Singapore में परिवार रहा करता था जिसका मुखिया था Ayakanu Maridhatu muthu. हाय कालू की उम्र करीबन 34 वर्ष थी आया करो अपने पत्नी और 3 बच्चों के साथ रहा करता था । Ayakanu अपने शहर के church में caretaker का काम करा करता था और उसी church के करीब उसने एक कमरा लेकर अपने बीवी बच्चों का पालन पोषण करना शुरू किया था।
सब कुछ ठीक चल रहा था पर 18 दिसंबर 1983 की रात को Ayakanu की पत्नी पुलिस स्टेशन पहुंचती है । वह पुलिस को कहती है कि उनका पति पिछले 6 दिनों से गायब है। पुलिस ने तुरंत तफ्तीश शुरू करती है। पत्नी ने बताया कि वही है कह गए थे कि casino जा रहा हूं। पुलिस उसने poster लगवाए अपने आदमियों को photos बांट दी ताकि कोई भी सुराग मिले तो उन तक जरूर पहुंचे। पर ayakanu का कोई भी पता नहीं लग पाया। धीरे-धीरे case बंद हो गया। इसी तरह साथ 4 साल बीत गए इस बीच Ayakanu की पत्नी ने कई बार पुलिस स्टेशन के चक्कर भी काटे पर किसी को भी कोई सुराग नहीं मिल पाया फिर धीरे-धीरे उसने भी जाना बंद कर दिया।
4 जनवरी 1987 यानी Atakanu के गायब होने के 4 साल बाद सिंगापुर के एक detective को उसके मुखबिर का message आता है। मुखबिर ने बताया कि उसे अपने लोगों से पता चला है कि दिसंबर 1983 में एक Ayakanu नाम के व्यक्ति का कत्ल हुआ । कत्ल 3 लोगों ने किया और उसके शरीर के बहुत छोटे-छोटे टुकड़े किए और अलग-अलग इलाकों में जाकर फेंक दिए । जो बड़े pieces बच गए थे उन्हें उन लोगों ने मसाले डालकर पका दिया इसके अलावा साथ में चावल भी पकाए, करीबन 50 लोगों का यह खाना बनाया और अपने पड़ोसियों में बांट दिया।
पहले तो detective ने ये बात मानने से मना कर दिया पर मुखबिर ने कहा कि उसकी कही हुई हर एक line बिल्कुल सच है। यह सुनने के बाद detective ने अपने तरीके से investigation शुरू की और आखिरकार उसे ayakanu की file मिल गई।
Investigation में जासूस को पता चला कि Ayakanu कभी-कभी शराब पिया करता था और शराब के नशे में अपनी पत्नी को मारता था। इसके अलावा उसे हमेशा से इस बात पर शक था कि Ayakanu की पत्नी को पुलिस तक पहुंचने में 6 दिन क्यों लगे? वह दूसरे और तीसरे दिन ही क्यों पुलिस में report लिखाने नहीं आई? इसके अलावा Ayakanu के पत्नी के तीन भाई भी थे जो finance ministry में काम किया करते थे। Detective को शक था कि कहीं इन्हीं लोगों ने मिलकर Ayakanu का कत्ल तो नहीं किया!
पुलिस ने Ayakanu की पत्नी उसके तीनों भाई और उनकी तीनों पत्नियों को गिरफ्तार किया उसके साथ और उन्हें उनकी मां को भी गिरफ्तार किया। आठों को बिठाकर पूछताछ की गया तो पहले तो सभी ने मना कर दिया की उन्हें यह भी नहीं पता की ayakanu जिंदा है अभी या नहीं। पर ज्यादा पूछताछ करने पर उनमें से एक टूट गया और पुलिस के सामने सारा सच और पूरी वारदात को अंजाम देने की हामी भरी।
यह मामला जब court में ले जाया गया तब judge के सामने पूरी कहानियां किस्सा सुनाया गया पर हैरानी की बात यह है कि ना तो लाश थी, ना ही कोई murder weapon ना कोई चश्मदीद। इसीलिए वहां के अदालत ने आठों को बरी करने का फैसला किया पर पुलिस ने उनसे request करें कि वह इस case में जरूर evidence ढूंढ कर लाएंगे।
अदालत ने तीनों भाइयों को jail में रखा और उनकी पत्नियों और Ayakanu की मां और पत्नी को बरी कर दिया। 4 साल बीत गए और तीनों भाइयों ने court से अर्जी लगाई क्योंकि उसके बाद भी पुलिस के पास कोई सबूत नहीं था । इसीलिए 1991 में court ने तीनों भाइयों को release कर दिया।
ऐसे ही खूंखार criminal की कहानी होने वाली है Don 3
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Apoorva