पुलिस के 20 encounter बने murders!
7 अप्रैल 2015 को, आंध्र प्रदेश पुलिस ने भारत के आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के शेषचलम जंगल में 20 लकड़हारों, जो की suspected smugglers को गोली मार दी।
इस पर Red Sanders, Anti-Smuggling Task Force के DIG कांता राव ने कहा कि Smugglers ने टीम पर रॉड और कुल्हाड़ियों से हमला कर दिया था। और जब पुलिस से पुछा गया कि क्या इतनी जाने इस तरह लिए बिना, इस हमले को रोका जा सकता था? तो राव ने कहना था कि पुलिस ने उन्हें कई warnings दी, लेकिन फिर भी उन्होंने हमला करना बंद नहीं किया। और वो लोग सौ से भी ज्यादा थे।
ये incident चित्तूर में चंद्रगिरि मंडल के शेषचलम forest area में एटागुंटा में दो locations पर हुई थी। ईटागुंटा में नौ मजदूरों की मौत हो गई, वाचिंदौ बांदा में ग्यारह की मौत हुई। आंध्र प्रदेश के Additional director general ने बताया कि पुलिस को information मिली थी कि बड़ी संख्या में smugglers जंगल में घूम रहे हैं। Red sanders task force टीमों ने दो locations पर हमला किया। टास्क फोर्स में forest officials और Armed पुलिस officers भी शामिल थे।
जब police की टीमों ने उन्हें surrender करने के लिए कहा, तो smugglers ने उनपर पत्थर फेंककर जवाबी हमला किया और उनके पास दरांती और कुल्हाड़ियाँ भी थे। जब टास्क फोर्स ने गोलियां चलाईं, तो उनमें से 20 मारे गए और कई भाग निकले।
Smugglers लाल-चंदन के पेड ले जा रहे थे।
कहा जाता है कि चित्तूर जिले के एक लाल चंदन smuggler ने लगभग 500 कुली को hire किया था, जो उस वक्त उन पेड़ों की कटाई कर रहे थे, जब पुलिस ने उन पर गोली चलाई थी।
लेकिन National Human Right Commission of India (NHRC) के सामने दिए गए दो गवाहों के बयान में कहा गया है कि आंध्र के पुलिसकर्मियों द्वारा मारे गए लोगो मे से, कम से कम 12 लोगों को उन्होंने एक बस से खींचा था और ये controversial encounter होने से कुछ घंटे पहले उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया था।
यो अब यहाँ पुलिस और witness दोनो के बयान एकदम opposite निकले।
Human rights activist को पुलिस के shooting version पर विश्वास नहीं हुआ। क्योकी उनका कहना है कि कुछ deadbodies पर जलने के निशान थे और कुछ के सीने और सिर में गोलियों के निशान थे।
NHRC ने investigation के लिए अपनी टीम भेजने का फैसला किया।
हैदराबाद high court ने पुलिस फायरिंग में 20 लोगों के मारे जाने के दर्ज मामले से related आंध्र प्रदेश पुलिस को अदालत के सामने केस डायरी present करने का order दिया था।
Investigation officers ने अदालत में जो case diary पेश की, उससे disappointed होते हुए, इस मामले की जांच के लिए Special investigation team (SIT) बनाने का आदेश दिया और SIT को 60 दिनों में अपनी जांच पूरी करने और अदालत को एक रिपोर्ट पेश करने का order दिया गया।
आंध्र प्रदेश सिविल लिबर्टीज कमेटी (CLC) के State Execitive member क्रांति चैतन्य ने कहा कि “हमने हमेशा कहा है कि यह एक fake encounter था और उन सभी workers को मौके पर लाया गया और फिर मार दिया गया।”
और ये खुलासा भी किया कि deadbodies पर जलने के निशान और गोली के छेद थे, जिसका मतलब था कि उन लोगो को बहुत करीब से गोली मारी गई थी।
फोरेंसिक रिपोर्ट, कॉल डेटा रिकॉर्ड , SIT report आदि सभी उनकी इस बात को साबित कर रही था।
फिर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में human right violation की जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच की मांग की।
क्योकी उनमें से कई लोग तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई और वेल्लोर जिलों से थे।
हालांकि ये possible है कि ये सब लोग किसी illegal activities में शामिल हो सकते हैं। इसलिए ऑपरेशन में इस तरह की बडी घटना चिंता पैदा करती है कि क्या Andhra Pradesh टास्क फोर्स के officers ने संयम के साथ काम किया या नही।
आंध्र प्रदेश सरकार को हैदराबाद high court ने 20 लाल चंदन smugglers की हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। और पूरी fair investigation होने के बाद ये घटना एक असाधारण हत्या यानी extrajudicial killings के रूप में उजागर हुई, क्योंकि एक witness ने दावा किया कि उनमें से कुछ को बस से उतार कर मारा गया था। और उसके साथ साथ ये भी बताया गया कि कोई भी security officer मारा या घायल नहीं हुआ था, जो कि पुलिस के दिए गए बयान से opposite था।
20 लोगो के encounter, जो की पुलिस के किए murders साबित हुए, इस खबर ने तमिलनाडु में खलबली मचा दी।
और जैसा की हम जानते है कि pushpa फिल्म में pushpa और Police officer की अनबन तो चल ही रही थी, तो हो सकता है कि pushpa 2 में हमें इस incident से inspired कोई scene देखने को मिल जाए।