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चोर नहीं talent की खदान है

आज की कहानी जापान की है और एक ऐसे शख्स की है जिसमें इतनी अलग-अलग क्षमताएं थीं कि उसे जादूगर भी कहा जाता था और इन खूबियों का इस्तेमाल कर वह कई बार जेल की कड़ी सुरक्षा को चकमा देकर गायब हो गया. इस दुनिया में जेलब्रेक की न जाने कितनी कहानियां हैं, लेकिन आज की कहानी उन चुनिंदा कहानियों में से एक है, जो आपको हैरान कर देंगी और वह क्यों वह आपको आगे कहानी में ही पता चलेगा।

कहानी शुरू होती है साल 1936 से। साल 1936 में जापान पुलिस Aomori शहर से 29 साल के शख्स को लूटपाट और एक आदमी का कत्ल करने के आरोप में गिरफ्तार करती है। वह आदमी लूटपाट का गुनाह कबूल कर लेता है मगर वह कहता है कि मर्डर उससे नहीं किया। पर पुलिस उसे काफी ज्यादा टॉर्चर करती है और जबरदस्ती यह कबूल करवा लेती है कि कत्ल उसी ने किया है, इसके बाद जापान पुलिस उसे अदालत में पेश करती है और अदालत उसे Aomori जेल भेज देती है। हालांकि उसका मुकदमा अभी भी कोर्ट में चल ही रहा था, जिस आदमी को पुलिस ने गिरफ्तार किया उसका नाम था Yoshie shiratori। shiratori का जन्म 1 जुलाई 1907 को जापान के ही Aomori शहर में हुआ था। बचपन मे उसके पिता की मौत हो गई थी इसलिए बहुत ही जल्द उसके ऊपर जिम्मेदारियों का बोझ आ गया और उसने 12-13 साल की उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया था। पहले तो उसने एक टोफू की दुकान पर काम किया मगर बाद में वो रूस के लिए मछुआरों के साथ केकणों को पकड़ने का काम करने लगा लेकिन इन सब कामों से उसकी जरूरतें पूरी नहीं हो रही थी और वह जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहता था और इसी चाहत ने उसे क्राइम की दुनिया में ढकेल दिया। अब उसने लोगों को लूटना और चोरी करना शुरू कर दिया था और अपनी जिंदगी मजे से काट रहा था। इसी दौरान shiratori एक लड़की से शादी करता है और फिर उसकी एक बेटी भी होती है। साल 1936 में लूटपाट के दौरान हुए कत्ल में जापान की पुलिस कातिल की तलाश में थी और इत्तेफाक से उन्हें shiratori मिल जाता है, और क्योंकि वह एक पेशेवर चोर और लुटेरा था इसलिए पुलिस उसे उठाकर आओमोरी जेल में डाल देती है, जबकि उसने वह कत्ल किया ही नहीं था, तो अब shiratori Aomori जेल में ही अपने दिन काट रहा था और उधर कोर्ट में सरकारी वकील shiratori के लिए सजा-ए-मौत की मांग कर रहे थे। इसी बीच, एक सुबह जब जेल के gard shiratori के cell के पास पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि shiratori अभी भी सो रहा है हर जेल के कुछ कायदे और कानून होते हैं जिन में कैदियों को टाइम पर सोना, टाइम पर उठना और हर चीज टाइम के हिसाब से ही करनी होती है। shiratori भी रोज उस rule को फॉलो करता था, मगर उस दिन वो नही उठा, तो जेल के गार्ड को कुछ शक हुआ। इसलिए वह गार्ड cel में गया और गुस्से में उसकी चादर खींच दी। मगर चादर खींचते ही उसके होश उड़ गए क्योंकि चादर के नीचे सिर्फ तकिया था और shiratori गायब था। दरअसल shiratori Aomori जेल पहुंचा तो वहां उसके साथ बहुत