Mr. India-2

Thumbnail title- एक Invention और परु
ी ship गायब
Mr. India-2 by Ritik Tiwari
दनि
ु याभर मेंनई खोज और एक्सपेरिमेंट के दौरान कई रहस्यमयी घटनाएंघट चक


हैं, जिसमेंसेएक है ”फिलाडल्फिे या एक्सपेरिमेंट”। Scientists & Historians का
दावा हैकि द्वितीय विश्व यद्ु
ध के दौरान अमेरिकी वज्ञै ानिकों और अमेरिकी सेना
द्वारा येएक्सपेरिमेंट किया गया था, लेकिन आज भी येएक अनसलझी ु पहेली है।
इस एक्सपेरिमेंट मेंअमेरिकी वज्ञै ानिकों और अमेरिकी सेना ने 1200 टन वजनी
यएसस ू
एल्ड्रिज यद्ुधपोत को अदृश्य करनेकी कोशिश की थी। कहा जाता हैकि


छ पल के बाद येजहाज गायब भी हो गया था, लेकिन फिर जो ह

आ उसेदेख सेना
भी कांप उठी थी। क्या ह

आ था उस दिन…
दनि

या मेंकभी-कभी ऐसी घटनाएंघट जाती हैं, जिनपर विश्वास करना ही मश्कि


हो जाता है। एक ऐसी ही घटना अमेरिका मेंआज से 80 साल पहलेघटी थी, जिसका
रहस्य आज तक नहींसलझु
पाया है। इस घटना को ‘फिलाडल्फिे या एक्सपेरिमेंट’ के
नाम सेजाना जाता है। यह एक ऐसा प्रयोग था, जिसमेंअमेरिकी सेना नेएक बड़े
समद्रु
ी जहाज (यद्ुधपोत) को ही गायब कर दिया था, लेकिन उसके बाद जो ह

आ था,
वो बेहद ही आश्चर्यजनक र्य और हैरान करनेवाला था।
कहानी की शरु
ुआत महान वज्ञै ानिक निकोला टेस्ला सेहोती है।निकोला टेस्ला का
जन्म 10 जलाई ु
1856 को क्रोएशिया मेंह

आ था । निकोला टेस्ला नेही
Alternative current ( A.C. ) विद्यतु
ऊर्जाकी खोज की थी जिसकी वजह से
उनको प्रसिद्धि मिली । निकोला टेस्ला अपनेसमय के ब्रिलियंट और रहस्यमयी
वज्ञै ानिक,आविष्कारक, , यांत्रिक अभियन्ता, विद्यतु
अभियन्ता और भविष्यवादी
थे। 1895 मेंउन्होंनेयह पाया कि टाइम और स्पेस उच्च चंबक

ीय क्षेत्र द्वारा
प्रभावित हो सकतेहैं।
उनका मानना था कि उच्च वोल्टेज विद्यतु और पथ्

वी के चंबक

ीय क्षेत्र को मिला
देनेपर एक ऐसा आयाम बन जायेगा जिसमेंप्रवेश करके हम टाइम ट्रेवल कर सकते
हैं।जसै ेडोरेमोन और नोबिता एक दरवाजेसेघसकर ु दसर ू
ेसमय मेंपह

ँच जाते
हैं।साधारण भाषा मेंओ वस्तु
या वो इंसान अपनी जगह सेया अपनेpresent टाइम
सेगायब हो जाएगा ।
वो द्वितीय विश्व यद्ु
ध का समय था। द्वितीय विश्व यद्ु
ध 1939 सेलेकर 1945
तक चला इस यद्ु
ध में 70 देशों की जल-थल-वाय
ुसेना सम्मिलित थी, इसमेंविश्व
दो भागों मेंबटा ह

आ था मित्र राष्ट्र और धरु
ी राष्ट्र | एक ओर थेधरु
ी राष्ट्र-जिसमें
जर्मनी र्म , इटली, जापान, ऑस्ट्रिया शामिल थे। तो वहीं दसर ू
ी ओर थेमित्र राष्ट्र
जिनमेंब्रिटेन, फ्रांस, सोवियत संघ, अमेरिका शामिल रहा।
इस दौरान कई देश अपनी समद्रु
ी जहाजों को दश्

मन देशों के लड़ाक

विमानों से
छिपाए जानेके तरीके खोज रहेथे। इसी बीच 28 अक्तबर ू
1943 को अमेरिकी
वज्ञै ानिकों और अमेरिकी सेना द्वारा एक प्रयोग किया गया और वो प्रयोग था 1200
टन वजनी यएसएस ू
एल्ड्रिज नामक समद्रु
ी जहाज को गायब कर देनेका, ताकि
दश्

मन देश को चकमा दिया जा सके। फिलाडल्फिे या डाकयार्ड पर यएसएस ू
एल्ड्रिज
नामक लड़ाक

