Wanted 2

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Thumbnail: मुश्किल में police

आज की कहानी मैच फिक्सिंग से जुड़ी है। साल 1992 में मुंबई पुलिस को मैच फिक्सिंग के बारे में पता चला, जिसके बाद पुलिस ने डी कंपनी के एक बुकी को गिरफ्तार किया और उसने बताया कि मैच फिक्सिंग में भारत के 3 बड़े खिलाड़ी शामिल हैं. यानी भारतीय क्रिकेट टीम के तीन खिलाड़ी ISI के लिए पैसा कमाने का काम कर रहे थे, जो पैसा उन्हीं भारतीयों का खून बहाने में लगना था जिन्होंने क्रिकेट के इस खेल को अपना धर्म और इन क्रिकेटरों को अपना भगवान मान लिया था. आगे हुई पूछताछ में पता चलता है कि सताया के लिए क्रिकेट मैच फिक्स करने वाला ये आदमी घोड़ों की रेस भी फिक्स किया करता था और इसका वाकई में सुपारी धंधे से कुछ लेना-देना नहीं था, लेकिन डीसीबी मारिया जानते थे कि सताया का ये आदमी इंटेलिजेंस के दृष्टिकोण से काफी ज्यादा उपयोगी साबित हो सकता है। इसीलिए वह उसे अपना खबरी बनाने का निर्णय करते हैं जिसका मतलब यह था कि अब इस fixer को एक्सपोज नहीं किया जा सकता था। उसके गैंग को यह कभी पता नहीं चल सकता था कि उसने क्राइम ब्रांच से बात की है, मतलब उस को जीवित रखने की जिम्मेदारी खुद डी सी पी मरिया के कंधों पर थी, डीसीपी मरिया कि ये स्ट्रेटजी जल्द ही रंग लाती है और इस fixer से मिली जानकारी के आधार पर उनकी टीम अंडरवर्ल्ड के खिलाफ कई सफल ऑपरेशन को अंजाम देती है, ऑपरेशन जिसमें मुंबई के कई बड़े माफिया का सफाया किया जाता है। क्राइम ब्रांच में 2 साल 7 महीने बिताने के बाद 12 जुलाई 1996 के दिन राकेश मारिया को DGP महाराष्ट्र के ऑफिस में AIG की पोस्ट पर ट्रांसफर कर दिया जाता है। मैच फिक्सिंग के बारे में पता चलने के बाद से ही मारिया का मन पूरी तरह क्रिकेट से उठ चुका था, अब ना ही उनका मैच देखने का मन करता था, और ना ही इंडिया के लिए जीत की कामना करने का, एक ips ऑफिसर होने की वजह से, उनके लिए पवेलियन एंड टिकट अरेंज करना कोई बड़ी बात नहीं हुआ करती थी। लेकिन अब उनके अंदर लाइव मैच देखने की कोई इच्छा नहीं रह गई थी और इसीलिए जब उन्हे पता चलता है टाइटन कप का फाइनल मुंबई में होने वाला है तो उन्हें रत्ती भर फर्क नहीं पड़ता। टाइटन कप एक त्रिकोणीय ODI टूर्नामेंट था जिसे 17 अक्टूबर से 6 नवंबर 1996 के बीच भारत में खेला जाना था। इस कप में साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और भारत हिस्सा ले रहे थे और साउथ अफ्रीका को इस कप का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। साउथ अफ्रीका ने अभी कुछ दिन पहले हुआ पेप्सी शारजाह कप जीता हुआ था और 96 के वर्ल्ड कप में भी उन्होंने छह में से पांच मैच जीते थे। cricket पंडित के अनुसार, टाइटल कप का runners up ऑस्ट्रेलिया होने वाला था और जहां तक भारत की बात थी, तो भारतीय टीम ने 1996 में अभी तक एक भी odi सीरीज अपने नाम नहीं जीती थी, अपनी टीम की फॉर्म को देखते हुए भारतीय फैंस को अपने खिलाड़ियों से कोई खास आशा नहीं थी। टूर्नामेंट शुरू हो जाता है और सब की अपेक्षा अनुसार साउथ अफ्रीका एक के बाद एक बहुत ही आसानी से अपने सारे राउंड मैच जितने लगता है। ये ट्राई सीरीज अपने अंतिम चरण की तरफ बढ़ रही थी की तब राकेश मारिया के पास उनके खबरी का फोन आता है और यह कोई ऐसा वैसा सड़क चलता टपोरी टाइप खबरी नहीं था, बल्कि डांस bar में काम करने वाली एक अत्यंत सुंदर लड़की थी। मेहरूनिसा नाम की इस high profile bar बाला ने 2 साल पहले हुए सुनीत खटाऊ मर्डर केस को crack करने में राकेश मारिया की काफी मदद की थी। कैसे हो साहब अखबार में आपकी फोटो देखी, बहुत थके हुए लग रहे हो, इतना काम क्यों करते हो, बोलो तो आपको एंटरटेन करने आ जाऊं, खुदा कसम आप को जन्नत की सैर करा दूंगी बहुत अच्छा फील करोगे साहब, इधर मेहरून्निसा ऐसी बातें करती और उधर राकेश मारिया का मुंह शर्म से लाल हो जाता था। मेहरून्निसा please तुम मेरी टेंशन मत लो, अगर मेरे लिए कुछ करना ही है, तो मुझे खबर दो खबर…. काम की खबर हुई तो मेरी सारी थकान अपने आप उतर जाएगी। जब भी मेहरून्निसा की कॉल आती राकेश मारिया उसकी बात छेड़ अपनी पत्नी प्रीति को जरूर चिड़ाया करते थे। जिस वजह से उनकी wife उन्हें हमेशा कहती थी, राकेश, अपनी gun ज्यादा संभाल के रखा करो, वरना पहली बार एक पुलिस ऑफिसर की पत्नी के हाथों किसी का एनकाउंटर हो जाएगा। मेहरून्निसा की बातें सुन प्रीति ये कहती और फिर अपने पति के साथ जोर जोर से हंसने लगती है।

