मुन्ना बजरंगी का असल नाम प्रेम प्रकाश सिंह है। एक वक्त में वो मिर्ज़ापुर की अपराध की गलियों का किंग कहा जाता था। वो असल में एक ऐसा गैंगस्टर था जो बातों से कम और गोलियों से ज़्यादा बातें करता था।
उसने क़रीब 40 लोगों की हत्याएं की थी। मिर्ज़ापुर और पूर्वांचल में लोग उसका नाम सुनते ही कांपने लगते थे।उसने कालीन का धंधा बचपन में ही शुरू कर दिया था। हैरानी की बात तो यह थी कि 17 साल की उम्र में उसने पहली हत्या की थी। इस तरह वो कालीन भैया कहलाया। लेकिन ये धंधा रास नहीं आया तो देशी कट्टे का धंधा शुरू कर दिया। अब जब पूर्वांचल में पॉकेट में गन और ख़ूब पैसा हो तो माथा वैसे ही गरमा जाता है।
बाद में वो धीरे-धीरे मुन्ना बजरंगी के तौर पर कुख्यात होने लगा। इसके साथ ही वो जौनपुर में एक गैंगस्टर के साथ हो गया। उसके साथ उसने ख़ूब अवैध खनन और कट्टे का व्यापार किया।फिर बाद में वे यहां डॉन और राजनीतिज्ञ मुख्तार अंसारी के संपर्क में आए। कुछ ही दिनों में वो उसका राइट हैंड बन गया।
अंसारी के कहने पर ही उसने भाजपा के कद्दावर नेता कृष्णानंद राय और बाद में रामचंद्र सिंह का मर्डर किया। मुन्ना बजरंगी को समाजवादी पार्टी का कथित तौर पर सपोर्ट था। कहते हैं अपने बाहुबल के दम पर उसने कई ग़ैरक़ानूनी काम किए और करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गया।मुन्ना बजरंगी के बारे में एक और बात बहुत कही जाती है। ऐसा कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश में गैंगवॉर में एके-47 का चलन इसने ही शुरू किया था। क़रीब दो दशक तक इन्होंने यूपी में ख़ूब आतंक मचाया। अब ये यूपी पुलिस की आंखों में खटकने लगे थे पर धरे नहीं जा रहे थे। सो पुलिस ने मुन्ना बजरंगी पर लाखों का इनाम रख दिया।
रीयल लाइफ से ही रील लाइफ के किरदार तय होते हैं। कई फिल्मों में ऐसा देखने को मिलता रहता है।अब जब don 3 आ रही है तो बहुत चांसेज है की मेकर्स इसी कहानी पर don 3 बनाएंगे. वैसे आपको ये कहानी कैसी लगी हमें कॉमेंट सेक्शन में ज़रूर शेयर करें हम फिर मिलेंगे एक नई वीडियो के साथ..