखते थे – बल्कि Indian custom officials भी शामिल थे, जिन्होंने inspection के बिना वस्तुओं को भेजने के लिए permission देकर उनकी मदद की। इनके अलावा professional artists जिन्होंने चोरी के antiques, मूर्तियों की नकली copy बनाई।
न्यूयॉर्क based इस famous Art dealer, Subhash kapoor को 2011 में जर्मनी में इंटरपोल द्वारा गिरफ्तार किया गया था और आठ महीने बाद भारत में भेजा गया था। अमेरिका में raid मारी गई तो उसके गोदामों और galleries से 100 मिलियन डॉलर का चोरी हुआ Indian Art बकामद हुआ।
एक Famous Art dealer जो बाहर से तो reputed, Rich और Classy इंसान है, लेकिन असल में art की एक बडी smuggling ring चला रहा है, ऐसा Character हमें Dhoom 4 में भी देखने को मिल सकता है।