Nora Inayat Khan, जिन्हे Nora Baker के नाम से भी जाना जाता है, वो Second World War में फ्रांस में एक british Agent थी, जिन्होंने Special Operations Executives (SOE) में काम किया था।
नूर इनायत खान का जन्म Moscow में हुआ था। उनके पिता, इनायत खान एक Indian Muslim थे जिनके पूर्वज Classical musicians हुआ करते थे। और उनके परदादा Mysore के Ruler टीपू सुल्तान थे। Inayat Khan यूरोप में एक musician और सूफीवाद के teacher रहे थे। उनकी मां, पिरानी अमीना बेगम, न्यू मैक्सिको मेम पैदा हुई एक अमेरिकी थीं, जो United states में अपनी trip में इनायत खान से मिलीं थी।
बाद में, Noor Inayat का भाई विलायत ” Sufi order of west’ का Head बन गया, जिसने इसका नाम बदल कर Inayati Order रख दिया।
Noor एक Young लडकी जो बहुत ही शांत, शर्मीली, sensitive और dreamy थी। अपने परिवार के traditional classic music को भी सीखा। लेकिन 1927 में उनके पिता की मृत्यु के बाद, 13 सालकी नूर ने अपने छोटे भाई-बहनों और दुःखी माँ की ज़िम्मेदारी उठा ली। उन्होंने Child Psychology की Study की, साथ ही साथ संगीत में वीणा और Piano बजाना भी सीखा।
Musician family से होने के बावजूद Noor Inayat ने एक writer के रूप में अपना करियर शुरू किया। उन्होने अपनी poems और बच्चों की कहानियों को english और फ्रेंच में publish किया और बच्चों की magazines और French Radio में regular contributor बन गईं।
हालाँकि नूर peace और calmness को Support करती थी, लेकिन फिर भी उसने और उसके भाई विलायत ने फैसला किया कि वो नाजी (Nazi) अत्याचार को हराने में मदद करेंगे।
Noor Inayat का ये फैसला लेने का कारण उन्होने बताया कि,”काश कुछ indians इस War में high military respect जीत पाते। अगर एक या दो कुछ ऐसा कर पाते जो इन दो साथी देशों की नजरो में बहुत बहादुर होगा और जिसको सभी Admire करे, तो ये अंग्रेजों और भारतीयों के बीच एक bridge बनाने में मदद करेगा।
और यही बात सोचकर Noor Inayat ने एक spy बने का decision ले लिया।
नवंबर 1940 में, नूर Women Auxiliary Air force यानी महिला सहायक वायु सेना (WAAF) में शामिल हो गईं, और एक Aircraft woman के रूप में, उन्हें एक wireless operator के रूप में training करने के लिए भेजा गया।
Wireless Operator वो लोग होते थे, जो Radio System के operations को handle करने के लिए responsible होते थे।
जून 1941 में एक ट्रेनिंग स्कूल में काम करने के बाद, Noor ने वहाँ के बोरिंग काम से खुद को free कराने के लिए एक comission के लिए apply किया।
बाद में, नूर इनायत खान को SEO के France section में शामिल होने के लिए भर्ती किया गया।
और एक Wireless operator के रुप में भेजी जाने वाली Noor पहली महिला थीं, क्योंकि उनसे पहले की सभी female agents को couriers के रूप में भेजा गया था।
लेकिन क्योकी Noor को पास पहले सो ही Wireless operator की training थी, तो वो अपने काम में Fast और accurate होती थी।
Trainibg exercise गेस्टापो (Gestapo) यानी Naazi Germany की secret police की एक नकली पूछताछ थी, जिसका main motive एजेंटों को ये बताना था कि अगर उन्हें पकड़ लिया गया तो उनके साथ क्या हो सकता है, और उनकी कवर स्टोरी को बनाए रखने के लिए कुछ lessons दिए गए।
नूर के से पूछताछ करने वाले Officer ने उसकी interrogation को unbearable पाया और बताया कि Noor बहुत डरी हुई लग रही थी, इतनी डरी हुई थी कि उसकी आवाज़ भी नही निकल रही थी।
और उसकी Final report में कहा गया कि Noor hard working है। लेकिन उसकी personality unstable और मनमौजी type की है, जो की इस field में काम करने के लिए suited नही है।
नूर के superiors ने secret war के लिए उसकी suitability पर Mixed opinions रखे, और ये जानने के लिए की उन्हे trainiing की जरूरत है या नही, उनकी training भी incomplete रह गई थी।
एक instructor ने लिखा कि Noor ने Accept किया है कि वो दो personalities नही बना सकती। जो की Spy के काम में जरूरी होता है। वही दुसरे instructor ने कहा कि Noor एक Feminine character है, जो दुसरो को खुश करने के लिए बहुत excited रहती है, कंपनी के Mood के हिसाब से adapt करने के लिए तैयार है।
और दूसरों ने बाद में comment किया कि Noor physically इस job के लिए unsuited है, क्योकी वो आसानी से भीड में गायब नही हो सकती।