अब टाइटन कप के फाइनल से कुछ दिन पहले एक बार फिर मेहरून्निसा राकेश मारिया को फोन किया था और थोड़ी देर तक अपने अंदाज में तंग करने के बाद वह मरिया से कहती है साहब ये जो टाइटन कप का फाइनल होने वाला है ना उसमें इंडिया के ऊपर bet लगा देना यह मैच इंडिया ही जीतने वाला है साहब। दरअसल, साउथ अफ्रीका का स्टार खिलाड़ी मेहरून्निसा पर पूरी तरह लट्टू हो चुका था। साउथ अफ्रीका का ये स्टार खिलाड़ी हफ्ते में कई रातें उसके साथ एक फाइव स्टार होटेल के कमरे में बता रहा था और टाइटन कप का फाइनल फिक्स होने की ये बात मेहरून्निसा ने खुद इस खिलाड़ी के मुंह से सुनी थीं।

6 नवंबर 1996 वानखेडे स्टेडियम मुंबई दोपहर के लगभग 2:30 बजे खचाखच भरे वानखेड़े स्टेडियम में टाइटन कप का फाइनल शुरू होता है। भारत टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने मैदान में उतरता है और 50 ओवर में 7 विकेट खोकर मात्र 220 रन ही बना पाता है। साउथ अफ्रीका की करंट फॉर्म को देखते हुए कमेंटेटर इस मैच का नतीजा पहले ही घोषित कर देते हैं, लेकिन एक कमजोर लक्ष्य का पीछा करने उतरी सितारों से सजी साउथ अफ्रीका की टीम की टीम तो ताश के पत्तों की तरह डेहने लगती है, 47.2 overs में 185 रन बनाने के बाद साउथ अफ्रीका के सारे खिलाड़ी पवेलियन वापस लौट चुके होते हैं। उधर अपने दोनों pass अपने सीनियर को दे चुके राकेश मारिया को जब इस नतीजे का पता चलता है, तो इस बार उन्हें जरा सा भी आश्चर्य नहीं होता क्योंकि नतीजा क्या होने वाला है यह तो वह पहले से ही जानते थे. लेकिन एक बात जो वह नहीं जानते थे वह यह कि मैच फिक्सिंग की ये सारी जानकारी आगे चलकर उनके लिए एक बहुत बड़ा सर दर्द बनने वाली है। भारतीय टीम को टाइटन कप जीते 4 साल हो चुके थे और यह वो टाइम था जब इंडिया की इकोनामी धीरे-धीरे चेंज हो रही थी। Indian middle class के पैसों पर अपनी नजर गड़ाई हर बड़ी कंपनी भारत में आ चुकी थी या फिर आना चाहती थी, मतलब यह कि भारत की इकोनॉमी और समाज दोनों ही तेज रफ्तार से बदल रहे थे, तेजी से आ रहे इस बदलाव के बीच क्रिकेटर्स दोनों हाथ से पैसा बटोर रहे थे। लेकिन बात जहां तक राकेश मारिया की थी तो उन्हें मुंबई का कमिश्नर ऑफ पुलिस रेलवेज बना दिया गया था। इसी दौरान, अनिरुद्ध बहल नाम के एक युवा पत्रकार बैटिंग और फिक्सिंग को समझने के लिए उनसे मिलने का आग्रह करता है। तहलका मैगजीन के लिए लिखने वाला अति महत्वकांक्षी पत्रकार कई बड़े लोगों से मारिया तक पहुंचने का प्रयास कर रहा था लेकिन वो मीटिंग के लिए तैयार नहीं हो रहे थे, तभी एक दिन उनके पास भारत के लिए खेल चुके दीगज बैट्समैन की कॉल आती है। इस रिटायर्ड खिलाड़ी का कद इतना बड़ा था कि मारिया चाह कर भी उसे मना नहीं कर पाए, इसीलिए उस अनिरुद्ध बहल नाम के पत्रकार से मिलने को तैयार हो जाते हैं। फरवरी 2000 की एक सुनहरी दोपहर, Anirudh बहल नाम का यह पत्रकार मारिया से मिलने बायकुला उनकी ऑफिस पहुंच जाता है। मारिया पहले से ही अपनी कुर्सी पर बैठे हुए थे और उनके सामने आने जाने वालों के लिए तीन कुर्सियां रखी हुई थी। अनिरुद्ध राइट हैंड साइड की सबसे कॉर्नर पर रखी चेयर पर बैठ जाता है और अपना ब्रीफकेस बीच वाली कुर्सी के ऊपर रख देता है, यह चीज मरिया को बहुत ज्यादा अटपटी लगती है, नॉर्मल ई लोग अपना bag या ब्रीफकेस अपना नीचे जमीन पर अपने पैर के पास रखते हैं और खासतौर पर जब वो एक पुलिस कमिश्नर के सामने बैठे हो, यही सोच रहे राकेश मरिया के मन में एक खटासी आ जाती है, लेकिन फिर भी उस वरिष्ठ क्रिकेटर का मान रखने के लिए वो इस बात को इग्नोर करते हैं और इस पत्रकार के साथ बातचीत करने में लग जाते हैं। लगभग 4 महीने बाद मई की एक शाम राकेश मारिया अपने ऑफिस में बैठे हुए थे कि उनके पास उनकी पत्नी प्रीति का फोन आता है, राकेश आपने क्रिकेट के ऊपर किसी टीवी चैनल को कोई इंटरव्यू दिया है क्या? क्या कैसा इंटरव्यू? अरे कौन सा इंटरव्यू? कहां आ रहा है? यह कहते हुए मारिया जैसे ही अपने ऑफिस का टीवी ऑन करते हैं, उनके चेहरे की हवाइयां उड़ जाती है। वह इस देश के पहले ऐसे पुलिस ऑफिसर बन चुके थे जिसके ऊपर एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया था। एक पुलिस ऑफिसर जिसका काम अपराधियों को स्टिंग करना था, खुद उसके साथ स्टिंग हो चुका था और वह भी एक नोसिके पत्रकार के हाथों।

अब इसके आगे की कहानी मैं आपको नेक्स्ट वीडियो में बताऊंगा। और सलमान भाई की upcoming movie wanted 2 की story भी ऐसी ही एक story पर based होने वाली है तो बने रहे हमारे साथ और इस video से जुड़े अपने views हमें ज़रूर दे।

Divanshu

 

 

 

 

 

 

 

 

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