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Indian Navy ने दिखाया अपना दम
भारत-पाकिस्तान 1971 का युद्ध जहां हमारी भारतीय सेना और वायु सेना ने मिलकर पाकिस्तान की कमर तोड़ दी थी, तब हमारी भारतीय नौसेना ने कहा कि हम भी मारेंगे, हम तोड़ी पीछे रहेंगे, तो हमारी भारतीय नौसेना ने रही सही कसर पूरी कर दी 5 दिसंबर को भारतीय नौसेना 1971 कराची पहुंचा और जब भारतीय नौसेना कराची पहुंची तो भारतीय नौसेना ने कराची में तबाही मचाई, भारतीय नौसेना ने इतना भयानक हमला किया कि कराची बंदरगाह कई दिनों तक जलता रहा और कराची का बंदरगाह इतनी बुरी तरह तबाह हो गया था कि हर तरफ सन्नाटा ही सन्नाटा था और जहाँ तक नज़र जा सकती थी, सिर्फ़ आग का दुहा ही नज़र आ रहा था। इसस हमले से पश्चिमी पाकिस्तान की कमर टूट गई है. वे इसके लिए तैयार नहीं थे क्योंकि उन्हें सूचना मिली थी कि भारत पश्चिमी पाकिस्तान पर कम और पूर्वी पाकिस्तान पर ज्यादा हमला करेगा, इसलिए अब पाकिस्तानी सोचने लगे कि जब भारतीयों ने यहां ऐसा किया है तो पूर्वी पाकिस्तान में क्या क्या किया होगा. जब भारतीय नेवी ने कराची पर हमला किया था, तो पाकिस्तानी कराची से भाग गए और बलूचिस्तान में आने वाले ग्वादर बंदरगाह पर चले गए, जो कि अब बहुत जल्द उनके हाथ से चला जाएगा, और अभी युद्ध को शुरू हुए सिर्फ दो ही दिन हुए हैं। आप लोग दिल थाम कर बैठो क्योंकि युद्ध लंबा चलने वाला है, 3 दिसंबर को पाकिस्तान ने अटैक शुरू किया था, 4 दिसंबर को इंडियन आर्मी और एयरफोर्स ने लोंगेवाला में धोया और फिर 5 दिसंबर को इंडियन नेवी ने कराची मैं धो डाला, यदि आप यह देखना चाहते हैं कि हमारी नौसेना ने कैसे हमला किया, तो आप बस Google पर जा सकते हैं और चित्र देख सकते हैं।
पाकिस्तान ने लोंगेवाला की हार का बदला लेने के लिए भारत के सबसे बड़े और सबसे खतरनाक जहाज INS विक्रांत को नष्ट करने की योजना बनाई, जिसके लिए उन्होंने अपना PNS गाजी भेजा, जिसे उन्होंने अमेरिका से खरीदा था और यह समरीन उस समय की सबसे खतरनाक समरीन थी। इसके बारे में कहा जाता था कि इसे कोई डुबा नहीं सकता लेकिन हम भारतीयों ने पीएनएस गाजी को एक खराब जहाज से मार डाला। अब वह कैसे मारा यह बाद मैं बताता हूं, पहले जरा पूर्वी पाकिस्तान की तरफ जाते हैं जो आज का बांग्लादेश है।
तो पूर्वी पाकिस्तान में मुक्ति वाहिनी जो कि बांग्लादेश की सेना थी, पाकिस्तानियों को अंदर ही अंदर दौड़ा दौड़ा के मार रही थी क्योंकि वहां पाकिस्तानियों ने बलात्कार और हत्या कर दी थी और भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना मुक्ति वाहिनी का पूरा साथ दे रही थी, भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना ने पूर्वी पाकिस्तान को भी तबाह कर दिया था और पाकिस्तानियों को बचने का कोई मौका नहीं दे रही थी और पाकिस्तानियों की सबसे बड़ी टेंशन INS विक्रांत था। क्योंकि पूर्वी पाकिस्तानियों को जो भी मदद मिलनी थी, वह नौसेना से ही मिलनी थी, लेकिन भारतीय नौसेना ने INS विक्रांत से चटगांव बंदरगाह को पूरी तरह से नष्ट कर दिया, जो उस समय पाकिस्तानी नौसेना का एक प्रमुख केंद्र था, अब मुक्ति वाहिनी और indian army और इंडियन एयरफोर्स को कोई खास परेशानी नहीं हो रही थी और भारत पूरी तरह से पाकिस्तान पर हावी हो चुका था।
Divanshu