Don 3

बात है 29 अक्टूबर 2003 की गुजरात के सूरत शहर में Honey Dadoba नाम के बहुत बड़े व्यापारी रहा करते थे। उनका बेटा था सोहेल वह अपने दमन की फैक्ट्री में कुछ काम के लिए गया था। जब factory से निकलता है तो कुछ लोग उसका इंतजार कर रहे होते हैं सोहेल के बाहर निकलते ही उन लोगों ने सोहेल को kidnap कर लिया और बेहोशी का injection दे दिया। बाद फॉरेन पुलिस तक पहुंचाई जाती है और-तीन दिन के बाद हनी के पास call आता है। Call में फिरौती की बात की जाती है।

फिरौती भी कोई छोटी-मोटी नहीं सीधे 100 करोड़ की।

इसके बाद भी kidnappers से हनी की तीन से चार बार बात हुई लेकिन जब भी पुलिस इस phone number को trace कर पाती तब तक वह फोन बंद कर दिया जाता है और एक नई location से नए नंबर से call आती। कई दफा बात होने के बाद final deal 25 करोड़ में तय की गई । आखिरकार 25 नवंबर 2013 को आखरी phone आता है जिसमें हनी को पैसे लेकर बिहार पहुंचने के लिए कहा जाता है। बिहार पहुंचने के बाद उन्हें पटना बुलाया गया ,पटना पहुंचने के बाद में छपरा बुलाया गया। Kidnappers ने ये बात साफ कर दी थी कि अगर हनी ने किसी भी तरह पूरी बातें पुलिस को बताई होंगी तो उनका बेटा उन्हें नहीं मिलेगा।

वह छपरा में बताई हुई जगह पर पैसा रखते हैं और वहां से उन्हें आखिरी call आती है जिसमें बताया जाता है कि पटना में गंगा सेतु के पास होने उनका बेटा मिल जाएगा। सोहेल भी सही सलामत मिल जाता है और सभी लोग वापस सूरत आ जाते हैं। इसके बाद जब सोहेल से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि पहले 5 दिन उसे बेहोश ही रखा गया और जब final location पर जब पहुंचा तो उसे घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी गई थी । वह एक कमरे में रहता था और पिछले 25 दिन से उसने सूरज तक नहीं देखा था। इसके अलावा kinappers उसके सामने आपस में एक दूसरे का नाम लेकर बात नहीं करते थे। लेकिन सोहेल की बताई हुई किसी भी information से पुलिस को kidnappers के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिलता।

पुलिस फिर भी सो गई उसे हर कुछ दिनों में पूछताछ करने आती। 1 दिन सोहेल ने एक ऐसी बात बताई जिसकी वजह से case पूरा पलट गया। सोहेल ने बताया कि जिस कमरे में उसे रखा रहा रखा गया था वहां किडनैपर्स ने उसके TV तक लगा दिया था। 1 दिन उस TV का subscription खत्म हो गया था जिसके बाद disc चली गई और टीवी की ID screen पर लिखी आने लगी। सोहेल उस dish TV ID को इतनी दफा देखा कि उसे यह नंबर याद हो गया था। TV ID की मदद से घर का पता चल गया और रंजीत सिंह, जिसके नाम पर TV ID थी और उसके भाइयों को पुलिस ने उठा लिया। इसके बाद पता चला कि कुछ 50 लोगों की गैंग पूरे भारत में रहकर इस किडनैपिंग के पीछे लगी हुई थी। सब को जेल हुई ।

ऐसे ही शातिर criminal की कहानी होगी don 3

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apoorva

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