Khalnayak
आज की कहानी है कैसे डकैत की जिसके गैंग में एक या दो नहीं बल्कि 15 से 20 जवान और खूबसूरत लड़कियां रहती थी। आज की कहानी एक ऐसे डकैत की जिस के गैंग में 100 से ज्यादा लोग शामिल थे। जिसके सर की कीमत पुलिस ने ₹500000 लगा रखी थी। जो निर्भय गुर्जर का सबसे करीबी था। और जिसकी दुश्मनी सीधे चंबल के सबसे बड़े डकैत जगजीवन परिहार से थी।
चंबल के बीहड़ों में एक से बढ़कर एक खूखर डाकू पैदा हुए । सबकी अपनी अपनी कहानियों हैं। इस चम्बल की धरती पे हजारों पैरों की आमद हुई। पुलिस के आगे , तो कभी पुलिस के पीछे। कभी बंदूकों के साथ दौड़ते हुए सभी बंदूकों के लिए दौड़ते हुए। डाकू और पुलिस की चूहे बिल्ली की दौड़ में डाकुओं की चंबल के पैरों की आहट आज भी होगी । लेकिन आज भी अगर चंबल की धरती किसी को याद करती है तो एक वो है सलीम गुर्जर । मूल रूप से जालौन जिला के गांव का रहने वाला है सलीम अपनेसभी बहिस्यो मैं सब छोटा था । बाकी पांच भाई सब लंबे चौड़े थे और एक नामी पहलवान के बेटे थे। सिर्फ एक भाई ने शादी की थी और उसका भी एक बेटा था। उन दिनों चंबल में निर्भय गुर्जर सलीम के साथ लगातार उठना बैठना होता रहता था। निर्भय गुर्जर ,सलीम के घर भी आता जाता था इस वजह से गांव में सलीम की दबंगई चलती थी । यह बात गांव के दबंग चौहान परिवार को बिल्कुल भी पसंद नहीं थी इसी दौरान जिले में पंचायत के चुनाव चल रहे थे चौहान परिवार पंचायत चुनाव में खड़ा हुआ और चुनाव में बुरी तरह हार गया। हार के बाद चौहान परिवार ने सलीम के परिवार के साथ गाली-गलौज की और कहा कि त तुमने अगर वोट दिया होता तो मैं चुनाव जीत जाता ।
धीरे-धीरे यह लड़ाई झगडे में बदल गई । जब निर्भय गुर्जर को इस बात का पता चला तो वह गांव आया और रातों-रात चौहान परिवार और पूरे गांव को धमकी दी किसी ने भी सलीम की तरफ आंख उठाकर देखा तो उसे हम बर्बाद कर देंगे । अगले दिन डर के मारे अर्जुन चौहान का पूरा परिवार गांव से भागकर चला गया । उसके कुछ दिन बाद गुर्जर के भतीजे की हत्या हो गई । आरोप लगा चौहान परिवार पर। बस यहीं से शुरू होती है सलीम गुर्जर के पाप मे पड़ने की कहानी। उसने एक भी दिन की देरी नहीं की और चंबल के बीहड़ों में बंदूक लेकर कूद गया । उसने शुरुआत में निर्भय चौहान की, फिर कुछ दिनों बाद ही चौहान परिवार के तीन नाबालिग लड़कों की गोली मारकर हत्या कर दी और अपने भतीजे की हत्या का बदला ले लिया । इसके बाद तो उसके सिर पर घमंड सिर चढ़कर बोलने लगा था। सभी उसके नाम से कांपने लगे थे।
फिर कुछ दिनों बाद गुर्जर परिवार और चौहान आमने सामने आ गए। सभी गैंग एक-दूसरे के खून के प्यासे थे । चंबल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि दो गैंग्स एक दूसरे को खत्म करना चाहती हो। आए दिन इनके बीच गैंगवार भी होने लगी और पुलिस की चौकसी भी बढ़ रही थी। अर्जुन चौहान ने गुर्जर को खत्म करने का मोर्चा खोल दिया।
और जिस दिन ये दोनो गैंग्स आमने सामने आए उस दिन शायद chambal की रेत भी लाल हो गई। us din Chambal ने हजारों की तादात मैं लाशे देखी। दोनो ही गैंग्स के लीडर्स मारे गए। और बचे कुछ members को घात लगाए बैठी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। ये गैंग members ने जहा हवालात की सजा काटी। वही इनकी कैद में रही लड़कियों को महिला केंद्रों मैं भेजा गया। क्युकी पुलिस को पूछताछ मैं पता चला की ये सब लड़कियां जबरदस्ती उठाई गई थी और परिवार वालो के न अपनाने के बाद यही जीवन काट रही थी।
ऐसी ही डाकू की कहानी हो सकती है khalnayak 2। To kya aap iske liye excited hai?
Ab jaate jaate aapko aapki fayda ki baat btaana chahti hu , toh agar aap bhi cinema ki duniya se judna chahte hai aur kaam karna chahte hai toh description box mei diye gye job link par click kare aur iss opportunity ka zarur fayda uthaye.
Apoorva