Mankirt Singh और उनकी जुड़वा बहन Jasvinder Singh सन 1940 मे Punjab मे पैदा हुए थे। दोनो भाई बहन आपस मे प्रेम से रहते, कभी कभार लड़ते झगड़ते, साथ ही में school जाते और एक साथ खेलते हैं । पर 1947 में हुई भारत और पाकिस्तान के partition के चलते दंगे होने लगे थे ।
Mankrit और jasvinder को safe रखने के लिए उनके मां-बाप ने सोचा कि उनका हिंदुस्तान जाना ठीक रहेगा । जब वह पंजाब की train से बैठकर हिंदुस्तान की ओर बढने लगे तो उनकी train पर आधी रात में भीड़ ने धावा बोल दिया । लोग तलवारे लेकर train पर चढ़े और ट्रेन रुकवा दी। इसी आवाजाही में किसी तरह मनकीरत के माता-पिता अलग हो गए और साथ ही दोनों बच्चे भी तितर-बितर हो गए। भगदड़ के बीच train का horn फिर से बजने लगा। जिसका मतलब यह था कि train फिर से चलने वाली है।
ऐसे में mankirt के पिता ने उनकी मां और jasvinder को train में जल्दी से जल्दी भीड़ के बीच बिठा दिया। पर veh खुद train में ना बैठ पाए। Jasvinder और उनकी मां दोनों ही पंजाब यानी हिंदुस्तान के भाग में सही सलामत पहुंच गए। पर उनके पिता कई महीनों तक इंतजार करने के बाद भी वहा ना पहुंच पाए। शुरुआती दिनों में Jasvinder और उनकी मां कई camps में रहे।
उनकी मां ने दूसरों के घर कामकाज करके किसी तरह jasvidner को पाला पोसा और बड़ा किया। Jasvinder ने खुद के लिए भी एक बेहतर जीवन बनाया और internet के ज़माने तक पहुंची। जब उन्होंने अपनी पूरी कहानी अपने पोते को बताई तो उनके पोते ने internet पर यूं ही उनकी कहानी डाल दी।
पर आगे जो हुआ वो बहुत ही चौका देने वाला था। उनके पोते को एक और नौजवान ने message किया और आपस में बात करने के बाद पता चला कि उनके दादी jasvinder सिंह के भाई mankirt सिंह जिंदा है और पाकिस्तान में रहते हैं । यह सुनकर Jasvinder खुशी से रोने लगी और कुछ महीनों बाद दोनों भाई बहन India pakistan के border Kartar sahib पर मिले और इतने सालों बाद भी एक दूसरे को देखते ही पहचान गए।
ऐसे ही Judwa connection की कहानी होने वाली है judwa ३.
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Apoorva