Mp के एक गाँव मे सोनल सिंह नाम की एक महिला, जो middel क्लास फैसोनल की बहु है,अपने भाई कमलेश से फोन पर बात कर रही होती है,,,
हैलो भाई जी कैसे हो, इस बार में पक्का आऊँगी हा और 1 दिन पहले भी , रक्षाबंधन पर
और हाँ पैसों से काम नही चलेगा, extra में गिफ्ट भी देने पड़ेंगे, भाभी को बता देना,
भाई वापस बोल रहा, हाँ भाई, ले लेना, तुम्हारा ही तो दिन है तुम कोनसा रोज़ रोज़ मांगती हो, अच्छा ध्यान रखना अपना, रखता हू।
सोनल अपने पति राजेश को खाना खिलाते ही कहती है की आपकी बहन इस बार भी नही आयेगी क्या रक्षाबंधन पर, अगर आये तो ज्यादा महंगा सूट मत देना, ध्यान से देना, जितना भी दो, हमारे बारे मे भी सोच लेना थोड़ा सा,,, हंसती हूई कहती है।
पति भी चुटकी लेता हुआ, तुम भी तो जा रही होना अपने भाई के पास, ज्यादा कुछ मत लेना, ध्यान रखना ।
जब खुद तो इतने गिफ्ट मांग रही हो, और मुझे मना करती हो
न्याय की बात तो तुम बिल्कुल भी नही करती, क्यों?
सोनल ने कहा, सो जाइये ज्यादा दिमाग ना चलाए ।
Next morning,,,,
सोनम सु ब ह अपनी बस पकड़ती है, कल रक्षाबंधन है, उसे अपने भाई के पास भी तो जाना है राखी बांधने।
वह बहुत खुश है ।
विदिशा जिले की रहने वाली सोनल सिंह रक्षाबंधन मनाने पडरिया गांव स्थित अपने मायके जा रही थीं. बस रुकती है, अब उसे एक पुल (बरीघाट) पार करना है, वैसे उसका भाई लेने आने वाला था,लेकिन को ई कारण से आ नही पाया, अब उसे खुद जाना पड़ेगा,शाम भी हो गयी है ।
वो शाम करीब साढ़े छह बजे बारीघाट पुल पार करती है ,इस दौरान उसका ध्यान कही भटक जाता है,और सोनल का एक बैग नदी में जा गिरता है, बैग नदी मे अटक जाता है किसी टहनी पर ।
बैग मे उसकी राखिया, और मिठाईया भी थी, वह सोचती है खाली हाथ नही जाऊंगी, इतने साल बाद मौका मिला है साथ त्यौहार मनाने का, भैया तो बाहर ही रहते है , उनके पसंद की राखी तो बैग में ही रह गयी, इतना वो मन मे सोचती है
और बैग को निकालने की ठान लेती है,
सोनल पूरा प्रयास करती है , लेकिन उसका हाथ नही पहुँच पाता
और इसी बीच वह फिसल जाती है, नदी मे गिर जाती है
उसके संघर्ष की कहानी
एक किसान billu सोनल को देख लेता है, की वह अपने बैग के साथ टहनी पकड़े हुए chhila रही है, बिल्लू उसे देखकर घबरा जाता है, और लोगो को इकट्ठा करता है,
जब वापस वही पहुंचा,
तो सोनल वहाँ नही दिखी, और तभी बिल्लू उसका बैग देखता है, जो उससे कोसो दूर है, उस बेग को फॉलो करता है, उसे सोनल पानी के बहाव के साथ दिखाई देती है लेकिन करीब एक किमी दूर जाकर वो उनकी आंखों से ओझल हो गईं.
इसके बाद बिल्लू ने घटना की सूचना पुलिस को दी.
और कमलेश भी अपनी बहन का इंतज़ार कर रहा था,
तभी उसे पता लगता है की एक महिला नदी मे गिर गयी है, वह फौरन उसी जगह उसी जगह पहुँचता है, और सोनल के बैग को खोलता है, जो पुलिस ने नदी से निकाला है, कमलेश ने बेग खोला तो उसे अपनी मन पसंद की रखी सोनल, तब उसे कहा यह तो सोनल का ही बैग है , आप मेरी बहन को ढूंढे, और वह अपने परिजनों को भी सूचना देता है।
तब तक अंधेरा हो चुका था. करीब 3 घंटे तक चले तलाशी अभियान के बाद भी सोनल का कोई पता नहीं चला. इंस्पेक्टर मिश्रा ने बताया कि जिला प्रशासन की एक टीम महिला को बचाने के लिए निकल चुकी है, और जल्द ही सोनल को लेकर ही आयेगी ।
इधर सोनल कांप रही थी, वहाँ अंधेरा था, उसे लग रहा था की उसकी आखिरी रात है, वह एक पुल के नीचे थी, और सरिये को पकड़ रखा था, वह sunsan जगह पर चिला रही थी, लेकिन वहाँ कोई नहीं था, 1 घण्टे तक वहाँ लटकी रही, उसने ठान लिया था की वह जिंदा ही निकलेगी, उसने खुद को survive करने की ठान ली थी, पूरी हिम्मत से चिल्लाती रही, उसे देखकर वहाँ के पशु पक्षी भी चहल, पहल करने लगे ।
जिला प्रशासन की टीम भी उस एरिया के पास ही तलाशी कर रही थी, वह चीख सुनकर आती है ।
और देखती है ,
वहां काफी अंधेरा था. वह महिला शायद सर्चलाइट देखकर मदद के लिए चिल्ला रही थी.
सोनल को एक पेट्रोलिंग पार्टी ने ढूंढ निकाला. वो निर्माणाधीन गंज घाट पुल के एक खंभे के सरियों को पकड़े हुए थीं. यह जगह उस जगह से करीब ढाई किमी दूर है, जहां से वो गायब हुई थीं.
सोनल एक अच्छी तैराक हैं, क्योंकि वह नदी के तेज बहाव में भी करीब ढाई किमी तक बची हुई थीं. इस बार वह वहां से करीब 12 किमी आगे जाकर सोनलं.वो पास एक पेड़ को पकड़े हुए सोनलं.यह पेड़ नदी के किनारे से करीब 120 मीटर दूरी पर था. इंस्पेक्टर मिश्रा ने बताया कि पांच ग्रामीणों की मदद से सोनल को वहां से निकाला गया और स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. जांच में वह पूरी तरह स्वस्थ्य सोनलं. इसके बाद उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया. मिश्रा ने बताया कि ये 15 घंटे उनकी जिंदगी के सबसे खौफनाक घंटे थे. लेकिन खुशी इस बात की है कि हमने उन्हें बचा लिया.
आशा करते है कहानी आपको अच्छी लगी।
और comment करके बताइये की कहानी मे और भी क्या पॉइंट्स आ सकते है।
तब तक आप हंसते रहिये और मजे में रहिये।