ही बुरा व्यवहार किया जाता था, उसे रोज मारा-पीटा जाता और भद्दी भद्दी गालियां भी दी जाती और ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ उसी के साथ होता था, बल्कि उस जेल में हर कैदी के साथ ऐसा ही होता था। दरअसल उस दौरान जापान में जितने भी jail थे उनमें से एक-दो को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी जेल की हालत कुछ ऐसी ही थी और सभी जेलों में कैदियों के साथ ऐसे ही पेश आया जाता था। ऊपर से अदालत में सरकारी वकीलों shiratori के लिए मौत की सजा की मांग कर रहे थे, जिसे कि उसने कभी किया ही नहीं था। इसलिए shiratori मौत की सजा और जेल में हो रहे टॉर्चर से बचने के लिए वहां से भागने का प्लान बनाता है। सबसे पहले तो वो शुरुआती कुछ महीनों तक जेल के जो gard होते हैं उनका पहला पहरा देने का जो तरीका है उस पैटर्न को नोटिस करता है, कि कब उनकी शिफ्ट चेंज होती है कितनी देर में वो एक जगह से दोबारा गुजरते हैं और पहरा दिन में कितनी बार दिया जाता है। कुछ महीनों की निगरानी के बाद, उसने यह नोटिस की गार्ड की दो पेट्रोलिंग के बीच 15 मिनट का गैप है, मतलब की एक गार्ड उसके cel के सामने से गुजरता है, तो जो अगला गार्ड वहां से गुजरेगा उन दोनों के बिच 15 मिनट का गैप है और यही pattern पूरे 24 घंटे चलता है। तो अब वो डिसाइड करता है कि उसे 15 मिनट के अंदर अपने सेल से निकल कर भागना होगा, मगर यहां दिक्कत ये थी कि उसे वहां से निकलने के लिए अपने सेल के दरवाजे के बाद भी, 6 और दरवाजे खोलने थे और तभी वो जेल से बाहर निकल सकता था और इन सभी 6 दरवाजों को खोलने के लिए उसके पास सिर्फ 15 मिनट का ही वक्त था। यहां आकर वह अपनी पहली काबिलियत का इस्तेमाल करता है और वह काबिलियत थी ताला खोलने की, दरअसल उसके अंदर एक ऐसा हुनर था कि अगर उसे लोहे का कोई भी छोटा सा तार या टुकड़ा मिल जाए तो वो min से पहले किसी भी ताले को खोल सकता था। एक दिन उसने क्या किया कि जो बाल्टी उसे नहाने के लिए दी जाती थी उसके ऊपर जो तार बंदा था वह उस तार को किसी तरह चुरा लेता है, उसके बाद एक रात उसने भागने की पूरी तैयारी कर ली और जब सुबह 5:30 बजे के आसपास एक गार्ड उसके सेल के आगे से पहरा देखन निकला तो उसने सबसे पहले तो अपने बिस्तर के नीचे तकिया वगैरह रखकर इस तरह से एक shape बनाया, जिससे लगे कि वो वही सो रहा है और फिर अगले 15 मिनट के अंदर उसने ना शरीफ छह दरवाजों का ताला खुला, बल्कि उन सभी दरवाजों को बंद भी किया था कि किसी को सुबह तक कोई शक ना हो और जेल से फरार हो गया। 15 मिनट बाद लगभग 5:45 पर जब गार्ड दुबारा उसके सेल के सामने से गुजरे, तो उन्होंने देखा कि shiratori अभी भी सो रहा है जबकि चादर के नीचे, सिर्फ उसका तकिया था। अगली सुबह जेल में और जेल के बाहर हर जगह उसे ढूंढा जाता है पर वह कहीं नहीं मिला क्योंकि तब तक वो जेल से काफी दूर निकल गया था, यह उसकी जिंदगी का पहला जेलब्रेक था। मगर shiratori की ये आजादी सिर्फ 3 दिन ही रही हुआ यह कि जेल से भागने के बाद shiratori आओमोरी में ही छुपते छुपाते अपना वक्त काट रहा है क्योंकि पुलिस उसे चारों तरफ ढूंढ रही थी, उसके पास ना तो पैसे थे और ना ही कुछ खाने को। इसलिए वह एक हॉस्पिटल में घुसता है और वहां कुछ सामान चुराने लगता है, मगर हॉस्पिटल के स्टाफ उसे पकड़ लेते हैं और फिर जापान पुलिस के हवाले कर देते हैं पुलिस पहले से ही उसकी तलाश में थी और वह जैसे ही उन्हें मिला उन्होंने उसे दोबारा आओमोरी जेल में डाल दिया। इसके बाद, shiratori के ऊपर लूटपाट के साथ-साथ जेलब्रेकर के charges भी लग गए और अदालत ने shiratori को कत्ल, लूटपाट और जेल से भागने के इल्जाम में उम्र कैद की सजा सुनाई। shiratori आपने कई साल Aomori जेल में ही बीतता है, इसी बीच ईयर 1939 में second World war भी शुरू हो जाता है जिसमें की पूरी दुनिया दो हिस्सों में बट जाती है। जापान जो है वह भी इसका हिस्सा था और वह मित्र राष्ट्र यानी ब्रिटेन, अमेरिका, सोवियत संघ और फ्रांस जैसे देशों के खिलाफ लड़ रहा था। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, साल 1942 में सिक्योरिटी रीजन की वजह से, ही shiratori को आओमोरी जेल से निकालकर अकिता जेल में डाला गया। क्योंकि उस वक्त अकिता जेल आओमोरी जेल से ज्यादा सुरक्षित था, इसके अलावा अकीता जेल के गार्ड को पता चला कि shiratori एक बार पहले भी जेल तोड़कर भाग चुका है। तो उन्होंने उसके लिए जेल में एक स्पेशल सेल बनवाया जिसका साइज इतना छोटा था कि उसमें सिर्फ एक आदमी ही सो सकता था| उस सेल की जो दिवारी थी उसे कॉपर यानी तांबे से बनाया गया था और वह बहुत ही चिकनी थी उस cel की जो छत्त थी वह भी दूसरे Cel के मुकाबले दोगुनी ऊंची थी| जो सेल का दरवाजा था वह भी जाली वाला नहीं बल्कि पूरा सॉलिड था और पूरे cel में सिर्फ एक ही खिड़की थी जो कि उस सेल की सीलिंग पर थी ताकि cel में हवा और रोशनी आ सके, तो जब shiratori अकिता जेल पहुंचा तो एक तो उसे स्पेशल सेल में रखा गया जो कि खास उसी के लिए बनाया गया था। दूसरा, उसके जेलब्रेक रिकॉर्ड को देखते हुए अंकिता जेल के गांड उससे बहुत ज्यादा खुन्नस में थे, इसलिए वह shiratori के साथ आओमोरी जेल से भी ज्यादा बुरा बर्ताव करते, रोज उसे मारा-पीटा जाता और दूसरे कैदियों के मुकाबले उसे जरूरत से ज्यादा काम कराया जाता, इसके अलावा shiratori को 24 घंटे हथकड़ी पहना के रखा जाता। ठंड के दौरान भी उसे फर्श पर सोने के लिए मजबूर किया जाता और ना ही उसे ठंड के कभी कपड़े दिए जाते। सिर्फ उस जेल का जो हैडगार्ड था जिसका नाम कोबायाशी था, वह बहुत रहम दिल था इसलिए वह कभी भी shiratori के साथ बुरा बर्ताव नहीं करता था और कई बार तो जब gard shiratori की पिटाई करते थे तो उन्हें भी रोकता था। इसके बाद लगभग अगले महीने बीत जाते हैं मगर वहां के gard shiratori को टॉर्चर करना नहीं छोड़ते, तभी तारीख आती है 15 जून 1942, 15 जून 1942 की आधी रात पहरे के दौरान, जब एक गार्ड दरवाजे की खिड़की से shiratori के सेल में झांकता है, तो उसकी आंखें फटी की फटी रह जाती है। क्योंकि shiratori अपने सेल से गायब था। भोला फिल्म की स्टोरी इससे इंस्पायरर हो सकती है

Divanshu

 

 

 

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