Raman Tiwari, Gwalior का एक युवा क्रिकेटर हुआ करता था । किसी ज़माने में गलियों से cricket खेलते खेलते Ranji trophy तक cricket के दम पर पहुंचा था । पर किसे पता था कि यह cricketer एक दिन gangster बन जाएगा।
Raman Tiwari का जन्म gwalior शहर के एक छोटे घर में हुआ था. उसके पिता सरकारी दफ्तर में काम करते थे और मां घर चलाती थी. गलियों में cricket खेल खेलकर Raman ने अपने लिए एक बड़ा नाम बना लिया था. अब professional cricket की ओर बढ़ रहा था और उसमें भी नाम कमा रहा था .
Ranji trophy तक पहुंचकर उसने अपने माता-पिता और पूरे gwalior शहर का नाम ऊंचा कर दिया था. पर यह नाम ज्यादा दिनों तक ठहर नहीं पाया. Cricket के locker room में raman को कई दफा ऐसे लोग मिलते जो सफेद packet में आपस में कुछ बांट रहे होते . Raman जवान blood था और हर वह चीज try करना चाहता था जो उसे छोटे शहर में रहकर नहीं मिल रहा पा रही थी. ऐसी ही एक locker room meetinh में उसने पहली बार drugs के sniff लगाएं . Table पर lines बिछाकर सफेद powder के नशीले जहर को दोस्तों के साथ किसी तरह खींच लिया.
जब पहली बार किया तो peer pressure के नाम पर कर दिया पर कब यह सब उसकी आदत बन गई उसे पता भी नहीं चला. इसी सब का पता चलने के बाद cricket board ने उसे ban कर दिया और वह वापस gwalior आ गया. पर एक प्यासे को हमेशा कुए की तलाश होती है वैसे ही ramam को भी drugs की तलब drug mafia तक खींच लाई थी .
उसने यह भी महसूस करा की drugs की हेराफेरी म भी बहुत पैसा है. Gwalior की एक खतरनाक drug dealer से उसने meeting ki और अपने काम को अंजाम देने के लिए उनसे negotiations भी कर लिया . अब drug mafia के लिए gwalior शहर और उसके आसपास के इलाकों में युवाओं तक पहुंचाता था और बदले में कुछ drugs और खूब सारे पैसे बटोर लेता था. पर अब नशा drugs और पैसे दोनों का ही सर चढ़कर बोल रहा था. उसे समझ आ गया था कि अगर सिर्फ हेराफेरी के लिए उसे इतना पैसा मिल रहा है तो अगर वह इस drug mafia का सरताज ही बन जाए तो पैसे की किसी भी तरह से कोई कमी नहीं रहेगी .
उसने बहुत दूर की सोच ली थी. उसने यहां तक सोच लिया था कि power अपने हाथ में आने के बाद वह political carrer में भी अपनी image बनाना चालू करेगा . इसके लिए उसने आधारशिला रखने शुरू कर दी . Campaign करता और लोगों के सामने social work करने का drama भी करता. पर जहां ऊपरी सतह से वह पूरी तरह से दिखाने की कोशिश कर रहा था कि वह युवाओं का कल्याण चाहता है वही रात के अंधेरे में उन्हीं युवाओं को drugs के दलदल में धकेल रहा था. यह बात जब उसके इलाके में drug mafia को पता चली तो उन्होंने एक दिन चाय की दुकान पर बैठे रमन तिवारी के ऊपर गोलियां बरसा दी. रमन तिवारी के 2 लोग मारे गए और raman तिवारी अपना एक साथी के साथ वहां से बचकर भाग निकला. उसके कंधे पर गोली लगी थी पर जैसे तैसे एक बार मौत के मुंह से बाहर आ चुका था।
raman tiwari ने समझदारी से काम लिया. उसने पुलिस का informant बनके उसके साथ मिलकर ही माफिया के सारे ilako पर छापे पड़वा दिया। साथ में drugs mafia के दोनों ही बड़े दिग्गजो को लंबे समय के लिए जेल की सराखों के पीछे करवा दिया। अब रमन तिवारी के सामने कोई टिकने वाला नहीं था। उसने अपने जमा किए हुए सभी connections से अपना वर्चस्व पूरे शहर में बड़ा लिया ।
उसका political carrer जनता ने बनने नहीं दिया पर गुंडा तो बखूबी बन चुका था। उसने में gwalior में ही उसने अपने लिए बड़ी सी कोठी बन वाली थी और उसमें किसी नेता की तरह ही दरबार लगाया करता था । पर उसे यह पता नहीं था कि जैसे जैसे उसका वर्चस्व बढ़ रहा है वैसे वैसे उसके दुश्मन बढ़ रहे हैं। दोनों ही drug mafia paroll पर छूट गए। दोनों का कुछ भी खाक नही रहा था। सब कुछ लुट चुका था । पर चोट इतनी बड़ी थी अपना सब कुछ खो जाने के बाद थी जिस दिन निकले us दिन के बाद सबसे पहला ख्याल था– बदला.
दोपहर का वक्त था और रमन अपने ही घर में lawn में कुछ बच्चों के साथ cricket practice कर रहा था। आपस में एक दूसरे को catch दे रहे थे कि तभी raman तिवारी पर सामने से गोली बरसा दी गई । Raman Tiwari अपने ही बनाए महल में cricket खेलते हुए मारा गया।
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Apoorva