Auto Rickshaw वाले ने किया insurance scam!
Life Insurance, लोगो के लिए वो facility बनाई गई है, जिसका use वो अपने कठिन वक्त में कर सके। लेकिन जैसे किसी नए law के आनो से पहले ही, कुछ तेजस्वी लोग उसमें loopholes निकाल लेते है। वैसे ही
कुछ oversmart लोगो ने insurance law में भी खुद के फायदे के लिए loopholes निकाल लिए है। और आप सुनोगे की लोग insurance का गलत फायदा उठाने के लिए किस हद तक जा सकते, तो चौक जाओगे।
जैसे खबर मिली की दिल्ली के एक ऑटोरिक्शा driver ने अपनी पत्नी, को एक पुलिस वाले, एक डॉक्टर, एक bank worker और कुछ और लोगों की मदद से 16 लाख रुपये का insurance claim दिलाने के लिए अपनी मौत का नाटक किया।
जी हाँ insurance claim लेने के लिए लोग मरने का नाटक कर रहे है। जैसे वो अचानक जिंदा होकर भी लोगो की नजर में मर सकते है। हालाकी कुछ cases ऐसे भी होंगे, जो लंबे वक्त तक इस scam का फायदा उठा पाए है। लेकिन फिर भी ज्यादातर ‘so called’ मरे हुए लोग कुछ वक्त बाद जिंदा मिल ही जाते है।
तो Auto rickshaw के driver भईया पर आते है, जिन्हे राजस्थान पुलिस के special operation group ने इस मामले के सिलसिले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है और दो और आरोपियों की तलाश कर रहे हैं।
हालाकी plan उनका बिल्कुल fullproof था। उनकी पत्नी और 6 लोगो ने अपने मामले को साबित करने के लिए नकली पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और नकली death certificate भी तैयार किया।
Special operation group जयपुर के Additional director general उमेश मिश्रा ने बताया कि, पिछले साल दौसा के कोतवाली police station में एक जिंदा आदमी का फर्जी पोस्टमार्टम कराने का मामला सामने आने की information मिली थी। कुछ देर बाद दौसा जिले के रामगढ़ के पचवाड़ा थाने में भी ऐसी ही रिपोर्ट दर्ज कराई गई। यह भांपते हुए कि इसके पीछे कोई पुरी gang हो सकती है, पुलिस director ने मामले को SOG को transfer कर दिया।
पुलिस ने बताया कि इस Gang में दिल्ली के रहने वाले एक private agency का employee, कोतवाली दौसा police station का ASI, एक senior Medical Officer,Union bank of india का employee,और 2 Advocate लोग थे।
उन्होंने दिल्ली में एक ऑटोरिक्शा driver को dead declare करने से पहले छह अलग-अलग insurance companies में insurance कराया। उन्होंने insurance कंपनियों से क्लेम फाइल करने से पहले FIR और पोस्टमॉर्टम की फर्जी रिपोर्ट पर काम किया।
Senior medical officer ने fake postmortem reports ready की, ASI पुलिस ने बिना किसी रुकावट के उन्हे पास किया, fake death certificate बनाया गया।
सारी तैयारी होने के बाद उन्होने उसका death certificate और postmortem reports को submit किया और insurance companies में उन्हे दिखाया।
उन्होंने Auto Rickshaw driver की पत्नी के नाम पर bajaj insurance से 12 लाख रुपये के साथ-साथ PM Suraksha और जीवन ज्योति schemes से दो-दो लाख रुपये का insurance money का claim किया। यह तब था जब एक और insurance कंपनी, बिड़ला सन लाइफ ने एक पुलिस स्टेशन में claims को verify करना शुरू किया, तो उसके investigators को documents में कुछ गलत लगा और शिकायत दर्ज की।
और तब पता चला की उनके जना कराए सारे documents फर्ज़ी है, यहां तक की death certificate नकली है। जिसका मतलब बस एक हो सकता है कि Auto चलाने वाले भईया, सिर्फ मरने का नाटक कर रहे थे, और अपने घर में आराम से चुप करके बैठे थे। दुसरी ओर उनकी पत्नी उन्हे मरा हुआ साबिक करके fraud कर रही थी।
और इस fraud के होने से पहले ही पकडे जीने का एक फायदा ये हुआ कि अब SOG Chief मिश्रा ने order दिया कि उनकी टीम, हाल के दिनों में उस ASI police officer और Senior Medical Officer की बनाई गई सारी पोस्ट- मॉर्टम और Accidental cases की reports की investigation की जाएगी।
ऐसे ही एक और case हुआ जिसमें डिंडोशी पुलिस ने एक couple के खिलाफ, कोटक लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को धोखाधड़ी से ₹50 लाख की insurance amount का claim करने के लिए फर्जी death certificate और बाकी के documents जमा करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
पत्नी ने एक झूठी कहानी बनाई कि उसके पति की मौत एक Road Accident में हो गई थी। और जब documents की verification की गई तब पुलिस की रिपोर्ट के साथ साथ हाकी के सभी documents भी नकली निकले।
FIR के हिसाब से, पुणे के हडपसर इलाके के रहने वाले 36 वर्षीय आरोपी प्रकाश रामचंद्र ने इस साल जनवरी में कंपनी की वेबसाइट से 25 लाख रुपये का E-Term plan लिया था। उन्होंने Accidental death के मामले में 25 लाख रुपये के additional cover plan भी लिया था। और अपनी death के मामले में अपनी पत्नी को life insurance पॉलिसी का nominee बना रखा था।
पत्नी ने 15 मार्च को insurance कंपनी को inform किया कि उसके पति की 6 मार्च, 2022 को एक road accident में मृत्यु हो गई थी, और कंपनी से request की कि वह ₹50 लाख की insurance amount को देने का इंतजाम करे।
पत्नी ने सारे documents भी जमा कराए, लेकिन end में verification में सारे documents फर्जी निकले।
कुछ ऐसे ही fraud, comedy, funny dialougues, और situations के साथ दिखाए जाने की उम्मीद हन hera pheri 3 से रख सकते है।