इसके अलावा, Vera Atkins (वेरा एटकिन्स), एक Inyelligence officer ने जोर देकर कहा कि नूर की commitment बहुत ही strong थी। और जो कुछ active करने के लिए तरस रही थी। कुछ ऐसा जो और sacrifices की मांग करेगा। इसलिए वेरा ने नूर को एक natural choice के रूप में देखा, और हालांकि उसकी field security और encoding की final training में कटौती करनी पड़ी, vera ने Noor को जाने के लिए तैयार माना।
नूर का मिशन खतरनाक होगा। क्योकी वो एक wireless operator के रूप में जा रही थी।
और ऑपरेटर का काम field और लंदन में circuit के बीच एक लिंक बनाए रखना था, जो Sabotage operations और कहाँ उनके fighters को हथियारों की जरूरत थी, ऐसे messages को send और receive करता था।
इस तरह के communication के बिना किसी भी strategy का coordinate करना impossible था।
और 1943 में, एक operator की life expectancy सिर्फ छह weeks होती थी।
Noor एक country house में रह रही थी, एक ऐसी जगह जहां एजेंटों के पास अपनी नई identity के साथ तालमेल बिठाने और जाने से पहले अपने मिशन के बारे में सोचने का अंतिम मौका मिलता था। लेकिन वहां पर Noor की हालत देखकर, एक female companion जो training में एजेंटों पर नज़र रखती थी, उसने vera को inform किया कि नूर के upset और nervous mood से लग रहा था कि वो mission पर जाने की वजह से परेशान थी।
और Noor के साथ रहने वाली दो agents ने भी यही कहा कि Noor mission पर जाने के लिए तैयार नही थी।
Vera ने noor से बात करने के लिए उसे वापस लंदन बुलाने का फैसला किया। विलायत, noor का भाई, को याद आया कि उसने भी noor को mission पर जाने से रोकने की कोशिश की थी।
नूर और Vera एक रेस्तरां में मिले थे। Vera ये बात confirm करना चाहती थी, कि नूर को succeed होने की खुद की capability पर विश्वास था या नही।
किसी भी एजेंट के लिए self confidence सबसे important चीज थी। हालाँकि बेचारी नूर की एन्कोडिंग से vera का मानना था कि जो एजेंट अच्छा करते थे, वो एेसे Agents थे, जो जानते थे कि वो ये काम कर सकते थे।
इसलिए उसका इरादा नूर को यह महसूस कराने का था कि अगर वो चाहे तो उसे पीछे हटने का मौका मिल सकता है। Vera ने पूछा कि क्या वो जो कर रही थी उसमें खुश थी? नूर ने चौंकते हुए vera की तरफ देखा और कहा: “हाँ, बिल्कुल।”
Vera ने तब उसे letters और उसकी training reports के बारे में उसे बताया। और नूर परेशान थी कि कोई सोचेगा कि वह अनफिट है।
Vera ने कहा कि,” अगर तुम्हे mission के लिए कोई कोई भी doubt है, तो पीछे मुड़ने में देर नहीं हुई है। अगर तुम्हे लगता है ये काम तुम्हारे लिए नही बना है या कोई और reason की वजह से तुम ये काम नगी करना चाहती तो freely तुम पिछे हट सकती हो। क्योकी इस वक्त सबसे बडा crime यही होगा कि तुम वहा ना जाना चाहो और हम जबरदस्ती तुम्हे इस dangerous mission पर भेजे।”
लेकिन नूर जिद पर अड़ी रही कि वो जाना चाहती है और काम के लिए capable भी है।
वेकिन फिर Noor ने hesitation के साथ कहा कि उसकी सिर्फ एक चिंता उसका परिवार था, और वेरा को तुरंत होश आया कि ये जो कुछ भी Noor के case में हो रहा था, उसकी problem कहाँ थी। Noor ने बताया कि उसे अपनी विधवा मां को अलविदा कहना अब तक का सबसे दर्दनाक काम लगा।
जैसा कि वेरा ने उसे सलाह दी थी, उसने अपनी माँ को केवल आधा सच बताया था और कहा था कि वो विदेश जा रही थी।
Vera ने पूछा कि क्या वो उसकी मदद के लिए क्या कर सकती है। तो नूर ने कहा कि, अगर वो लापता हो जाए, तो वो चाहेगी कि जहां तक हो सके उसकी मां को चिंता करने से बचाया जाए। जैसा कि नूर को पता था, Normal process ये था कि जब कोई एजेंट field में जाता था, तो वेरा परिवार को समय-समय परgood news letters भेजती थी, जिससे उन्हें पता चल जाता था कि उनका Family member ठीक है। और अगर एजेंट गायब हो गय, तो परिवार को ऐसा बताया जाएगा।
नूर जो सुझाव दे रही थी वो ये था कि उसकी माँ को बुरी खबर तभी दी जानी चाहिए, जब उसे कोई doubt ना हो कि Noor मर चुकी है। Vera ने कहा कि अगर Noor एेसा चाहती है तो वो ऐसे ही करने को तैयार है। और vera से ये Assurance मिलने के बाद और ज्यादा confident लग रही थी। जो अपने mission को करने के लिए बिल्कुल तैयार और Excited थी।
Noor Inayat की Musician और Writer से Spy बनने की journey हमे pathaan फिल्म में किसी spy की background story के रूप में देखने को मिल सकती है।