जब जुड़वा लोगों की मजेदार कहानियां हम सुनते हैं, तब हमें लगता है कि, जुड़वा होने के इतने फायदे हैं ना! सब को आसानी से उल्लू बना सकते हैं। पर उल्लू बनाने के लिए जुड़वा लोगों का शरीर भी अलग होना चाहिए ना। तभी तो लोगों को “दो अलग इंसान” नजर आएंगे। अरे आप कंफ्यूज मत होइए। हमें तो यह कहना है कि, आज की कहानी में अमृतसर के सोहणा और मोहणा नाम के जो जुड़वा भाई हैं, वह जुड़वा तो है, पर उनके शरीर एक साथ जुड़े हुए हैं।
14 जून 2003 को दिल्ली के सुचिता कृपलानी हॉस्पिटल में इनका जन्म हुआ। अब बच्चा हुआ है यह सुनकर मां बाप के चेहरे पर खुशी होनी चाहिए, पर इनकी केस में कुछ अलग ही हाल था। इनकी मां कामिनी और पापा सुरजीत ने इन्हें नहीं अपनाया। फिर अमृतसर स्थित पिंगलवाड़ा ने इनकी responsibility ली और इन्हें नाम दिया।
यह सुनकर आपको यह दोनों कहीं से भी लकी लग रहे हैं? बिल्कुल भी नहीं। पर यहा एक भाई दूसरे भाई का सहारा बन गया। दोनों छाती के निचले हिसले से एक-दूसरे से जुड़ हुए है। सिर, छाती, दिल, फेपड़े और रीढ़ अलग हैं, लेकिन बाकी सारे बॉडी पार्ट्स एक ही है। एक-दूसरे की मदद से यह दोनों काम करते हैं।
अब यह जहां रह रहे थे वो NGO इनका परिवार बन गया और धीरे धीरे करके यह दोनों बड़े होते गए। फिर अपने बलबूते पर इनमें से एक ने नौकरी भी हासिल की।
पंजाब के अमृतसर में जन्में सोहणा को पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) में नौकरी मिली। नौकरी के दौरान मोहणा उसके साथ ही रहेगा। दोनों डेंटल कॉलेज के पास बने बिजलीघर में रेगुलर टी मैट (maintenance officer) के तौर पर काम करेंगे। 11 दिसंबर 2021 को उसे अपॉइंटमेंट लेटर भी दिया गया था।
यहीं से उनकी तरक्की शुरू हुई। चलिए अब अच्छे रिश्तेदारों की तरह किसी को नौकरी लगने के बाद जो एक प्यारा सा और पारंपारिक सवाल पूछने का रिवाज है, उसे भी पूरा करते हैं। अरे नहीं समझे? इनसे पूछ लेते हैं ना कि,” भाई सैलरी कितनी मिलती है?”। यही सवाल पूछ पूछ कर हमारे रिश्तेदार हमारा सर खाते हैं ना।
खैर इन्हे 20 हजार सैलरी मिलने लगी।
दोनों ने इसी 2021 के जुलाई में इलेक्ट्रिकल डिप्लोमा पूरा किया, फिर उन्होंने कंपनी में जूनियर इंजीनियर की position के लिए अप्लाई कर दिया। किसे नौकरी दे, इसे लेकर कंपनी confused थी, क्योंकि दोनों के पास डिप्लोमा था और दोनों की skills भी एक जैसी ही थी।
फिर कंपनी मैनेजमेंट ने फाइनल डीसीजन लेते हुए सोहणा को नौकरी पर रखा। नौकरी मिलने के बाद सोहणा ने बताया कि पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नौकरी देने का promise दिया था। PSPCL के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर ने एप्लीकेशन फॉर्म आने के बाद CM चरणजीत सिंह चन्नी से बात की।
बात करने के करीब 5 महीने बाद उनकी demand पूरी हुई और स्पेशल केस के under सोहणा को नौकरी मिली।
नौकरी लगने के बाद दोनों डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा से मिलने पहुंचे और घर से ऑफिस आने-जाने की facility की demand की। डिप्टी कमिश्नर ने कंपनी के CMD से बात कर दोनों को घर से ऑफिस लाने ले जाने की व्यवस्था की। U know, pick and drop service!
एक के बाद एक इन्होंने अपनी काबिलियत के बलबूते पर तरक्की हासिल की। 2 साल बाद सोहणा ने अपने स्किल के दम पर प्रमोशन भी हासिल किया।
अगर “हमारी” जिंदगी में ऐसा कुछ होता, तो हम कंप्लेंट करते और रोते। पर इन्होंने ऐसा नहीं किया। इन्होंने उन सारे लोगों को तमाचा मारा जिन्होंने इन्हें underestimate किया। यह तमाचा बाकी किसी के लिए नहीं पर इनके मां बाप के लिए तो बनता है, जिन्होंने इन्हें जन्म के बाद ही छोड़ दिया और चले गए।
और आपको बताना तो भूल ही गए, जब इनका जन्म हुआ तब डॉक्टर ने कहा, कि यह ज्यादा दिन तक जिंदा नहीं रह सकते। पर इन दोनों ने डॉक्टर को गलत ठहराया। यह इनके सेल्फ कॉन्फिडेंस और पॉजिटिविटी की वजह से हुआ।
तो कई doctors यह बताते हैं कि, दुनिया के 2 लाख cases में से यह एक rare case है।
आज यह दोनों भाई अपनी अच्छी जिंदगी enjoy कर रहे हैं। वैसे इन दोनों के अलग अलग आधार कार्ड भी है।
तो यह जुड़वा भाई सच में उन सबके लिए इंस्पिरेशन हैं जिनकी लाइफ में ऐसा होता है। जब उनकी जिंदगी में ऐसा हुआ तब तो यह इस दुनिया में आए थे। उन्हें कुछ भी पता नहीं था, पर कहते हैं ना, destiny आपको कहीं भी ले जा सकती है और “सब का टाइम आता है”।
तो कैसी लगी आपको यह कहानी? वैसे जुड़वा 3 भी आने वाली है। हो सकता है कि, फिल्म में जो जुड़वा भाई होंगे या बहने होंगी शायद उनकी जिंदगी में भी मां बाप ने उन्हें ऐसे ही छोड़ दिया होगा या वह अनाथ हो सकते हैं। देखते हैं।