Sassi pannu की प्रेम कथा
हम सभी ने लैला मजनू, हीर रांझा और सोनी महिवाल की अटूट प्रेम कहानी के अफसाने बचपन से सुनते आ रहे हैं। कभी भी अगर अटूट प्रेम और त्याग की बात की जाती है तो सबसे पहले इन्हीं का नाम लिया जाता है, लेकिन कुछ प्रेम कहानियां ऐसी हैं जो इतिहास के पन्नों में दफन होकर रह गई, जी हां हम बात कर रहे हैं saasi punnu की प्रेम कहानी की, saasi punnu की प्रेम कहानी पंजाब की धरती में गहराई से रची बसी है, तो चलिए जानते हैं इस अनोखी प्रेम कहानी के बारे में जो इतिहास के पन्नों में अटूट प्यार और त्याग की अमर प्रेम कहानी के तौर पर दर्ज है। saasi का जन्म बंबोर राज्य के राजा के घर हुआ था, लाख मिनतो और दान दक्षिणा के बाद, राजा के घर एक खूबसूरत सी बच्ची ने जन्म लिया। जन्म के साथ, ही ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी कर दी की यह बच्ची बड़ी होकर अनोखा इश्क करेगी, यह सुनते ही राजा और उसका पूरा परिवार परेशान हो गया और इतनी मनतों, से मिली संतान को मारने का हुक्म दे दिया गया, लेकिन राज मंत्रियों ने बच्ची को सोने से भरी संदूक में डाल नदी में बहा देने का सुझाव दिया। बच्ची तूफानी नदी से बच निकली नदी किनारे कपड़े साफ कर रहे धोबी की नजर उस पर पड़ी धोबी ने नदी में डूबता उतराता संदूक देखा और उसे निकालकर खोला इतना सारा सोना और नन्ही सी बच्ची को पाकर वो बहुत खुश हुआ, चंद्रकला के समान सुंदर होने की वजह से उसने बच्ची का नाम saasi रखा. समय बीतता गया और saasi की सुंदरता की चर्चा दूर-दूर तक होने लगै लेकिन समय ने दुबारा करवट ली, एक दिन saasi नदी के रास्ते आने वाले सौदागरों के पास punnu की तस्वीर देखी और उस पर मोहित हो गई, वो बिना मिले ही punnu के लिए तड़पने लगी, उधर, दूर देश में रहने वाला punnu इस बात से अनजान था, बहुत ही खोजबीन के बाद saasi ने punnu का पाता पालिया. जानकारी देने वाले सौदागरों ने इनाम के लालच में खुद को punnu का भाई बताया और saasi ने उसे गिरफ्तार करवा लिया. saasi ने शर्त रखी की वह punnu को लेकर आए तो मैं इसे छोड़ देगी. माता-पिता के मना करने के बाद भी सौदागरों ने पुन्नू को अपने साथ चलने के लिए मना लिया. punnu को लेकर कारवां बंबोर लौटा सौदागरों ने अपनी उठ रस्सी के बाग में ऊठ आजाद छोड़ दिए और उन्होने सारे बाग उजाड़ दिए, जिससे गुस्सा होकर saasi ने कारवां वालों की खूब खबर ली, लेकिन अनजान punnu कारवां से अलग घूमता फीरता बाग में पहुंचा और वहां सजे saasi की सेज पर सो गया, चिक पुकार की आवाज से punnu की नींद टूटी तो सामने saasi नजर आई जो कारवां को खदेड़ रही थी, दोनों की पहली बार आंखें मिली. saasi punnu प्रेम में इस कदर खो गए की 10 दिन कैसे गुजर गए पता ही नहीं चला. उधर, punnu की मां अपने पुत्र के वियोग में तड़पने लगी, punnu के भाइयों से मां का यह हाल देखा नहीं गया और वह punnu को वापस लाने के लिए निकल पड़े, punnu के जाने से इंकार करने पर उन्होंने उसे खूब शराब पिलाई और बेहोशी की हालत में उसे साथ ले लिया. इधर sassi रोती तड़पती रही, saasi की मां ने उसे बहुत समझाया लेकिन saasi ने तय कर लिया की वह punnu तक हर हाल में जाएगी. saasi की मां ने उसे लंबे जलती रेगिस्तान का डर दिखाया लेकिन saasi तो punnu से मिलने को बेकरार थी, sassi अपने punnu की तलाश में रेगिस्तान में चल पडी और नंगे पांव उस आग के दरिया में अकेले ही उतर गई, रेगिस्तान की तपिश को saasi की कोमल त्वचा सह नहीं पाई और वह उसी रेगिस्तान के गर्म रेत में दफन हो गई। इधर punnu जब होश में आया तो उसे सबसे पहले saasi का ख्याल आया। वह उससे मिलने को तड़प उठा और चल पड़ा उसके राज्य की ओर, मगर रेगिस्तान में आने के बाद, उसे एक चरवाहे से पता लगा की उसकी saasi ने यही दम तोड़ दिया है, बस फिर क्या था saasi के बिना punnu का कैसा जीना punnu ने भी खुद को खत्म कर लिया। दोनों इस दुनिया से तो चले गए मगर इनकी प्रेम कहानी अमर हो गई।
तो ये थी saasi punnu की कहानी और इस कहानी से इंस्पायर हो सकती है Aashiqui 3 की कहानी।
Divanshu