Music legend गुलशन कुमार की लाइफ पर बायोपिक बनने वाली है जिसका नाम है मोगुल और इस फिल्म के लिए आमिर खान की नाम की चर्चा है। वैसे गुलशन कुमार के काम से ज्यादा, उनके मर्डर केस को हमेशा याद किया गया है। 1997 में हुआ उनका मर्डर भी इस बायोपिक का मेन हिस्सा है। पर उनके मर्डर की वजह से किसी डायरेक्टर को फिल्म बनाने का आईडिया आया। उनका नाम है राम गोपाल वर्मा। उस दौरान राम गोपाल वर्मा एक action thriller फिल्म के जरिए इंडस्ट्री में वापस लौटना चाहते थे, पर उनके पास आईडिया नहीं था। फिर कुमार के मर्डर के बारे में प्रड्यूसर झामु सुगंध ने राम को बताया, जिन्होंने रंगीला में राम के साथ काम किया था। उन्होंने राम को कुमार के मंदिर जाने से लेकर दोस्तों से मिलने तक सारी बातें बताई और फिर राम को आईडीया आया कि वह एक गैंगस्टर ड्रामा बना सकते हैं। फिर उन्होंने सत्या नाम की फिल्म बनाई, जिसमें हमें मनोज बाजपेई नजर आए थे।
जब से गुलशन कुमार की बायोपिक बनाने का उनके बेटे भूषण कुमार का फैसला सामने आया है, उसे सुनकर डायरेक्ट सुभाष घई काफी खुश है। सुभाष घई और गुलशन कुमार काफी अच्छे दोस्त रहे हैं। घई ने कुमार के मर्डर के बारे में बात करते हुए यह जिक्र किया था कि, “गुलशन एक पावरफुल इंसान थे। अंडरवर्ल्ड ने उनसे पैसे मांगे, उन्होंने शुरुआत में दे भी दिए थे, फिर बाद में उन्होंने मना किया और उनका खून हो गया। पर इतना ही नहीं, यही सीन मेरे साथ भी हुआ था। मुझे भी कई धमकियां मिली, पैसे मांगे गए, पर मैं बच गया। जिस वक्त मैंने गुलशन की मौत की खबर सुनी, तब एहसास हुआ कि अंडरवर्ल्ड बॉलीवुड के कितने नजदीक है और कभी भी कुछ भी हो सकता है”। इतना ही नहीं बल्कि डायरेक्टर राजेश राय भी इस हादसे से गुजर चुके हैं। वैसे काफी कम लोगों में हिम्मत होती है सामने आकर यह बातें बताने की।
गुलशन कुमार की बायोपिक मोगुल का नाम सुनते ही कुछ स्टूडेंट्स काफी ज्यादा खुश हो चुके हैं और यह नोएडा के स्टूडेंट है, जो “गुलशन कुमार फिल्म इंस्टीट्यूट” में पढ़ते हैं। इस इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर है गुलशन कुमार की बेटी तुलसी कुमार। गुलशन कुमार जिस हालात में पले बढ़े और उन्हें म्यूजिक सीखने के लिए, उसमें नाम बनाने के लिए जो लाखों कोशिशें करने पड़ी, वह नही चाहते थे कि आगे जाकर कोई भी बच्चा ऐसा struggle करें। उन्होंने सोच रखा था कि वह एक ऐसा स्कूल या इंस्टिट्यूट खोलेंगे जहां पर बच्चे आराम से, affordable फीस भर के अपना सपना पूरा कर सकें। पर तब वो मुमकिन नहीं हो पाया, इसलिए उनका यह सपना पूरा किया उनकी बेटी ने।
इस कॉलेज में जर्नलिज्म, टीवी, मीडिया से लेकर ढेरों courses हैं, जो आपको क्रिएटिव फील्ड में बनाए रखने के लिए मदद करते हैं। तो हों सकता है की आने वाली बायोपिक में हमें इसी इंस्टिट्यूट के कुछ students किसी सपोर्टिंग रोल में या छोटे-मोटे रोल में नजर आए, तभी तो उन्हें एक अच्छा प्लेटफार्म मिलेगा।
Trupti