राकेश मारिया, एक Former Indian Police Officer हैं। उन्होंने आखिरी बार Home Guard के director General के रूप में काम किया था। इससे पहले उन्होंने मुंबई के police commissioner के रूप में काम किया था।
Rakesh Maria, batch 1981 के IPS Officer थे।
उन्होंने पहले attempt में ही CSE clear कर दिया था। IPS बनना उनकी पहली और only choice थी और उन्होंने IPS officer बन कर ही साँस ली। उन्होंने महाराष्ट्र में Additional SP और SP के रूप में काम किया, लेकिन उन्हें सिर्फ 4 सालों का experience मिलने के बाद DCP appoint किया गया और अपने DCP की duty time period में उन्होंने south Indian Don वरदराजन मुदलियार के कारोबार को बंद करा दिया था।
उन्हें जापान में training दी गई और फिर वो मुंबई में DCP Traffic बने। इस दौरान 1992 के दंगे और 1993 के धमाके हुए थे। तब seniors ने मामले को सुलझाने के लिए young Rakesh Maria पर भरोसा किया और उन्हें mumbai में होने वाले दंगों से निपटने का Task दिया गया। उन्होंने रिकॉर्ड time period में अपना task पूरा किया और दाऊद और टाइगर मेमन जैसे बडे Dons का भी पर्दाफाश किया।
पिछले Officers से अलग और उनके मुकाबले राकेश को अपने juniors से पूरा respect मिलता था। उनके साथ काम कर चुके एक encounter specialist officer ने कहा, कि राकेश सर की वजह से Policing को एक नया मतलब मिला है। Rakesh सर एक टास्क मास्टर हैं, लेकिन हम जानते हैं कि, ये अच्छे के लिए है, क्योंकि उनका कोई political Guru नहीं है।”
यह 1993 का serial Mumbai Bomb Attack था, जिसने Rakesh Maria को popularity दिलाई थी। वो उस समय माटुंगा में traffic branch में डिप्टी कमिश्नर के रूप में तैनात थे और ये उनकी ऐसी position थी, जो crime policing से जुड़ी नहीं थी। हालाँकि, 12 मार्च, 1993 की शाम को शहर में 12 locations पर एक साथ 12 बम विस्फोट हुए। माटुंगा पुलिस स्टेशन को एक Skin specialist डॉ. जयचंद का phone call आया, जिसने notice किया था कि उसके clinic के बाहर एक light blue scooter खडा था। ये Scooter blast से पहले भी वहीं था और उसके बाद भी वहीं खडा रहा।
Rakesh के leadership में एक टीम मौके पर पहुंची और explosives से भरे स्कूटर को बरामद किया। उसी रात पुलिस को एक लावारिस मारुति वैन मिली थी, जो कि रुबीना मेमन के नाम पर रजिस्टर्ड थी और उस Van में weapons, Hand grenades और बाकी हथियार मिले थे। राकेश एक टीम को मेमन के घर पर ले गया, लेकिन वहां ताला लगा हुआ था। जब वो उसके फ्लैट में घुसे, तो उन्हें क्लीनिक के बाहर explosives वाले स्कूटर की चाबी मिली और उस Scooter की चाबी ने, Rakesh को अब्दुल रज्जाक मेमन के बेटे टाइगर और याकूब मेमन तक पहुँचाया। Bomb Blast के दो दिन बाद ही राकेश ने Traffic division से होने के बावजूद भी मामले को सुलझा लिया था।
जिसके बाद, उनकी skills से impress होकर State Government ने especially राकेश मारिया के लिए Deputy Commissioner of police की post create की। Bomb blasts में उनके investigation के कारण 100 आरोप सही साबित हुए और याकूब मेमन को फांसी दी गई।
Yakub Memon, Mumbai के खतरनाक gangster Tiger Memon का भाई था।
तब से मारिया ने एक impressive Investigator के रूप में reputation बना ली।
अगस्त 2003 में, दो locations – गेटवे ऑफ इंडिया और झवेरी बाजार में तीन bomb blast हुए। उनके investigation को lead करते हुए, rakesh maria के पास 24 घंटे के अंदर case के बारे में ज्यादातर information थी। जल्द ही एक परिवार के तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और सभी को मौत की सजा मिल गई।
पुलिसमैन का कहना है कि, राकेश मारिया एक Soft- spoken पुलिस officer हैं, लेकिन फिर भी Straight forward और point to point बात करने वाले हैं। उनके एक senior police officer ने कहा, “एक interrogator के रूप में Rakesh Maria, Third degree के तरीकों में विश्वास नहीं करता, वो आरोपियों के साथ mind games खेलता है, जैसे कि interrogation तब करना जब आरोपी के पास पहले से ही बने बनाए जवाब ना हो।”
Rakesh Maria जिनका role पहले भी Bollywood की कई फिल्में जैसै black friday, A Wednesday और The attacks of 26/11 में हमें देखने को मिला है।
हो सकता है कि Baaghi 4 में भी इनके character से inspired, Main lead character हमें देखने को मिल जाए,जो third degree का इस्तेमाल करना तो जानता है, लेकिन हमेशा mind games को priority देता है।