Rambo

बुधवार की सुबह, भारतीय सेना के मद्रास रेजिमेंटल सेंटर (MRC) की एक Specialised Mountaining unit ने ट्रेकर R. babu को बचाया, जो कि एक 23 साल का लडका है, जो पलक्कड़ गैप के मलमपुझा जंगलों में, कुरुमबाची माला में लगभग 45 घंटे से भी ज्यादा समय से बिना भोजन और पानी के एक दरार में फंसा हुआ था। लगभग 9.30 बजे, MRC के Naik balakrishnan ने पहाड़ी के शिखर से 400 मीटर नीचे, 600 मीटर की ऊंचाई पर एक चट्टानी चट्टान की दरार तक पहुंचने के लिए, पहाड़ी को नीचे गिरा दिया।  Naik, Babu के पास पहुंचे और उसे पीने के लिए थोड़ा पानी और एक choclate bar देने के बाद, कमांडो ने बाबू को एक सुरक्षा कवच से जोड़ दिया और उसे ऊपर की ओर ले जाना शुरू कर दिया। बीच रास्ते में एक और कमांडो ने भाग लिया और बाबू जिनके साहस ने पूरे state को टेलीविजन से चिपका रखा था और हाल के दिनों में केरल में इस तरह के सबसे बड़े search and rescue operation में से एक को जन्म दिया था। 

 

सोमवार से, जब बाबू इस accident का शिकार बना, तब से combined efforts,‌ जिसमें एक हेलिकॉप्टर और ड्रोन तैनात करना शामिल था। Coast guard, Navy, the state police और fire police, सब personally rescue के लिए ready है और उसे कम से कम खाना और पानी provide किया जा रहा है। लेकिन 45 घंटों से उसमें वो फंसा है और उसे बचाना मुश्किल होता जा रहा था। फंसे हुए बाबू के परिवार और वहां के local लोगों ने तो मंगलवार की शाम तक उसके बचने की सारी उम्मीद खो दी थी। क्योंकी चाहकर भी कोई कुछ नही कर पा रहा था और तब situation देखकर state government ने Army की मदद मांगी।

 

मंगलवार को आधी रात के करीब बेंगलुरू से पलक्कड़, nine-man Army की कमांडो यूनिट पहुंची। कुरुमाबाची माला तक पहुंचने के लिए उन्होंने घने, wildlife जंगलों के में लगभग छह घंटे तक ट्रेकिंग की। लेफ्टिनेंट कर्नल हेमंत राज, जिन्होंने बाबू को बचाने वाली MRC टीम को lead किया, ने कहा कि कुरुम्बाची माला के इलाके ने इस ऑपरेशन को जोखिम भरा और challenging बना दिया। राज ने कहा कि,  पहाड़ी की चोटी पर पहुंचना और बाबू का पता लगाना मिशन का सबसे challenging हिस्सा था। उन्होंने कहा कि,” क्योंकी जिस area में babu फंस गया था, वह बहुत खड़ी थी और रस्सियों को सुरक्षित करने के लिए पहाड़ी की चोटी पर ज्यादा पेड़ नहीं थे।  nine- mam commando unit को बाबू के पास correct position में पहुंचने और उसे rescue करने में उसे करीब नौ घंटे लग गए। 

 

Commandos ने R.Babu की जान बचाई और कहा कि, मिशन की सफलता के पीछे बाबू द्वारा दिखाया गया mental courage और bravery एक main reason था।

बाद में army ने कुछ visuals release किए, जिनमें एक आनंदित बाबू को अपने rescuer के बीच बैठे और gratitude express करते हुए दिखाया गया। Babu ने उन्हें बार-बार Army का दिल से धन्यवाद किया।

 

बाबू को Army के कमांडो ने rescue करने के बाद First Aid दिया और दोपहर 12 बजे तक Coimbatore के पास Sulur Air Base से एक हेलीकॉप्टर के पहुंचने तक आराम करने के लिए रखा गया। जिसके बाद उन्हें कांजीकोड हेलीपैड में shift कर दिया गया और फिर वहां से एम्बुलेंस में पलक्कड़ जिला अस्पताल ले जाया गया। 

 

District Medical Officer, Dr. K P Reetha ने कहा कि, बाबू की health condition बिल्कुल सही है और उन्हें 24 घंटे निगरानी में रखा जाएगा। 

 

बाबू ने अपनी 10nth class, मालमपुझा सरकारी स्कूल से पूरी की। क्योंकी जब वो बहुत छोटा था, तभी उसके पिता की मौत हो गई थी और होश संंभालते ही उसने अपनी माँ का हाथ बटाना शुरू कर दिया। अपनी माँ की मदद करने के लिए उसने अजीबोगरीब काम करना शुरू कर दिया था। 

 

बाबू की मां एक होटल में एक cook के रूप में काम करती थी।  बाबू की मां रशीदा को भी कांजीकोड हेलीपैड पर लाया गया, जहां उन्होंने अपने बेटे से मुलाकात की और उसका चेहरा देखकर राहत की सांस ली।

बाबू और उसकी मां ने Army commandos और इस rescue operation में जितने भी लोग थे उन सबको का धन्यवाद किया।

 

एक तरह से जब सबने उम्मीद छोड दी थी, उस वक्त सिर्फ army commandos और खुद babu ने हिम्मत नही हारी। लगभग 3-4 दिनों तक एक दरार में फंसे रहना, वो भी बिना किसी खाने और पानी के और फिर भी end तक हार ना मानना, खुद में एक बहादुरी का काम है और बहादुर लडके की बहादुर commandos ने अपनी जान पर खेलकर एक बार फिर मदद की।

 

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