Khalnayak
भारत की सबसे ज्यादा सुरक्षित और hightech जेल, तिहाड़ जेल। पर वो कहते है न चाहे जितनी भी सुरक्षित जेल क्यों ना हो CCTV camera क्यों ना लगा दिए जाए , दिन रात निगरानी में ही किसी क्यों न रहे।
कोई ना कोई कैदी फरार होने की कोशिश जरूर करता है ,और यह बात अलग है कि कोई सफल हो जाता है और कोई नहीं हो पाता है । तिहाड़ जैसी hightech जेल से फरार होना नामुमकिन सा ही है ,लेकिन आज तक कुछ कैदी है जो इस जेल से भागने में सफल हुए हैं । इसके लिए हमें थोड़ा तिहाड़ जेल के बारे में जानना होगा।
1958 से पहले इस area में दिल्ली गेट था, उसको
1958 में तिहाड़ गांव की जमीन पर transfer कर दिया गया था। इसी जेल को तिहाड़ जेल कहा जाता है । तिहाड़ जेल को Asia की सबसे बड़ी जेल कहा जाता है। तिहाड़ जेल को तिहाड़ आश्रम भी कहा जाता है क्युकी यह भारत की सबसे बड़ी जेल है। इसमें सबसे ज्यादा सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है । यह दूसरे जेलो से थोड़ा अलग है क्योंकि कहा जाता है की ये एक जेल की जगह सुधारक संस्था ज्यादा है। क्योंकि यह शिक्षक माध्यम से कैदियों को सुधारने का प्रयास करती है । इसके साथ ही साथ यहां के कैदियों को तरह-तरह के काम भी सिखाए जाते हैं ताकि वह देश का एक जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
आज तिहाड़ में 5242 की क्षमता होने के बावजूद इसमें 10000 के ऊपर कैदी बंद है । देश के सबसे charles shobjraj , जिनको हम bikin killer के नाम से भी जानते हैं । Charles का जन्म vietnam में हुआ था । उसके पिता मूल रूप से भारतीय थे और माता vietnami थी। उसने जवानी के समय से ही अपराध की दुनिया में कदम रखा। Thailand में जुर्म की दुनिया में आगे बढ़ जाने के बाद पकड़े जाने के डर से उसने भारत में कदम रखा।
उसने भारत में भी बहुत से अपराधो को अंजाम दिया। उसको Bikini Killer इसीलिए कहा जाता है क्योंकि उसकी शिकार बनी कई महिलाओं की Dead Body Bikini में मिली थी। और जिन लोगों की हत्या का आरोप उसपर लगा था, उसमें ज्यादा से ज्यादा विदेशी पर्यटक औरतें ही थी।
इसके अलावा CHARLES SHOBHRAJ को नशीली दवाई बेचने और पर्यटकों का कीमती सामान
को चोरी करने के अपराधों के लिए भी पकड़ा गया था।charles shobjraj तिहाड़ जेल से भागने की कहानी बहुत रोचक है। थाईलैंड के कानून के मुताबिक अगर कोई कैदी को f.i.r. होने से 20 साल के अंदर तक कोर्ट में पेश नहीं किया गया तो उसके ऊपर लगे सभी आरोप माफ कर दिए जाएंगे और भारत के rule के मुताबक किसी भी कैदी की सजा पूरी होने से पहले उसे जेल से रिहा नहीं किया जा सकता। 1986 में जब चार्ल्स शोभराज को तिहाड़ जेल में छोड़ा गया तब तक उसने सिंगापुर के उसने थाईलैंड के rules के मुताबिक 18 साल पूरे कर लिए थे। उसमें सिर्फ दो ही साल बचे थे ।charles shobjraj इस बात को जानता था और यह भी जानता था कि अगर अभी उसको जेल से रिहा कर दिया गया तो भारत सरकार उसे थाईलैंड पुलिस के सामने पेश करेगी जहां उसे निश्चित रूप से मौत की सजा दी जाएगी। और उसने यह सोचा कि वह एक और गुनाह करले ताकि उसकी यहां से सजा भड़ जाए और उसे तिहाड़ में रहते समय charles ने अपने में काफी बदलाव के जिससे लोगों को लगा कि उस में काफी बदलाव आ चुका है और अब वह बहुत सुधर चुका है। उसके बाद लोग उसे सांत्वना देने लगे एक दिन charles ने कहा कि मैं अपना जन्मदिन मनाना चाहता हूं और उसके जन्मदिन के मौके पर उसने मिठाईयां मंगवाई और उसमें एक नशीला पदार्थ मिलाकर सबको खिला दिया ।जब लोग उस मिठाई को खाकर दूर हो गए तो charles आराम से जेल से फरार हो गया ।हालांकि कुछ लोग वहां मुस्तैदी से खड़े होते इसीलिए charles को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि यह भी उसके प्लान का ही एक हिस्सा था। भागने के जुर्म में चार्ल्स शोभराज की सजा बढ़ा दी गई और इस तरह से उसने अपने आप को थाईलैंड जाने से बचा लिया थाईलैंड में उसके ऊपर लगाए गए सारे चार्ज हटा दिए गए ।
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