यद्ुधपोत था ।इस जहाज को नाजी सेना नष्ट करना चाहती थी।
नाजी सेना को चकमा देनेके लिए निकोला टेस्ला की सहायता ली गई।
माना जाता हैकि जहाज को गायब करनेके लिए उसमेंकई जनरेटर लगाए गए थे,
जिससेपदा ै होनेवाली बिजली सेमग्ैनेटिक फील्ड (चंबक

ीय क्षेत्र) मेंरहस्यमय
बदलाव करना था। जहाज के चारों तरफ कई हजार वोल्ट के इलेक्ट्रोमग्ैनेटिक
काइल बिछायेगये। इन तारों मेंबिजली प्रवाहित की जानेलगी।
इस बदलाव सेऐसा होता कि जहाज रडार सेतो गायब हो ही जाता, साथ ही साथ वह
वास्तविक तौर पर भी किसी को नहींदिखता।
जसै ेही प्रवाहित बिजली की मात्रा 30 लाख वोल्ट के ऊपर ह
ुई एक हरेरंग की रोशनी
जहाज के ऊपर प्रवाहित होती है | इसेरोशनी के निकलनेके बाद जहाज पहलेरडार
सेगायब हो गया और उसके बाद परा ू
का परा ू जहाज ही अदृश्य हो गया। प्रयोग
सफल होता देख अमेरिकी वज्ञै ानिकों और अमेरिकी सेना खश
ु हो गई, लेकिन उनकी
येखशी

ज्यादा देर तक नहींटिक सकी।
जहाज के गायब होनेके क

छ देर बाद उसेवापस लानेकी कोशिश की गई, लेकिन
जहाज वापस नहींआया। साइंटिस्ट्स और आर्मी ऑफिशियल्स चिता ं मेंपड़ गए कि
आखिर जहाज कहांगायब हो गया। इसी बीच नेवी की ओर सेखबर मिलती हैकि
यएसस ू
एल्ड्रिज जहाज टेस्ट की जगह से 300 किमी दरू नजर आया है।
300 किमी दरू
मिलेजहाज को देखकर साइंटिस्ट दंग रह जातेहैं। माना जाता हैकि
जहाज नेटेलीपोर्टेशन या टाइम ट्रैवल किया होगा। उसमेंमौजदू रहेसनिै कों की
भयानक हालत भी इस बात का गवाह थी। क

छ सनिै क जहाज पर मतृ
मिलतेहैं, तो


छ जहाज के अदरं धंसेह

ए। जो जिंदा बच जातेहैंवो पागल हो चक

े होतेहैं।
साइंटिस्ट्स को येसमझनेमेंदेर नहींलगती कि येटेलीपोर्टेशन था।
दरअसल, जब जहाज गायब ह

आ तब वो समय के भंवर मेंफंस गया। इस दौरान
जहाज और उसपर मौजदू हर चीज डीमट्रेरियल हो गई। यानी कोई भी चीज उसके
आरपार जा सकती थी। लेकिन इसी बीच जहाज को वापस बलाया

गया, जिससे
सभी चीजेंवापस ठोस हो गईं और उसमेंमौजदू सनिै क जहाज मेंधंस गए।


छ वज्ञै ानिक मानतेहैंकि जहाज नेसमय यात्रा की थी, लेकिन समय के भंवर में
फंसनेकी वजह सेउसमेंमौजदू
लोगों की हालत खराब हो गई। कहतेहैंकि यह
रहस्यमय कहानी कई सालों तक दनि

या सेछु
पी रही, लेकिन साल 1955 मेंइसका
राज पहली बार तब खला
ु , जब एक वज्ञै ानिक के पास कई अनजान पत्र आए, जिसमें
‘फिलाडल्फिे या एक्सपेरिमेंट’ की बात बताई गई थी। यह कहानी जब परू
ी दनि

या के
पास पह

ंची तो सभी हैरान थेकि आखिर ऐसा कैसेहो सकता है।
हालांकि इस रहस्यमय घटना को लेकर किसी के पास कोई पख्
ु ता प्रमाण नहीं है,
जिससेयह साबित हो सके कि ऐसा कोई प्रयोग कभी ह

आ था। यहांतक कि
अमेरिकी सेना भी ऐसेकिसी प्रयोग सेसाफ इनकार कर चक

ी है।
ऐसेही क

छ स्टोरी Mr. India-2 मेंआ सकती हैआप फिल्म के लिए कितने
एक्साइटेड हैंहमेंकमेंट बॉक्स मेंजरूर बताएं हम फिर मिलेंगेऐसी ही एक और नई
Movie की कहानी के साथ तब तक के लिए नमस्कार ।
Ritik Tiwari

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