Hina Hussain एक मुस्लिम परिवार की बेटी जिसे हमेशा से बताया गया था कि जब उसकी शादी होगी तो किस standard का लडका होना चाहिए। जिसे उसके माता- पिता आसानी ये accept कर लेंगे। एक करह से hina के पास लडका choose करने की तो freedom थी, लेकिन वो उसकी family की checklist पर depend करती है। और Hina ने भी अपने माता-पिता के सपनों के राजकुमार को ढुंढ ही लिया जब वो 20 साल की थी, और university में जाया करती थी।
Young और Naive, hina ने सोचा कि प्यार का मतलब किसी ऐसे person से मिलना है, जिसे, उसका परिवार dislike नही करेगा, Simply approve करें, और जिसके बारे में वो पाकिस्तान में अपने रिश्तेदारों के साथ गर्व से बात कर सके।
Hina का ideal partner, एक मुस्लिम है, जो Fair Skinned होगा और Upper-middle class to rich socio- economic और respectable family से होगा।
और family की approval conditions की इस ideal partner checklist को देखकर hina को कभी कभी लगता है कि वो। partner choose नही partner खरीद रही है।
पर फिर भी hina ने अपने दिमाग में हमेशा ये checklist रखी। क्योकी simply hina जानती थी कि इनमें से कोई भी खूबी अगर उसके partner में नही मिली, तो उसे family drama संभालना पडेगा।
और deep down हिना जानती थी कि ये चेकलिस्ट मैन उसका ideal man नही, बल्कि उसकी family का ideal man है, जिसके साथ, उनके हिसाब से वो खुश रहेगी।
और 20 साल की उम्र में उसे वो ideal, मुस्लिम और respectable family background वाला लजका मिल ही गया। लेकिन उन दोनो के विचार बिल्कुल नही मिलते थे।
Ideal Man अपने माता-पिता की expectations को सबसे ऊपर रखना चाहता था और उन्होने जो path उसके लिए बनाया है, उसे follow करना चाहता था। वही दूसरी ओर, हिना बहुत जिंदगी को और explore करना चाहती थी।
परफेक्ट चेकलिस्ट मैन को date करने के दो साल बाद उनकी relationship खत्म हो जाती है।
South Asian Culture की mentality की वजह से parents अपने बच्चो को socially acceptable relationship में ही देखना चाहते है। लेकिन यहां canada में Hina आराम से एक relationship को खत्म कर सकती है , जो बाहर के लोगो के match made in heaven दिखता है। और यहां पर वो cultural expectations के against, बिना किसी की disappointment और punishment के जा सकती थी।
और कुछ इसी तरह Hina की मुलाकात, 2012 में यूनिवर्सिटी ग्रेजुएशन पार्टी में साईं से हुई।
साई एक हिंदू हैं, जिसके साथ रिश्ता हिना के मुस्लिम-पाकिस्तानी की नजरो में गलत से भी उपर गलत हैं। इन दोनों देशों के political और religious झगड़ों ने हमें एक दूसरे की संस्कृतियों में “दूसरा” बना दिया था।
साईं और हिना को उनके future और safety का डर होता अगर वो उनकी countries में होते। क्योकी वो जानते है कि वहाँ कोई भी उनके इस रिश्ते को नही मानेगा।
लेकिन वो लोग canada मेंहै , जहां पर उनके रिश्ते को एक disappointment भरी नजरो से नही देखा जाता।
उन्हे यहां छुपकर मिलने की जरूरत नही थी। वो दोनो एक दुसरे के साथ बिनी कीसी शर्मिंदगी के साथ मुल सकते थे। कोई उन्हे judge करने वाला या उनके रुश्ते को नीचा दिखाने वाला नही था।
हीना के लिए, ये कभी मायने नहीं रखता था कि साईं मुसलमान नहीं था, या वह सांवले रंग का था, या वह डॉक्टर नहीं बनने जा रहा था। सिर्फ इतना मायने रखता था, कि वो hina से प्यार करता था और उसकी respect करता था। और हिना भी Sai की बहुत respect करती थी।
लेकिन ये तो expected था ही जैसे ही उन दोनों ने आँख से आँख मिलाई और उनके सामने उनके अपने ही तूफान बनकर खडे हो गए। शुरूआत में उनके परिवारों में से कोई भी उनके मिलन से खुश नहीं था।
हिना के माता-पिता को जब भी मौका मिलता, वे साईं को नीचा दिखाने की कोशिश करने लग जाते। और जब बात बहुत ज्यादा बढ गई, तो Last में थक कर हिना को उनसे कुछ वक्त के लिए contact बंद करना पडा। एक साल से ज्यादा वक्त तक ऐसे ही चलता रहा।
साईं के माता-पिता भी हिना से खुश नही थे, लेकिन क्योंकि वो भारत में रहते थे, और Sai canada में, तो साईं ने कनाडा में जो कुछ भी किया था, उस पर उनके control कम ही होता था।
दोनो को इपने अपने परिवार को समझाना, उनसे लडना पडा। और अब 6 सालो से ज्यादा वक्त के बाद, साईं और हिना अपने परिवारों को एक साथ लाने और उन्हें ये दिखाने में कामयाब रहे हैं, कि हमारे साथी का धर्म या त्वचा का रंग वास्तव में मायने नहीं रखता है।