Anant Singh आज भी बिहार में ऐसा नाम है सुनकर काफी पुलिस वालों की नींद उड़ जाती है । अनंत सिंह का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था जो बहुत ही धार्मिक था । कहते हैं कि अनंत सिंह के पिता साधु बन गए थे ।अनंत सिंह कितने भाई थे जिनमें से 2 का murder कर दिया गया था।
अनंत सिंह ने अपने जीवन का कुछ समय साधुओं के बीच की बिताया था और जब वह 15 साल की उम्र में वापस अपने घर आ रहा था तब से खबर मिली कि उसके भाइयों की कातिल गंगा नदी के आसपास कहीं रहते हैं । तब उस 15 साल की उम्र में अनंत सिंह तैर गंगा नदी पार की और उसने उन लोगों को ढूंढ निकाला और उन 3 लोगों का कत्ल कर दिया। इसी incidence ने अनंत सिंह को मोकामा जिले का एक कुख्यात don बना गया था।
उसने कई बार camera पर भी इस बात को सीधे-सीधे मान लिया कि उसने ही उन लोगों का कत्ल किया था और उसकी आंखों में यह न्याय था। इसके बाद के kidnapping murder extortion जैसी वारदातें अनंत सिंह के लिए आम बात हो गई और उसका कद बढ़ते-बढ़ते इतना बढ़ गया कि बिहार के उस वक्त के CM Nitish Kumar ने आनंद सिंह को अपनी party से ticket देदी।
एक तरफ तो नीतीश कुमार का नारा यह था कि वह बिहार से crime को खत्म करेंगे और दूसरी तरफ सिंह को टिकट दे रहे थे। उनके बलबूते पर से दो बार चुनाव जीता और उसके बाद जब उसकी नीतीश कुमार से बनना बंद हो गई तो उसने party छोड़ कर अकेले election लड़ा। जिस पर भी वह दोबारा जीत गया
अनंत सिंह जैसे don पर rape charges थे और murder जैसी कई साजिश है और कई बार इसमें journalists को मारा-पीटा और kidnap भी किया था।
लगातार नीतीश कुमार का सर पर हाथ होने के बावजूद 2015 में anant Singh को पटना में खबर आती है कि उसके परिवार की महिला को मोकामा में ही चौराहे पर छेद दिया गया है। तभी पटना की आवाज से गुंडों की पूरी फौज मोकामा के लिए निकल जाती है।
इसी बीच एक मुखबिर ने पुलिस को गुंडों की फौज के निकलने की खबर कर दी ।पुलिस की team जब तक वहां पहुंची तब तक 4 में से 3 लड़कों को बहुत बुरी तरह मारा जा रहा था और उनका केवल मरना ही बाकी था जैसे-तैसे पुलिस ने किसी तरह लड़कों को छुड़ाया और 5 लोगों को गिरफ्तार किया। चौथा लड़का का कोई पता नहीं था कुछ दिनों बाद मोकामा के इलाके के गांव में एक लाश मिलती है जो उस चौथे लडके की थी ।।
लाश की आंखें निकाल दी गई थी और शरीर पर बहुत गहरी चोटें थी। लाश मिलने के बाद पटना के SSP जितेंद्र राणा उन पांच कैदियों को पुलिस की खातिरदारी से वाकिफ कराते हैं। इसके बाद में अपना मुंह खोलते हैं और बताते हैं कि उनको छोटे सरकार यानी अनंत सिंह ने ही भेजा था । यह एक statement भी पुलिस के लिए काफी था। पर इससे पहले की SSP जितेंद्र राणा कोई भी कार्यवाही करके आनंद सिंह को गिरफ्तार करें उससे पहले उसी रात 10:00 बजे तक उनका transfer letter आ जाता है।
लेकिन जितेंद्र राणा भी दिमाग की तेज थे। उन्होंने letter ध्यान से पढ़ा उसमें लिखा था कि अगले दिन के 1:00 बजे तक उन्हें अपना charge दूसरे नए SSP को दे देना है। उन्होंने ठीक है 1:00 बजे ही press conference बुलाकर अनंत सिंह के बारे में सारा भांडा media में फोड़ दिया।
जो SSP आए थे उन पर दबाव तो था ही पर साथ ही सच्चाई यह थी कि वह खुद की अनंत सिंह को जेल पहुंचाना चाहते थे। उन्होंने चुपचाप बिना ढिंहडोरा पीटे court से अनंत सिंह के घर के search warrant के कागज बनवा लिए । एक साथ अनंत सिंह के कई अड्डों पर छापामारी गई हुई और कई ऐसे हथियार पाए गए जिन्हें रखना illegal माना जाता है। इसके बाद अनंत सिंह को पकड़ने के ठोस सबूत थे और magistrate की permission से उन्हें जेल में डाल दिया गय।
ऐसे ही don की कहनी होने वाली है Don 3
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Apoorva