कर्नाटक के बेल्लारी से भिवानी based अपने गांव लौटने के दौरान बॉक्सर आकाश कुमार खिड़की के बाहर देख कर यही सोच रहे थे कि, “कब जाकर मैं अपना गोल्ड मेडल मेरी मां को दिखाऊंगा, वो बहुत खुश होंगी। असली celebration तो उनके साथ होगा”। घर से निकलते वक्त मां से जो वादा किया था उसे वो बार-बार याद कर रहे थे, पर जैसे ही गांव में पहुंचे किसी के चेहरे पर खुशी थी, तो किसी के चेहरे पर गम। घर की दहलीज पर पहुंचने के बाद देखा तो बहुत सारे रिश्तेदार इकट्ठा हुए थे। उन्होंने आकाश को उसकी मां की फोटो दिखाई, जिसे देखकर आकाश के पैरों तले जमीन ही खिसक गई।
जाने से पहले मां से वादा किया था कि,” मां मैं जीत के आऊंगा, देश का नाम रोशन करुंगा और तिरंगा लहराऊंगा। यह मेडल मैं आपको डेडीकेट करूंगा”। मेडल तो मिला, जश्न भी हुआ, पर मां को खो दिया।
फिर वो रिश्तेदारों के साथ वहां पर बैठ गए और रिश्तेदारों ने उन्हें सारी सच्चाई बताना शुरू कर दिया।
दरअसल मैच टूर्नामेंट में 1 दिन पहले ही आकाश की मां की मौत हो गई थी। उन्हें काफी तेज बुखार था और उनके फेफड़ों में इन्फेक्शन हो चुका था। पर वो नहीं चाहती थी कि, आकाश का सपना अधूरा रहे और वो अपना ध्यान भटका कर इधर चला आए। इसलिए उन्होंने किसी को कुछ ना बताने का फैसला किया।
उनकी मां की बात उनके चाचा भंवर सिंह ने आकाश के कोच नरेंद्र राणा को बताई और उनसे कहा कि, “आकाश को इस बारे में कुछ भी मत बताइएगा”। इसलिए जब आकाश ने गोल्ड मेडल जीता तो भंवर सिंह की आंखों में आंसू थे और डर भी था कि, वह आकाश को किस तरह से सारी सच्चाई बताएंगे।
दरअसल आकाश के टूर्नामेंट जाने से पहले उनकी मां को अस्पताल ले जाया गया था और उन्होंने आकाश से बात भी की थी कि,” तुम डरना नहीं, मैं ठीक हूं और मैं जल्दी ठीक हो जाऊंगी। फिर एक साथ जश्न मनाएंगे”। इस पर आकाश ने भी यही कहा कि,” मेरा यह मेडल मैं आपके पैरों में रखना चाहता हूं, जल्दी से ठीक हो जाइएगा”।
मां की मौत के बाद फेसबुक पर उनकी मां के बारे में काफी posts थी, पर फ़िर कोच ने टीम को बता दिया कि,” जल्द से जल्द इसे हटा दो। आकाश को कुछ पता नहीं चलना चाहिए”। जितने के बाद social media पर congratulations के messages थे, फोन पर फोन आ रहे थे, उससे सब की tensions बढ रही थी।
अगर भंवर सिंह और नरेंद्र राणा यह सब कुछ ना करते तो, आकाश का ध्यान भटकता और आकाश ने जनवरी 2021 में गुवाहाटी में हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स में अंडर-21 कैटेगरी में जो गोल्ड मेडल जीता था, वो ना होता।
आकाश ने साथ ही 54 किलोग्राम कैटेगरी में नेशनल खिताब भी अपने नाम किया। राष्ट्रीय चैंपियनशिप के 54 किलोग्राम weight category में सर्विसेज के इस बॉक्सर ने अपने competitiors को रिंग में धूल चटाई।
तो यह थी आकाश कुमार की कहानी। अब देओल खानदान आ रहा है boxing ring में फिल्म अपने 2 के साथ, जिसमें सनी के बेटे करण देओल बनेंगे boxer। तो आकाश जैसे young and passionate boxer की story करण को suit कर सकती है। देखते हैं।